पुलिस ने JDU विधायक की मां के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के हवाले से बताया कि उनके घर पर हमला करके भीड़ ने 1.5 करोड़ रुपये के गहने और 18 लाख रुपये कैश लूट लिए।
कुछ महीनों तक तनावपूर्ण शांति के बाद मणिपुर एक बार फिर हिंसा की चपेट में आग गया है। आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि एक बार फिर मणिपुर में अशांति फैलने लगी है?
मणिपुर में लोगों को कर्फ्यू में ढील दी गई है। इससे लोगों को जरूरी सामान खरीदने में सहुलियत मिलेगी।
कुकी संगठन ने सरकार से उन लोगों को भी सजा दिलाने की मांग की है, जिन्होंने पिछले साल मई में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद कुकी-जो समुदाय की कई महिलाओं और बच्चों की हत्या की।
मणिपुर में कई सांसदों के आवासों पर हमले के कुछ दिनों बाद, राज्य के एक मंत्री ने अपने घर की सुरक्षा बढ़ा दी है।
मणिपुर में पिछले साल मई महीने से हिंसात्मक घटनाएं हो रही हैं। राज्य के अलग-अलग जिलों में लोगों के घर तक जला दिए जा रहे हैं। महिलाओं और बच्चों पर जानलेवा हमले भी हो रहे हैं।
मणिपुर हिंसा को लेकर सियासत अब तेज हो गई है। एनपीपी ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। एनपीपी के समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस ने तंज कसा है और कहा है, भाजपा अब अस्त, सूर्य पूरब से ही उगता है।
मणिपुर में पिछले साल मई महीने से हिंसा फैली हुई है। इस बीच, मणिपुर के कई विधायकों के घरों में आग लगा दी गई। उपद्रवियों ने विधायकों की घर पर रखी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया है।
एनपीपी ने भले ही बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया हो, लेकिन अभी भी बीजेपी की सरकार राज्य में बनी रहेगी, क्योंकि पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत है।
मणिपुर में लगातार हिंसा के बीच प्रदर्शन हो रहे हैं और उग्र प्रदर्शनकारी नेताओं के घर को निशाना बना रहे हैं। इस बीच सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल ने इंफाल का दौरा किया।
मणिपुर में हाल में हुई हिंसक झड़पों और जारी हिंसा को राहुल गांधी ने बेहद परेशान करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह पूरे राज्य की सामाजिक संरचना को कमजोर कर रही है।
मणिपुर में तीन लोगों की मौत के बाद गुस्साई भीड़ विधायकों और मंत्रियों के घर में घुस गई। इसके बाद अनिश्चितकाल के लिए कर्प्यू लगा दिया गया है।
पिछले कई महीनों से अशांत चल रहे मणिपुर के जिरीबाम जिले में 3 लोगों के शव बरामद होने के बाद इंफाल घाटी में शनिवार को कई जगह प्रदर्शन हुए।
सुरक्षाबलों ने आज सुबह 2 लोगों की लाश बरामद की है, दोनों लाशों की पहचान कर ली गई है। वहीं अब भी 6 लोग लापता है, जिनकी तलाश की जा रही है।
उपद्रवियों ने पहले सीआरपीएम पोस्ट पर हमला किया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की और 10 उपद्रवियों को मार गिराया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने हिंसा से प्रभावित शहरी स्थानीय निकायों, पंचायती राज और स्वायत्त जिला परिषदों (एडीसी) को सहायता पैकेज और अनुदान देने का भी आग्रह किया।
ऐसा आरोप है कि लड़की आरोपी की दुकान पर कुछ सामान लेने गई थी तभी उसके साथ छेड़छाड़ की गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद गुस्साए लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके बाद आरोपी ने दुकान के मालिक के घर में शरण ले ली।
मणिपुर के जिरिबाम जिले के एक गांव में उग्रवादियों ने तड़के हथियार लेकर गोलीबाजी के साथ बमबारी भी की है। सुरक्षाबलों ने गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। सुरक्षाबलों ने गांव में अब मोर्चा संभाल लिया है।
मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने की उसकी मांग के विरोध में राज्य के पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकता मार्च निकाले जाने के बाद पिछले साल 3 मई को जातीय हिंसा भड़क गई थी। इसमें कुकी और मेइती समुदायों के 220 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
मणिपुर में मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘नगा समुदाय की ओर से तीन विधायक अवांगबोउ न्यूमाई, एल. दीको और राम मुइवा नयी दिल्ली में बैठक में शामिल होंगे।
संपादक की पसंद