कोरोना संकट से आगे भी मांग पर असर बने रहने की आशंका
बिजली और खनन क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले बेहतर ग्रोथ दर्ज
बाजार मांग में सुधार का असर दिखना शुरू हो गया है। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार जनवरी में देश की विनिर्माण गतिविधियां आठ साल में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गयी हैं।
देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में नवंबर में थोड़ा सुधार हुआ लेकिन नए आर्डर और उत्पादन में गहमा-गहमी की कमी से कुल मिला कर इस क्षेत्र की वृद्धि दर अभी धीमी बनी हुई है।
कारखानों के ऑर्डर एवं उत्पादन की वृद्धि दर के दो साल के निचले स्तर पर आ जाने से अक्टूबर महीने में भी विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती जारी रही।
यात्री वाहनों के बाद अब कमर्शियल वाहनों का निर्माण करने वाली प्रमुख वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने उत्पादन को बाजार की मांग के साथ समायोजित करने के लिए अपने विभिन्न संयंत्रों में मैन्युफैक्चरिंग को इस महीने 15 दिनों तक निलंबित रखेगी।
सूचकांक का 50 से अधिक रहना विस्तार दर्शाता है जबकि 50 से नीचे का सूचकांक संकुचन का संकेत देता है।
सरकार विदेशी निवेश आकर्षित करने के इरादे से अनुबंध आधार पर विनिर्माण में 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की मंजूरी देने के प्रस्ताव पर काम कर रही है, सूत्रों ने यह जानकारी दी। मौजूदा विदेश निवेश नीति के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
आईएचएस मार्किट का इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जून के 52.10 की तुलना में सुधरकर जुलाई में 52.5 पर पहुंच गया।
रिपोर्ट के अनुसार मार्च में कारखानों को नए ऑर्डर मिलना और उत्पादन बढ़ना सितंबर के बाद सबसे कम गति से बढ़ा है। वहीं रोजगार निर्माण में यह वृद्धि दर आठ माह के निचले स्तर पर है।
भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां दिसंबर में एक माह पहले की तुलना में थोड़ा धीमी रहीं लेकिन इस क्षेत्र के लिए 2018 की समाप्ति कुल मिला कर तेजी के साथ हुई।
देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अक्टूबर में वृद्धि दर्ज की गई। विनिर्माताओं ने अपना उत्पादन बढ़ाया, साथ ही रोजगार का स्तर भी बढ़ा है।
विनिर्माण कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किए जाने वाले मासिक सर्वेक्षण की सोमवार को जारी एक रपट में यह बात सामने आयी है
विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन का समग्र सूचक निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जुलाई में गिरकर 52.3 हो गया, जो कि जून में 53.1 था।
नियाभर में धीरे-धीरे रोबोट लोगों की नौकरियां खाते जा रहे हैं, कुछेक देश तो ऐसो हो गए हैं जहां पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कुल वर्क फोर्स का 6-7 प्रतिशत हिस्सा रोबोट ले चुके हैं। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स (IFR) के आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देशों में मैन्युफैक्चरिंग में सबसे ज्यादा रोबोट काम कर रहे हैं
देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अप्रैल महीने में मामूली सुधार हुआ है। इसकी प्रमुख वजह नए ऑर्डर में तेजी, मांग की अनुकूल स्थितियों के बीच महंगाई के दबाव का कम होना रहा।
देश की विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र की गतिविधियां मार्च में गिरकर पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं। इसकी प्रमुख वजह नए ऑर्डर की धीमी रफ्तार और भर्ती प्रक्रिया को लेकर कपनियों की सुस्ती रही।
कारखानों में उत्पादन और नए कारोबारी ऑर्डर में वृद्धि की गति धीमी पड़ने से देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों फरवरी में चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, जनवरी के मुकाबले इसमें गिरावट मामूली रही।
विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गई। इसकी अहम वजह कारखानों का उत्पादन, नए ऑर्डर और रोजगार वृद्धि का धीमा रहना है। यह बात कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किए जाने वाले एक मासिक सर्वेक्षण में सामने आयी है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को कहा कि भारत के अगले 8-9 साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाने की उम्मीद है जिसमें विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़