महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 20 नवंबर को वोटिंग होगी। वोटिंग से पहले ही मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने बीते 22 फरवरी को विधानसभा का विशेष अधिवेशन बुलाकर मराठा समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल पास किया था। अब इस आरक्षण के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में पेश और पारित किए गए आरक्षण विधेयक का स्वागत किया, लेकिन तर्क दिया कि जो आरक्षण प्रस्तावित किया गया है वह समुदाय की मांग के अनुसार नहीं है।
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मनोज जरांगे पाटिल एक बार फिर से अनशन पर बैठ गए हैं। ये एक साल से भी कम समय में चौथी बार है जब जरांगे मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए अनशन पर हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार 20 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलायेगी।
मराठा नेता मनोज जरांगे ने कहा कि अगर छगन भुजबल मराठा आरक्षण की राह में रोड़े अटकाते रहे तो हमारा धैर्य जवाब दे जाएगा और हमें मंडल आयोग को चैलेंज करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा है कि राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को नया इम्पेरिकल डेटा तैयार करने के लिए कहा है और उन्हें पर्याप्त जनशक्ति, कार्यालय और 360 करोड़ की धनराशि प्रदान की है।
मनोज जरांगे ने कहा कि सरकार ने पहले ही कहा था कि वह अंतरवाली सराटी में हुई घटना से संबंधित मामले वापस ले लेगी। मगर उन्होंने वहां लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, कुछ ऐसी चीजें हुई हैं जिस कारण बैठक को पहले ही बुलाना पड़ रहा है।
मनोज जरांगे पाटिल द्वारा अनशन खत्म किए जाने पर सीएम एकनाथ शिंदे ने पूरे सकल मराठा समाज को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सकारात्मक काम करना चाहती है और सभी को ध्यान में रखकर फैसले लेती है।
महाराष्ट्र में इन दिनों मराठा समाज की तरफ से आरक्षण की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल को लगातार अश्वासन देकर मनाने की कोशिश में हैं।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन के चलते आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सभी दलों के नेता शामिल हुए। साथ ही सभी ने मराठा आरक्षण को लेकर एकजुटता दिखाई है।
मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में तनाव के हालात बने हुए हैं। राठा समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए हैं और उग्र आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच शिवसेना उद्धव गुट ने राष्ट्रपति मुर्मू से मिलने का समय मांगा है।
डॉ. जितेंद्र आव्हाड मराडा समाज के समर्थन में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां आंदोलनकारियों ने उन्हें मंच से नीचे उतार दिया। साथ ही उनसे कहा कि ये मंच सिर्फ आम कार्यकर्ताओं के लिए है।
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों द्वारा कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी के कारण कई जिलों में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है। दूसरी ओर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को आरक्षण के मुद्दे पर अल्टीमेटम दिया है।
मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को बड़ी चेतावनी दी है। पाटिल ने कहा है कि सरकार आज रात को फैसला लेकर कल विशेष अधिवेशन बुलाए और मराठा आरक्षण पर फैसला करें।
एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ और उसमें आग लगाने की घटना के बाद अब भाजपा विधायक प्रशांत बंब के दफ्तर में भी तोड़फोड़ हुई है। मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से उग्र होता जा रहा है।
महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन हो रहे हैं। अब यह आंदोलन हिंसक होते जा रहे हैं। इसी दौरान कुछ आंदोलनकारियों ने एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ की और आग के हवाले कर दिया।
सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया कि उनकी सरकार मराठा समुदाय के सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन को साबित कर उन्हें आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।
महाराष्ट्र में मराठा समाज द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर विरोध तेज होता जा रहा है। राज्य सरकार और मराठा समाज के नेताओं के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है।
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर अड़े मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि सरकार का सम्मान रखते हुए मैंने पानी पीया था, लेकिन आज शाम तक जीआर नहीं मिला, तो पानी छोड़ दूंगा।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस 2018 में क़ानून बनाया गया, जिसके बाद हाई कोर्ट ने उसे मान्यता दी। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, जहां 2020 में स्टे लग गया और मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण कैंसल कर दिया।
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