पीएम मोदी आज मन की बात के 98वें एपिसोड को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा 'मन की बात' को आप सभी ने जनभागीदारी की अभिव्यक्ति का अद्भुत प्लेटफॉर्म बना दिया है. वहीं पीएम ने भारत में तेजी से बढ़ते Digital को लेकर भी कई बड़ी बातें बताई.
Pm Modi Mann ki Baat: PM Modi ने चंदौली के रहने वाले मदन मोहन से की E-Sanjeevani पर चर्चा, क्या है ई-,संजीवनी ऐप जिसके बारे में मोदी जी ने और मदन मोहन ने विस्तार से बताया...
Prime Minister Narendra Modi ने शनिवार (Sunday) को इस साल की पहली 'मन की बात' (Mann Ki Baat) की. इस दौरान अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के पहले एपिसोड में आदिवासी समाज को लेकर बड़ी बात कही. पीएम मोदी ने कहा कि पद्म पुरस्कार विजेताओं की एक बड़ी संख्या आदिवासी समुदाय से आती है.
Mann Ki Baat: मन की बात के 96वें संस्करण को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 96वें संस्करण को संबोधित किया. मन की बात का 96वां एडिशन साल 2022 का आखिरी एडिशन है. साल की आखिरी मन की बात, मोदी का संवाद.
चार राज्यों में BJP की ऐतिहासिक जीत के बाद आज पीएम मोदी ने मासिक 'मन की बात' को संबोधित किया। मन की बात के 87वें एडिशन में मोदी ने स्वच्छ भारत, जल संरक्षण जैसे मुद्दों पर अपना मत रखा। उन्होंने यहां योगगुरु स्वामी शिवानंद की भी बड़ाई की और उन्हें पूरे भारत का प्रेरणा स्रोत बताया। सुनिए उनकी पूरी स्पीच।
पीएम मोदी ने आज 'मन की बात' के 86 वें संस्करण को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की। सुनिए उनका पूरा सम्बोधन।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के साथ साल के आखिरी 'मन की बात' के जरिए जनता से संवाद किया। उन्होंने अपने संबोधन में कई विषयों पर चर्चा की जैसे कोरोना वायरस का नया ओमिक्रॉन वेरिएंट, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की प्रेरणादायक चिट्ठी, आज़ादी का अमृत महोत्सव, अरुणाचल प्रदेश एयरगन सरेंडर अभियान, आदि। सुनिए पूरा संबोधन।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 83वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने स्टार्टअप, आयुष्मान भारत, वृन्दावन, देश में अमृत महोत्सव, और कोरोनावायरस जैसे विषयों पर बात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आकाशवाणी के 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से संवाद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज के कार्यक्रम की शुरुआत कोरोना वैक्सीनेशन के जिक्र के साथ की। साथ ही उन्होंने ड्रोन, भगवान बिरसा मुंडा, सरदार पटेल, और UN में अटल बिहारी वाजपेयी का हिंदी में सम्बोधन जैसे विषयों पर भी बात की। सुनिए पूरी स्पीच।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'मन की बात' (Mann ki Baat) कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से संवाद किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत में बताया कि उन्होंने अमेरिका यात्रा की वजह से 'मन की बात' के इस एपिसोड को पहले ही रिकॉर्ड कर लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सितम्बर में जिस दिन ‘मन की बात’ है, उसी तारीख को एक और महत्वपूर्ण दिन होता है। ये day ऐसा है जो भारत की परम्पराओं से बहुत सुसंगत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए जनता के बीच अपने विचार रखे। आज मन की बात रेडियो कार्यक्रम का 80 वां एपिसोड प्रसारित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपिक में हॉकी की जीत का जिक्र करते हुए कहा कि जबतक ओलंपिक में हॉकी में पदक नहीं मिलता तबतक जीत का आनंद नहीं आता। इससे पहले ‘‘मन की बात’’ के 79 वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आह्वान किया था कि जिस प्रकार देश की आजादी के लिए सभी लोग एकजुट हो गए थे उसी प्रकार सभी को देश के विकास के लिए भी एकजुट होना है। उन्होंने कहा-यह संकल्प लें कि देश ही हमारी सबसे बड़ी आस्था, सबसे बड़ी प्राथमिकता बना रहेगा। ‘राष्ट्र सर्वप्रथम, हमेशा सर्वप्रथम’ के मंत्र के साथ ही हमें आगे बढ़ना है।’’
पीएम मोदी ने मन की बात में देश से संवाद करते हुए टोक्यो ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने मन की बात की शुरुआत टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी से की। पीएम मोदी ने कहा-दो दिन पहले की कुछ अद्भुत तस्वीरें मेरी आंखों के सामने है। टोक्यो ओलंपिक में खिलाड़ियों को तिरंगा लेकर चलते देख मैं ही नहीं पूरा देश रोमांचित हो उठा। पूरे देश ने जैसे एक होकर अपने इन योद्धाओं से कहा कि विजयी भव: ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कोविड-19 रोधी टीकों को लेकर हिचकिचाहट दूर करने व इससे जुड़े अफवाहों से दूर रहने की सलाह देते हुए रविवार को देशवासियों को आगाह किया कि वे यह समझने की भूल ना करें कि यह वैश्विक महामारी खत्म हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के अपने 78 वें संस्करण में रविवार को लोगों से अपील की कि वे कोविड के टीके से हिचकिचाएं नहीं और अपने व अपने परिवार के सदस्यों की कोरोना से सुरक्षा सुनिश्चित करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन हमारा हथियार है और इसे जरूर लगवाना हैl साथ ही पीएम ने लोगों से यह भी कहा कि वैक्सीन को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों से बचकर रहें और अफवाह फैलाने वालों को भी बताएं कि ऐसा न करेंl
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रेडियो पर प्रसारित होने वाले मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशावसियों से संवाद किया। पीएम मोदी ने आज के कार्यक्रम में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक गेम्स, कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम, गांव-किसान आदि को लेकर बातचीत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश वासियों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कोविड महामारी से लेकर तूफान और किसान पर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र अपनी पूरी ताकत के साथ कोविड-19 से लड़ रहा है। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बताया कि सामान्य वक्त में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन का दैनिक उत्पादन 900 मीट्रिक टन होता है जो अभी 10 गुणा अधिक होकर करीब 9,500 मीट्रिक टन हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने पहली वेब में भी पूरे हौसले के साथ लड़ाई लड़ी थी, इस बार भी वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में भारत विजयी होगा।
भारत में जारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और कोरोना संकट को लेकर चर्चा की। इन्हीं में से एक झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस चर्चा को लेकर एक ट्वीट कर दिया, जिसपर अब बवाल छिड़ गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी का ये कार्यक्रम इसबार कोरोना संक्रमण की दूसरी प्रचंड लहर के बीच हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा, "मन की बात ऐसे समय कर रहा हूं जब कोरोना सभी के धाय्र और दुख को बर्दास्त करने की परीक्षा ले रहा है। बहुत से अपने असमय छोड़कर चले गए, पहली वेव का सफलता पूर्वक मुकाबला करने के बाद देश आत्मविश्वास से भरा था लेकिन इस तूफान ने देश को झोकझोर दिया।"
खेती में नए विकल्पों को आजमाने के लिए किसानों को प्रेरित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "प्रिय देशवासियो, जीवन के हर क्षेत्र में, नयापन, आधुनिकता, अनिवार्य होती है, वरना, वही, कभी-कभी, हमारे लिए बोझ बन जाती है। भारत के कृषि जगत में – आधुनिकता, ये समय की मांग है। बहुत देर हो चुकी है। हम बहुत समय गवां चुके हैं।"
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