मणिपुर के जिरिबाम जिले के एक गांव में उग्रवादियों ने तड़के हथियार लेकर गोलीबाजी के साथ बमबारी भी की है। सुरक्षाबलों ने गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। सुरक्षाबलों ने गांव में अब मोर्चा संभाल लिया है।
मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने की उसकी मांग के विरोध में राज्य के पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकता मार्च निकाले जाने के बाद पिछले साल 3 मई को जातीय हिंसा भड़क गई थी। इसमें कुकी और मेइती समुदायों के 220 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
मणिपुर में मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘नगा समुदाय की ओर से तीन विधायक अवांगबोउ न्यूमाई, एल. दीको और राम मुइवा नयी दिल्ली में बैठक में शामिल होंगे।
राज्य में अशांति के चलते मणिपुर पुलिस बेहद चौकन्ना है। किसी भी बड़ी अनहोनी से पहले ही पुलिस ने उग्रवादी संगठन के दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस अब इन उग्रवादियों से पूछताछ कर रही है।
मणिपुर पुलिस और असम राइफल ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर इतनी बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया है। पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है कि आखिर इसके पीछे की मंशा क्या थी?
मणिपुर सरकार ने अपने उस दावे को वापस ले लिया है, जिसमें कहा गया था कि 900 कुकी उग्रवादी 28 सितंबर के आस-पास इम्फाल घाटी के दूर-दराज के गांवों पर हमला कर सकते हैं।
मणिपुर में दो समुदायों के बीच पिछले एक साल से अधिक समय से हिंसक संघर्ष चल रहा है। इसे लेकर कांग्रेस सांसद ए बिमोल अकोईजाम ने केंद्र की निष्क्रियता पर तीखे सवाल उठाए हैं।
मणिपुर के कई जिलों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं। वहीं, अब मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के खिलाफ कुकी छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। कुकी छात्र संगठनों ने सरकार के अलर्ट को दुष्प्रचार बताया है।
मणिपुर में आज सरकार ने इंटरनेट पर लगी सारी पबंदियां हटा दी हैं। साथ ही स्कूलों के खुलने का भी ऐलान कर दिया है।
मणिपुर पुलिस ने बताया कि राज्य में प्रदर्शनकारियों के पास अत्याधुनिक हथियार हैं। कई सुरक्षाबलों को घायल कर दिया गया है। विरोध प्रदर्शन का ये तरीका सही नहीं है। पुलिस समुदाय का हिस्सा है, वह उनकी दुश्मन नहीं है।
मणिपुर में कुकी आतंकियों द्वारा ड्रोन के जरिए बम गिराए जाने की घटना के बाद सीएम बीरेन सिंह ने इसे आतंकी हमला करार दिया और कहा कि इसके जिम्मेदार लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
मणिपुर के बीजेपी एमएलए ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर राज्य से केंद्रीय बल हटाने का अनुरोध किया है।
मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। ताजा मामला इंफाल पश्चिम जिले का है, जहां संदिग्ध उग्रवादियों की ओर से किए गए हमले में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई।
मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह ने मणिपुर में 6 महीने के भीतर शांति व्यवस्था कायम करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए एक दूत की नियुक्ति भी कर ली गई है। वहीं इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा कि 'मैं इस्तीफा क्यों दूं?'
मणिपुर के हालात का जिक्र करते हुए शरद पवार ने कहा कि मणिपुर जैसे हालात महाराष्ट्र में भी ही सकते है। उन्होंने कहा कि दो समाज जो सालों से एक साथ रह रहे थे उनमें संघर्ष शुरू हो गया।
कांग्रेस ने कहा, बजट में भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया गया। पूरे पूर्वोत्तर पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। मणिपुर को एक बार फिर नजरअंदाज किया गया। बाढ़ प्रभावित असम का जिक्र किया गया, लेकिन मणिपुर की बाढ़ का कोई उल्लेख नहीं था।
राहत शिविर में राहुल गांधी सभी लोगों के साथ जमीन पर बैठे और उनकी बात सुनी। मणिपुर में लंबे समय से मैतेयी और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष जारी है। इन दंगों के कारण बड़ी संख्या में लोग बेघर हो चुके हैं।
Rahul Gandhi Manipur Visit: राहुल गांधी के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। ड्रोन के जरिए फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
हिंसा झेल रहे मणिपुर में जल्द ही NRC लागू हो सकता है। मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके बताया है कि इस मामले को लेकर राष्ट्रपति और गृह मंत्री शाह से चर्चा भी हुई है।
मणिपुर से कांग्रेस सांसद अंगोमचा बिमल अकोइजम ने लोकसभा में कहा कि उनके प्रदेश के 60 हजार लोग एक साल से राहत शिविरों में दयनीय स्थिति में रह रहे हैं और 200 से ज्यादा हिंसा में मारे जा चुके हैं।
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