मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत काफी खराब हो गई है लेकिन इसके बावजूद वह न तो इलाज कराने को तैयार हैं और न ही कोई दवाई ले रहे हैं।
मराठा आंदोलन के नायक कहे जाने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने अपने अनशन को खत्म कर दिया है। लेकिन अब अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा उनपर हमला किया जा रहा है। भाजपा विधायक ने तो यहां तक कह दिया कि वो उद्धव गुट और शरद पवार गुट की भाषा बोल रहे हैं।
मनोज जरांगे मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह में शामिल करने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं।
मनोज जरांगे पाटिल ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने सरकार को 7 महीने का समय दिया था और आगे कोई विस्तार देने के मूड में नहीं है। साथ ही संकल्प लिया कि आरक्षण दिए जाने तक मराठा मुंबई नहीं छोड़ेंगे।
ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ओबीसी समाज को लिखित आश्वासन दिया है कि मराठा को ओबीसी समाज के अंदर से रिजर्वेशन नहीं दिया जाएगा। यदि गलती से भी सरकार या कदम उठाती है तो 400 जातियां सड़क पर आ जाएगी।
मराठा आरक्षण आंदोलन के जननायक मनोज जरांगे पाटिल एक फिर आमरण अनशन करने वाले हैं। 20 जनवरी को मराठा एक बार फिर मुंबई रवाना होंगे और पाटिल यहां आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे। इस दौरान उन्होंने सरकार को कहा कि इससे पहले अगर आरक्षण दे दिया थो ठीक वरना हम आ रहे हैं।
मराठा आरक्षण आंदोलन का प्रमुख चेहरा मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत खराब हो गई है। बीड जिले के अम्बा जोगई के थोराट अस्पताल में उनका इलाज जारी है। बता दें कि पाटिल अम्बाजोगई में एक सभा में भाग लेने गए थे। इस दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई।
बिहार में आरक्षण बढ़ाने को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। इस बीच कांग्रेस पार्टी के नेता विजय वेडेट्टीवार ने कहा कि सरकार बेसिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है। जब बिहार सरकार आरक्षण का फीसदी प्रतिशत बढ़ा सकती है तो महाराष्ट्र सरकार क्यों नहीं।
ये भी सही है कि इस बार मराठा आरक्षण के आंदोलन को हवा देने का काम शरद पवार और उनकी पार्टी के नेताओं ने किया। उनकी मंशा इस मामले में केंद्र सरकार को फंसाने की है। इसीलिए उनके लोग बार बार कह रहे हैं कि अगर मराठाओं को कोई आरक्षण दे सकता है तो केंद्र सरकार दे सकती है।
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों द्वारा कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी के कारण कई जिलों में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है। दूसरी ओर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को आरक्षण के मुद्दे पर अल्टीमेटम दिया है।
मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को बड़ी चेतावनी दी है। पाटिल ने कहा है कि सरकार आज रात को फैसला लेकर कल विशेष अधिवेशन बुलाए और मराठा आरक्षण पर फैसला करें।
मराठा आरक्षण का मुद्दा बहुत पुराना और बहुत जटिल है। 42 साल पुराना ये मसला 42 घंटों में सुलझ जाएगा इसकी उम्मीद करना ठीक नहीं है। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सबसे पहले 1981 में अन्नासाहेब पाटिल ने आंदोलन किया था, उसके बाद हर पार्टी ने मौके के हिसाब से इस पर सियासत की।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन की आग धाराशिव तक पहुंच गई। प्रदर्शनकारियों ने यहां भी आगजनी और तोड़फोड़ की जिसके बाद यहां भी प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा। जिलाधिकारी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने राज्य के कई जिलों में तोड़फोड़ और आगजनी की है। इस कारण कई जिलों में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह आग सरकार ने ही लगाई है और उसे ही इसे बुझाना चाहिए।
महाराष्ट्र में जारी मराठा आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। यहां आंदोलनकारियों ने सत्तारूढ़ दल के विधायक के घर को आग के हवाले कर दिया। इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस अधिकारियों और जिलाधिकारियों संग बैठक की।
महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन हो रहे हैं। अब यह आंदोलन हिंसक होते जा रहे हैं। इसी दौरान कुछ आंदोलनकारियों ने एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ की और आग के हवाले कर दिया।
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल के अल्टीमेटम के बाद ओबीसी वर्ग और राजनीतिक गलियारों में हडकंप मच गया है। इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस ने आज मुंबई में अपने ओबीसी विंग की बैठक बुलाई है।
महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन के हिंसक होने के बाद सूबे में सियासी पारा भी गरम हो गया है।
महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन में तेजी देखने को मिल रही है। जालना के बाद अब संभाजीनगर में पुलिस ने धारा 37 (3) लागू कर दी है। साथ ही राज ठाकरे के काफिले को भी संभाजीनगर जाने से रोक दिया गया है।
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