केंद्र सरकार ने मैरिटल रेप को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग करने वाली याचिकाओं का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। केंद्र ने कहा कि मैरिटल रेप को अपराध बनाने की जरूरत नहीं है।
एमपी हाईकोर्ट ने पत्नी के द्वारा दर्ज कराई गई एक एफआईआर को खारिज करते हुए कहा है कि पति के द्वारा किसी की प्रकार से बनाया गया संबंध बलात्कार नहीं माना जाएगा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि मैरिटल रेप आईपीसी की धार के तहत अपराध नहीं है, इसलिए पत्नी की सहमति महत्वहीन हो जाती है।
एक बहू के साथ क्रूरता और आपराधिक धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार महिला की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बेहद तीखे लहजे में कहा कि बलात्कार आखिर बलात्कार है, फिर चाहे वह महिला के पति द्वारा किया गया हो।
Marital Rape:पति का पत्नी के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाना या पत्नी का पति से उसकी अनिच्छा के बावजूद संभोग करना क्या मैरिटल रेप (वैवाहिक दुष्कर्म) की श्रेणी में आना चाहिए?.... यह एक ऐसा सवाल है जिसने पूरे देश में नई बहस छेड़ दी है।
Marital Rape: ताजा बहस मैरिटल रेप को लेकर हो रही है। आईपीसी या भारतीय दंड संहिता रेप की परिभाषा तो तय करते हैं लेकिन उसमें शादी के बाद 'पति द्वारा ब्लात्कार' या फिर मैरिटल रेप का कोई जिक्र नहीं किया गया है।
दिल्ली हाईकोर्ट के जज राजीव शकधर और सी. हरिशंकर ने मैरिटल रेप को लेकर अलग-अलग फैसला सुनाया है। कोर्ट के एक जज ने इस प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे जज ने कहा कि यह असंवैधानिक नहीं है।
अदालत ने क्रूरता के आधार पर तलाक की याचिका स्वीकार करने वाले पारिवारिक न्यायालय के फैसले के खिलाफ पति की अपील खारिज कर दी। इसके अलावा अदालत ने पति द्वारा वैवाहिक अधिकारों की मांग करने वाली एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया।
सरकार शादी के लिए लड़की की न्यूनतम उम्र सीमा में बदलाव कर सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शादी की न्यूनतम उम्र सीमा में यह बदलाव मातृत्व मृत्युदर (maternal mortality) में कमी लाने के मकसद से किया जाना है।
पुरुष को यह साबित करना होगा कि महिला ने सहमति दी है।
पति उत्पीड़न का हथियार बन जाएगा वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करना ये बातें केंद्र सरकार की ओर से अदालत में पेश किए गए हलफनामे में कहा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि पति और पत्नी के बीच यौन संबंध का कोई विशिष्ट सबूत नहीं हो सकता।
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