मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में पेश और पारित किए गए आरक्षण विधेयक का स्वागत किया, लेकिन तर्क दिया कि जो आरक्षण प्रस्तावित किया गया है वह समुदाय की मांग के अनुसार नहीं है।
महाराष्ट्र विधानसभा मराठा आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास हो गया। इससे पहले आज सुबह कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिल गई थी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे विधानसभा में पेश किया गया।
एकनाथ शिंदे की कैबिनेट ने आज मराठा आरक्षण ड्राफ्ट बिल पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके साथ ही अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।
महाराष्ट्र विधानसभा का आज एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में मराठा आरक्षण पर चर्चा होने के आसार हैं। माना जा रहा है कि सरकार मराठा आरक्षण पर बड़ा कदम उठा सकती है।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि इस रिपोर्ट को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान पेश किया जाएगा, ताकि मराठा समुदाय को आरक्षण देने की दिशा में आगे का खाका तैयार किया जा सकें।
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मनोज जरांगे पाटिल एक बार फिर से अनशन पर बैठ गए हैं। ये एक साल से भी कम समय में चौथी बार है जब जरांगे मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए अनशन पर हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार 20 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलायेगी।
मनोज जरांगे मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह में शामिल करने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में एनसीपी के नेता छगन भुजबल के कार्यालय पर किसी अनजान शख्स ने लेटर भेजा है। लेटर में छगन भुजबल को जान से मारने की धमकी दी गई है। वहीं लेटर जारी होने पर पुलिस ने भी मामले का संज्ञान लिया है।
मराठा नेता मनोज जरांगे ने कहा कि अगर छगन भुजबल मराठा आरक्षण की राह में रोड़े अटकाते रहे तो हमारा धैर्य जवाब दे जाएगा और हमें मंडल आयोग को चैलेंज करना पड़ेगा।
मनोज जारांगे पाटिल ने बुधवार को कहा कि पिछले 70 वर्षों में यह पहली बार है कि मराठा समुदाय को आरक्षण के लिए मजबूत कानून मिला है।
मनोज जरांगे ने छगन भुजबल द्वारा इस्तीफे की बात करने पर कहा कि कोई भी व्यक्ति दबाव बनाने की इस तरह की रणनीति के आगे नहीं झुकेगा।
मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब सरकार में ही दो फाड़ होते नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार ने किसी तरह से इस आंदोलन को समाप्त कराया तो वहीं अब छगन भुजबल ने खुल कर सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
मराठा आंदोलन वापस लेने पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जरांगे का अभिनंदन किया साथ ही ये कहा कि जिन्होंने पुलिस को मारा है और घर जलाए हैं उनके खिलाफ मुकदमे वापस नहीं होंगे।
सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल को जूस पिलाकर उनका अनशन तोड़ा। जरांगे ने कल ही इस बात की जानकारी दी थी कि उनकी मांगे मान ली गई हैं।
मराठा आरक्षण को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा था। आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है और इसके साथ ही हमारा विरोध भी समाप्त हो गया है। जरांगे आज सीएम की मौजूदगी में आंदोलन समाप्त करेंगे।
मनोज जरांगे पाटिल ने शिंदे सरकार को कल दोपहर तक का समय दिया है। अगर उनकी मांगे सरकार नहीं मानती है तो वे फिर आजाद मैदान जाकर अपनी भूख-हड़ताल को जारी करेंगे।
मराठा आरक्षण के मुख्य नेता मनोज जरांगे पाटिल को मुंबई पुलिस ने नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि 26 जनवरी को वह लाखों की संख्या में अपने साथ लोगों को लेकर मुंबई आ रहे हैं। ऐसे में वह शिवाजी पार्क/आज़ाद मैदान में ना जाएं।
मनोज जरांगे पाटिल ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने सरकार को 7 महीने का समय दिया था और आगे कोई विस्तार देने के मूड में नहीं है। साथ ही संकल्प लिया कि आरक्षण दिए जाने तक मराठा मुंबई नहीं छोड़ेंगे।
ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ओबीसी समाज को लिखित आश्वासन दिया है कि मराठा को ओबीसी समाज के अंदर से रिजर्वेशन नहीं दिया जाएगा। यदि गलती से भी सरकार या कदम उठाती है तो 400 जातियां सड़क पर आ जाएगी।
मराठा आरक्षण आंदोलन के जननायक मनोज जरांगे पाटिल एक फिर आमरण अनशन करने वाले हैं। 20 जनवरी को मराठा एक बार फिर मुंबई रवाना होंगे और पाटिल यहां आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे। इस दौरान उन्होंने सरकार को कहा कि इससे पहले अगर आरक्षण दे दिया थो ठीक वरना हम आ रहे हैं।
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