मराठा समुदाय के लिए सोमवार को उद्धव सरकार ने बड़ा ऐलान किया। राज्य में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग को मिलनेवाला EWS आरक्षण कैटेगरी में मराठा समाज का समावेश होगा। सरकार ने नया आदेश जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण को रद्द करने के बाद महाराष्ट्र में राजनीति उफान पर है। हर कोई एक दूसरे पर इसकी नाकामी का ठीकरा फोड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को निरस्त कर दिया है। मराठा आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग लंबे समय से चलती आ रही है और 2018 में महाराष्ट्र सरकार ने इसपर कानून भी बना दिया था और सरकारी नौकरियों तथा शिक्षा में मराठाओं को 16 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की थी
है। देशमुख ने एक टीवी चैनल से कहा कि राज्य सरकार विचार कर रही है कि मराठा आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की अंतरिम रोक से प्रभावित होने वाले छात्रों को किस तरह से राहत दी जा सकती है।
भाजपा सांसद संभाजी छत्रपति ने कहा कि महाराष्ट्र का मराठा समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी (ओबीसी) के तहत नहीं बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों की श्रेणी में आरक्षण चाहता है।
शिवसेना नीत महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए हुए आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने के पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के फैसले को लागू करने का बुधवार को फैसला किया।
सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण देने को चुनौती देने वाली याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मराठा समुदाय को 2014 से पूर्व प्रभावी तौर पर आरक्षण देने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के पहलू
आरक्षण को बरकरार रखने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया है कि संविधान पीठ द्वारा तय आरक्षण पर 50% कैप का उल्लंघन हुआ है। इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
वकील पूजा धर द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि उच्च न्यायालय ने केवल इस तथ्य को असाधारण परिस्थिति मानकर गलती की कि अन्य ओबीसी को मराठों के साथ अपना आरक्षण कोटा साझा करना होगा (अगर मराठा को मौजूदा ओबीसी श्रेणी में डाला गया)।
बंबई उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद न्यायालय परिसर में लोगों ने ‘जय मराठा, एक मराठा लाख मराठा’ का नारा लगाया। उन्होंने एक दूसरे से गले मिलकर और हाथ मिलाकर बधाई दी। खुशी के इस माहौल ने कई मराठा कार्यकर्ताओं ने भगवा झंडे लहराए जिन पर छत्रपति शिवाजी की तस्वीर थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण बरकार रखा | कोर्ट ने मराठा आरक्षण को सही मानते हुए कहा की मराठाओं को आरक्षण मिलता रहेगा |
मराठा आरक्षण पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मराठा आरक्षण बरकरार रखा है, लेकिन निर्दश दिए हैं कि 12 से 13 प्रतिशत तक ही दिया आरक्षण दिया जाए।
उच्च न्यायालय ने नौकरियों में भर्तियों के लिए विज्ञापन निकालने को लेकर इस महीने की शुरूआत में राज्य सरकार को फटकार लगाई थी क्योंकि इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाएं लंबित हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा ने मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 16 प्रतिशत आरक्षण देने से संबंधित विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा ने नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने वाले एक विधेयक को गुरुवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया जो राज्य की राजनीति में खासतौर से चुनाव नजदीक होने के समय समुदाय की महत्ता को दर्शाता है।
महाराष्ट्र में राज्य के मराठा समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग आज पूरी हो गई। राज्य विधानसभा ने मराठा समुदाया को 16 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित कर दिया है।
विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही बाधित की। दोनों पार्टियां राज्य में मराठा और धनगर (गड़रिया) समुदायों के लिए आरक्षण की सिफारिश से जुड़ी रिपोर्ट सदन के पटल पर तत्काल रखने की मांग कर रही थीं।
नवंबर 2014 में एक अंतरिम आदेश में बंबई उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने तत्कालीन सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी। कुछ याचिकाओं में सरकार के फैसले का विरोध किया गया था जबकि दो याचिकाओं में कोटा तत्काल लागू करने की मांग की थी।
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