प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने हिंसा से प्रभावित शहरी स्थानीय निकायों, पंचायती राज और स्वायत्त जिला परिषदों (एडीसी) को सहायता पैकेज और अनुदान देने का भी आग्रह किया।
चुराचांदपुर जिले में थांगजिंग रिज के ऊपरी इलाके में पंगजंग गांव में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने चार रॉकेट जब्त किए। दो रॉकेट कम से कम आठ फीट लंबे थे और अन्य दो रॉकेट सात फीट लंबे थे।
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने अवैध प्रवासियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले 40 या 50 सालों से बहुत कम लोगों ने देखा है कि कैसे अवैध प्रवासी मणिपुर में आकर बस गए हैं।
मणिपुर के कई जिलों में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं। बता दें कि सूबे में पिछले कई महीनों से तनाव का माहौल बना हुआ है।
ऐसा आरोप है कि लड़की आरोपी की दुकान पर कुछ सामान लेने गई थी तभी उसके साथ छेड़छाड़ की गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद गुस्साए लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके बाद आरोपी ने दुकान के मालिक के घर में शरण ले ली।
तलाशी अभियान के दौरान एक नौ एमएम पिस्तौल, चार हथगोले, एक डेटोनेटर और 12 कारतूस बरामद किए गए, इसके अलावा चार खाली मैगजीन, छह खाली कारतूस और एक ‘स्मोक ग्रेनेड’ भी जब्त किया गया।
मणिपुर के जिरिबाम जिले के एक गांव में उग्रवादियों ने तड़के हथियार लेकर गोलीबाजी के साथ बमबारी भी की है। सुरक्षाबलों ने गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। सुरक्षाबलों ने गांव में अब मोर्चा संभाल लिया है।
मणिपुर में 2017 में भाजपा सरकार सत्ता में आई और 2020 से पिछले चार वर्षों से एडीसी का कोई चुनाव नहीं हुआ है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों और जनजातीय विरोधी है क्योंकि उसने पिछले चार वर्ष से एडीसी चुनाव जानबूझकर नहीं कराए।
मणिपुर में करीब 17 महीने पहले भड़की जातीय हिंसा के बाद राज्य में जारी संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान तलाशने के प्रयास के तहत पहली बार मेइती, कुकी और नगा समुदायों के 20 विधायकों ने यहां मंगलवार को बैठक की।
मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने की उसकी मांग के विरोध में राज्य के पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकता मार्च निकाले जाने के बाद पिछले साल 3 मई को जातीय हिंसा भड़क गई थी। इसमें कुकी और मेइती समुदायों के 220 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
मणिपुर में मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘नगा समुदाय की ओर से तीन विधायक अवांगबोउ न्यूमाई, एल. दीको और राम मुइवा नयी दिल्ली में बैठक में शामिल होंगे।
राज्य में अशांति के चलते मणिपुर पुलिस बेहद चौकन्ना है। किसी भी बड़ी अनहोनी से पहले ही पुलिस ने उग्रवादी संगठन के दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस अब इन उग्रवादियों से पूछताछ कर रही है।
उग्रवादी की पहचान 39 वर्षीय एम. धनबीर के रूप में हुई है। उसने बताया कि वह कथित तौर पर इम्फाल और उसके आसपास जबरन वसूली के अपराध में शामिल था। पुलिस के मुताबिक, धनबीर को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था।
बुधवार को इंफाल पूर्व जिले के चम्फाई पहाड़ी पर एक अभियान में सुरक्षा बलों ने एक एम-16 राइफल, एक .22 राइफल, दो एसएलआर, एक देसी स्टेन गन, दो कार्बाइन, नौ एमएम की आठ देसी पिस्तौल, तीस मैगजीन तथा दो इंच के 12 मोर्टार जब्त किए।
मणिपुर में तीन दिनों के भीतर भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद जब्त किया गया है। इसमें एक एम-16 राइफल भी शामिल है। पुलिस अधिकारियों ने देसी हथियार भी जब्त किए हैं, जिनमें हथगोले और पिस्तौल शामिल हैं।
मणिपुर पुलिस और असम राइफल ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर इतनी बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया है। पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है कि आखिर इसके पीछे की मंशा क्या थी?
27 सितंबर को एन. जॉनसन सिंह अपने दो दोस्तों के साथ इंफाल वेस्ट जिले के न्यू कीथेलमानबी में केंद्रीय बलों में भर्ती के लिए कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की जीडी भर्ती परीक्षा देने गए थे, लेकिन रास्ता भटक गए और कुकी बहुल कांगपोकपी जिले में पहुंच गए, जहां उग्रवादियों ने तीनों का अपहरण कर लिया था।
मणिपुर के उखरुल शहर में जमीन के विवाद में दो गुटों के बीच गोलीबारी हो गई। इस दौरान हुई गोलीबारी में 3 लोगों की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए हैं। बता दें कि इस घटना के बाद से पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
एन जॉनसन सिंह केंद्रीय बलों के लिए एसएससी जीडी भर्ती परीक्षा के लिए इंफाल पश्चिम जिले के न्यू कीथेलमनबी इलाके जा रहे थे। एन जॉनसन सिंह के साथ दो दोस्त भी थे, लेकिन वे रास्ता भटक गए और कुकी बहुल कांगपोकपी जिले में पहुंच गए, जहां शुक्रवार को उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया।
भारत के कई राज्य इस वक्त भीषण बाढ़ के संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने गुजरात समेत बाढ़ से प्रभावित 3 राज्यों के लिए 675 करोड़ रुपये वित्तीय सहायता की मंजूरी दी है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़