श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और गुरुवार का दिन है। एकादशी तिथि रात 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। आज पुत्रदा एकादशी है। इस दिन श्रीहरि भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रख विधि-विधान से पूजा करने का विधान है।
श्रावण शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि और बुधवार का दिन है। दशमी तिथि देर रात 1 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। दोपहर 3 बजकर 34 मिनट तक शुक्ल योग रहेगा। इस योग में किये गये कार्यों में सफलता जरूर मिलती है।
सावन में जितना महत्व भोलेनाथ का है उतना ही हनुमान जी का। आज हम आपको कराने जा रहे हैं राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के झांकड़ी गांव में स्थित रोकड़िया हनुमान जी के दर्शन। मान्यता है कि ये प्रतिमा स्वयंभू है यानी कि किसी ने यहां पर इसे स्थापित नहीं किया।
आज आपको कराने जा रहे हैं त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन। ये ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक शहर से करीब 25 किलोमीटर पास स्थित है। मान्यता है कि भगवान शिव को यहां पर गौतम ऋषि और गोदावरी के आग्रह पर ज्योतिर्लिंग में रहना पड़ा।
सावन के महीने में आज हम आपको कराने जा रहे हैं टूटी झरना मंदिर के दर्शन। ये मंदिर झारखंड के रामगढ़ में स्थित है। इस मंदिर में पवित्र शिवलिंग का प्राकृतिक रूप से अभिषेक होता रहता है।
सावन के पवित्र महीने में आज हम कराने जा रहे हैं ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन। ओंकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के मशहूर शहर इंदौर के पास स्थित है। जिस स्थान पर ये मंदिर स्थित है वहां पर नर्मदा नहीं बहती है।
लखनऊ के अलीगंज में स्थापित इस मंदिर को बड़े हनुमान जी का मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का इतिहास त्रेतायुग से जुड़ा हुआ है।
मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है विंध्याचल की देवी मां विंध्यवासिनी।
नई दिल्ली के हृदय कनॉट प्लेस में महाभारत कालीन श्री हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है। कहा जाता हैं कि पांडवों ने इस शहर में पांच हनुमान मंदिरों की स्थापना की थी।
ऐसा ही चमत्कारी शिवलिंग तिलभांडेश्वर महादेव का है। दो हजार वर्ष पूर्व दक्षिण भारत के ऋषि विभांडक यहां आए। वह प्रतिदिन एक तिल बढ़ने वाले इस शिवलिंग को देखकर चकित हो गए। काशी में यह मंदिर स्थित है।
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए आपको बाहर जाने की जरुरत नहीं है। आप घर बैठे ही प्रयागराज में स्थित अलोप शंकरी देवी मंदिर के दर्शन करिए।
प्रतापगढ़ जिले के विश्वनाथगंज बाजार से लगभग २ किलो मीटर दूर कुशफरा के जंगल में भगवान शनि का प्राचीन पौराणिक मन्दिर लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था के केंद्र हैं। इस मंदिर में आने से सभी प्रकार के कष्ट का निवारण हो जाता है। जानिए इस मंदिर के बारे में
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से करीब 6 किलोमीटर दूर ग्राम जवास्या में भगवान गणेश का प्राचीनतम मंदिर स्थित है। इसे चिंतामण गणेश के नाम से जाना जाता है।
पांडुपोल का हनुमान मंदिर राजस्थान के सरिस्का राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य के अंदर स्थित है। जिसमे भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति वैराग्य स्थिति में स्थापित है।
कोरंटी गारंटी हनुमान मंदिर कर्नाटक के गुलबर्गा में स्थित है। इस मंदिर की सालों से अपनी महिमा बनी हुई है। यह पर आने वाले हर व्यक्ति की मनोकामना जरूर पूर्ण होती है।
डाकोर गुजरात के सबसे जाने माने और प्रमुख मंदिरो में से एक है।यहाँ कृष्ण जी की पूजा की जाती है। डाकोर का सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिर है रणछोड़ जी मंदिर ।
दक्षेस्वर महादेव मंदिर कनखल हरिद्वार उत्तराखण्ड में स्थित है कनखल महादेव की ससुराल मानी जाती है।
यह चमत्कारी मंदिर मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के बोलाई गांव में स्थित है। मंदिर को सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान विराजित है।
यह मंदिर प्राचीन और रहस्यमयी है। उड़ीसा का टिटलागढ़ सबसे गर्म क्षेत्र माना जाता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भीषण गर्मी पड़ने पर भी ये मंदिर बिल्कुल ठंडा रहता है। कई बार तो कंबल ओढ़ने तक की नौबत आ जाती है।
आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए बिहार के औंगारी सूर्य मंदिर से जुड़े कुछ तथ्य।
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