महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर मराठा समुदाय के लोग नेताओं को निशाना बना रहे हैं। इस वजह से सीएम और बाकी मंत्रियों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। ताजा मामला ये है कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और अजित पवार गुट के नेता हसन मुश्रीफ की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई है।
डॉ. जितेंद्र आव्हाड मराडा समाज के समर्थन में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां आंदोलनकारियों ने उन्हें मंच से नीचे उतार दिया। साथ ही उनसे कहा कि ये मंच सिर्फ आम कार्यकर्ताओं के लिए है।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे अनशन पर बैठे हैं। आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के कई हिस्से में हिंसक घटनाएं हुईं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
राज्य में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर घमासान मचा हुआ है। समाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हुए हैं। उनके इस अनशन को 7 दिन बीत चुके हैं।
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों द्वारा कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी के कारण कई जिलों में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है। दूसरी ओर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को आरक्षण के मुद्दे पर अल्टीमेटम दिया है।
राज ठाकरे ने मनोज जरांगे से अपील करते हुए कहा है कि वह अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म करें। राज ने महाराष्ट्र विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की है। गौरतलब है कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को बड़ी चेतावनी दी है। पाटिल ने कहा है कि सरकार आज रात को फैसला लेकर कल विशेष अधिवेशन बुलाए और मराठा आरक्षण पर फैसला करें।
मराठा आरक्षण का मुद्दा बहुत पुराना और बहुत जटिल है। 42 साल पुराना ये मसला 42 घंटों में सुलझ जाएगा इसकी उम्मीद करना ठीक नहीं है। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सबसे पहले 1981 में अन्नासाहेब पाटिल ने आंदोलन किया था, उसके बाद हर पार्टी ने मौके के हिसाब से इस पर सियासत की।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन की आग धाराशिव तक पहुंच गई। प्रदर्शनकारियों ने यहां भी आगजनी और तोड़फोड़ की जिसके बाद यहां भी प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा। जिलाधिकारी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन के बीच सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इस बैठक में तीन अहम फैसले लिए गए।
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने राज्य के कई जिलों में तोड़फोड़ और आगजनी की है। इस कारण कई जिलों में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सोमवार को जहां इसे लेकर प्रदर्शन उग्र हो गया और प्रदर्शनकारियों ने एनसीपी नेता के घर में आग लगा दी। इस आरक्षण के समर्थन में शिंदे गुट के दो सांसदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह आग सरकार ने ही लगाई है और उसे ही इसे बुझाना चाहिए।
महाराष्ट्र में जारी मराठा आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। यहां आंदोलनकारियों ने सत्तारूढ़ दल के विधायक के घर को आग के हवाले कर दिया। इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस अधिकारियों और जिलाधिकारियों संग बैठक की।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ED ने नोटिस भेजा है और 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। ये पूछताछ दिल्ली की नई शराब नीति मामले में होगी। इससे पहले सीबीआई भी केजरीवाल से पूछताछ कर चुकी है।
एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ और उसमें आग लगाने की घटना के बाद अब भाजपा विधायक प्रशांत बंब के दफ्तर में भी तोड़फोड़ हुई है। मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से उग्र होता जा रहा है।
महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन हो रहे हैं। अब यह आंदोलन हिंसक होते जा रहे हैं। इसी दौरान कुछ आंदोलनकारियों ने एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ की और आग के हवाले कर दिया।
मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच तेली समुदाय को डर सता रहा है कि कहीं ओबीसी के कोटे से मराठों को आरक्षण न दिया जाए। इस बाबत तेली महासंघ ने बैठक का आयोजन किया।
मराठा समुदाय को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'अजित दादा ने क्या कहा इसकी मुझे जानकारी नहीं है। लेकिन ओबीसी गणना में सरकार की भूमिका पहले ही स्पष्ट हो चुकी है।'
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मसला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। कई दौर की बैठकों और मुलाकातों के बाद भी मामला टस से मस नहीं हुआ है।
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