सिर्फ 2 साल में 1 लाख करोड़ डॉलर बढ़ा एप्पल का मार्केट कैप
सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्य 20,666 करोड़ रुपये घटा
साउदी अरामको का बाजार पूंजीकरण फिलहाल 176,000 करोड़ डॉलर है।
RIL के अलावा एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, ICICI बैंक और आईटीसी के बाजार मूल्य में भी बढ़त
इसके बाद दूसरे स्थान पर टीसीएस है, जिसका मार्केट कैप 8,07,419.38 करोड़ रुपए है। तीसरे स्थान पर एचडीएफसी बैंक है, जिसका मार्केट कैप 6,11,095.46 करोड़ रुपए है।
बाजार पूंजीकरण के हिसाब से सऊदी अरामको दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी
बीते हफ्ते के दौरान इंफोसिस का बाजार मूल्य सबसे ज्यादा 52 हजार करोड़ रुपये बढ़ा
कंपनी द्वारा जियो प्लेटफॉर्म्स में एक ओर निवेशक क्वालकॉम द्वारा 730 करोड़ रुपए का निवेश करने की घोषणा के बाद सोमवार को आरआईएल के शेयर में तेजी देखने को मिली।
RIL देश की पहली कंपनी बनी जिसका बाजार पूंजीकरण 11 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा
न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज 19,300 अरब डॉलर के बाजार मूल्यांकन के साथ पहले स्थान पर है। वहीं नैसडैक 13,800 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ दूसरे स्थान पर है।
आज के कारोबार में शेयर साल के नए उच्चतम स्तर पर पहुंचा
सेंसेंक्स की शीर्ष दस में से सात कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 1,76,014.51 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में एचडीएफसी बैंक रहा।
हफ्ते के दौरान TCS का बाजार मूल्य सबसे ज्यादा 73,753 करोड़ रुपये बढ़ा
हफ्ते के दौरान 10 कंपनियों में से पांच का मार्केट कैप बीते सप्ताह 1.64 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
सप्ताह के दौरान आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्य सबसे ज्यादा 21,561 करोड़ रुपये बढ़ा
HUL देश की पहली FMCG कंपनी बनी जिसका मार्केट कैप 5 लाख करोड़ से ज्यादा
सेंसेक्स की शीर्ष दस कंपनियों में से सात के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 2,82,548.07 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
सेंसेक्स की शीर्ष दस कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 4,22,393.44 करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई।
कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद घरेलू शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली है, और एक दिन में निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गए।
शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता के कारण यह गिरावट हुई।
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