मणिपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद बरामद किया है। वहीं, राज्य के मंत्री व विधायक लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
मणिपुर में सुगनू/सेरौ के इलाकों में असम राइफल्स, बीएसएफ तथा पुलिस द्वारा चलाए गए व्यापक अभियान के दौरान पांच-छह जून की दरमियानी रात सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच गोलीबारी हुई।
हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर में जहां फिर से सामान्य स्थिति बहाल करने की कोशिश जारी है वहीं राज्य सरकार ने एक बार फिर इंटरनेट सेवाओं पर रोक की अवधि 10 जून तक बढ़ा दी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य में जातीय हिंसा होना बेहद ही दुखद है। उन्होंने कहा कि इस हिंसा का अगले 15 दिनों में राजनीतिक समाधान निकाल लिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में आगे कभी भी हिंसा ना हो इसके लिए भी सरकार काम करेगी।
मणिपुर में हिंसा करीब एक महीने से हो रही थी लेकिन अब हालात सामान्य हो रहे हैं। यहां के 11 जिलों में आज लगातार दूसरे दिन भी कर्फ्यू में ढील दी गई है।
मणिपुर में जारी हिंसा को महीना होने वाला है लेकिन हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। मणिपुर में मेन लड़ाई दो समुदायों के बीच है लेकिन इस हिंसा की आग में अब तक 80 लोग मारे जा चुके हैं।
मणिपुर में हिंसा की आग लगभग एक महीने से जारी है। हालात को काबू में करने के लिए आज से गृह मंत्री अमित शाह राज्य में तीन दिन के दौरे पर जा रहे हैं।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने आज कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद मणिपुर के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट - अंडरग्रेजुएट टेस्ट, नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) UG टेस्ट की नई संभावित तारीखों की घोषणा की है।
मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा और तनाव का माहौल बन गया है। कई इलाकों में आगजनी के बाद कर्फ्यू लगाया गया है और सेना भी बुलाई गई है।
यूपीएससी ने मणिपुर के उम्मीदवार के लिए सिविल सर्विस एडमिट कार्ड को लेकर जरूरी नोटिस जारी किया है। उम्मीदवार इस नोटिस को जरूर पढ़ें..
आप वीडियो फुटेज में साफ देख सकते हैं कि सेना इंफाल के ऊपरी इलाकों की किस तरह हवाई निगरानी कर रही है।
भारतीय सेना और असम राइफल्स के करीब 10,000 सैनिकों ने बुधवार को प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च जारी रखा और UAV की मदद से चौबीसों घंटे हवाई निगरानी की।
छात्रों ने कहा कि वे अपने घर वापस आकर बेहद खुश हैं क्योंकि मणिपुर में हो रही हिंसा ने उन्हें बेहद परेशान कर दिया था।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन ने बताया कि हिंसा में करीब 60 लोगों ने जान गंवा दी और 231 लोग घायल हो गए, जबकि 1700 घर जल गए।
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मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में सशस्त्र बलों द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है। साथ ही इस बाबत सेना के जवानों से संपर्क करने के लिए सेना ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है ताकि लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके।
भारतीय सेना द्वारा इस बाबत एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा गया है कि भारतीय सेना आपसे बस एक फोन कॉल की दूरी पर है। 24*7 हेल्प डेस्क हेल्पडेस्क को स्थापित किया गया है।
सरकार ने आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच भड़के हिंसा के बीच उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया है। वहीं सेना और असम राइफल्स के 55 कॉलम को वहां तैनात किया गया है।
दंगों की आग में मणिपुर जल रहा है। एक जिले से उठी चिंगारी आठ जिलों तक फैल गई है जिसमें मकान, दुकानें सब जल रही हैं। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि सेना को बुलाना पड़ा है।
। राज्य सरकार ने ‘‘गंभीर स्थिति’’ में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया। इस हिंसा के चलते करीब 9,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए हैं।
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