मणिपुर में हिंसा भड़काने के लिए कई प्रतिबंधित संगठनों का हाथ है। मणिपुर पुलिस अब इन संगठनों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। एक-एक कर इन प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में आफस्पा बढ़ाए जाने को लेकर गृहमंत्रालय ने नोटिस जारी किया है। मंत्रालय ने इन राज्यों के कुछ इलाकों में छूट दिए जाने का भी ऐलान किया है।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने बेंगलुरु में मणिपुर समेत देश के कई अहम मुद्दों पर गहन चर्चा की। तीन दिवसीय बैठक का उद्घाटन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किया। संघ ने शिक्षा के लिए मातृभाषा के इस्तेमाल का समर्थन किया है।
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में जोमी और हमार समुदायों के बीच हुई ताजा झड़पों के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। हालांकि दोनों समुदायों ने शांति की अपील की है, लेकिन हालात पूरी तरह ठीक नहीं हैं।
मणिपुर में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने अलग-अलग अभियान में चार उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। आइए जानते हैं इस मामले को विस्तार से।
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल लिया। कुकी-बहुल क्षेत्रों में बंद के कारण समान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को घरों में रहने की अपील की गई है।
मणिपुर में लोगों ने हिंसा के दौरान सुरक्षाकर्मियों के दौरान लूटे गए हथियारों को वापस किया है, जिसकी संख्या 1000 से अधिक बताई गई है।
मणिपुर में हिंसा के चलते लंबे समय से अशांति बनी हुई है। राज्य में कानून व्यवस्था लागू करने में नाकाम रहने के कारण मुख्यमंत्री इस्तीफा भी दे चुके हैं। इस बीच राज्य के छह जिलों से 104 हथियार बरामद हुए हैं।
मणिपुर में गवर्नर अजय कुमार भल्ला की अपील पर लूटे गए हथियार लौटाए जा रहे हैं। 7 जिलों में 87 हथियार और गोला-बारूद पुलिस को सौंपे गए।
मणिपुर में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की अपील के बाद 3 जिलों में 15 हथियार पुलिस को सौंपे गए। इंफाल पश्चिम जिले के सिंगजामेई पुलिस थाने में एक SMC कार्बाइन, डबल बैरल गन, और हैंड ग्रेनेड समेत 4 हथियार सरेंडर किए गए।
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने चेतावनी जारी की है। उन्होंने लोगों से 7 दिन के अंदर लूटे गए और अवैध हथियारों को लौटाने को कहा है।
पिछले 20 महीने से हिंसक वारदातें झेल रहे मणिपुर की चर्चा पूरे देश में हो रही है। इस बीच सीएम बीरेन सिंह ने अपने पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया है। जानें मणिपुर हिंसा की वजह और पूरी टाइमलाइन...
मणिपुर पिछले कई महीनों से हिंसा की चपेट में है। राज्य के कई जिलों में आगजनी और लूटपाट की घटनाएं सामने आई हैं। मणिपुर में चप्पे-चप्पे पर सेना और पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।
चुराचांदपुर में चलाए गए इस ऑपरेशन का उद्देश्य जबरन वसूली को रोकना था। पकड़े गए विद्रोही गांव में पूर्व सैनिकों से जबरन वसूली कर रहे थे।
साल के आखिरी दिन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मणिपुर हिंसा के लिए राज्य की जनता से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि यह पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मुझे सच में खेद है।
मणिपुर के इंफाल में उग्रवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में चार लोग घायल हो गए हैं। इस घटना पर राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह ने कड़ी निंदा जताई है और उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट शेयर किया है।
मणिपुर की राजधानी इंफाल के उरीपोक खाईदेम लेइकाई इलाके में अज्ञात बदमाशों ने एक प्राइमरी स्कूल के टीचर के घर के पास ग्रेनेड रख दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच शुरू की।
मणिपुर से एक बार फिर से हिंसा की खबर आ रही है। बिहार के दो मजदूरों की हत्या कर दी गई है। जब दोनों मजदूर काम से घर लौट रहे थे तो उन्हें गोली मार दी गई जिससे उनकी मौत हो गई।
मणिपुर पुलिस ने इंफाल पश्चिम जिले में कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया, जिसके पास से हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया।
मणिपुर बीजेपी ने कांग्रेस पर कुकी संगठनों से संबंध के आरोप लगाए हैं। बीजेपी नेता के. शरतकुमार ने अपने आरोपों को समर्थन में राहुल गांधी को लिखी गई एक चिट्ठी का जिक्र किया।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़