इस मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर बेहतरीन शिल्पकला देखने को मिलती है। मुख्यरूप से भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का निर्णाण राजा नरसिम्हा प्रथम द्वारा करवाया गया था।
राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित है गणेश जी का चमत्कारी त्रिनेत्र गणेश मंदिर है। यहां स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा जिसके 2 नहीं अपितु 3 नेत्र हैं और इसी वजह से इसे त्रिनेत्र गणेश मंदिर कहा जाता है।
कोरोना काल में मध्य प्रदेश में स्थित उल्टे हनुमान मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में...
मथुरा से करीब 30 किलोमीटर दूरी पर नंदगांव में स्थित है नंद बाबा का मंदिर। मुख्य रूप से ये मंदिर भगवान कृष्ण और उनके पिता नंदराय जी को समर्पित है। बताया जाता है कि यह मंदिर 18वीं शताब्दी में भरतपुर के राजा रूपसिंह द्वारा बनवाया गया था।
ये मंदिर राजस्थान के बांसवाड़ा में तलवाड़ा नामक स्थान पर है। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करने से कई तरह के रोगों से निजात मिलती है। यहां स्थापित गणेश जी की प्रतिमा लगभग 6 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी है।
सिद्ध कुटी बाबा शिव मंदिर नोएडा के ग्राम दल्लूपुरा के पास स्थित है। इस मंदिर में 500 साल से अधिक पुराना चंद्रमोलेश्वर शिवलिंग स्थापित है। इसके अलावा यहां भगवान कृष्ण, राम दरबार, हनुमान जी और वैष्णों माता का मंदिर भी बना हुआ है।
कोरोना काल में घर बैठे मथुरा में स्थित झाड़ी वाले हनुमान बाबा के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से इसकी मान्यताओं के बारे में भी जानिए...
महाकाल की नगरी उज्जैन पर स्थित है हरसिद्धि माता का एक प्राचीन मंदिर। यहां पर ऐसा दावा किया जाता है कि ये हरसिद्धि माता का सबसे प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां देवी सती के शरीर के हाथ की कोहनी आकर गिर गई थी। यही कारण है कि इ
मनाकुला विनायगर मंदिर पुडुचेरी में स्थित है। मंदिर का इतिहास वर्ष 1666 से भी पहले का बताया जाता है। शास्त्रो में गणेश की के 16 रूपों का वर्णन मिलता है। जिसमें मनाकुला गणेश का अपना अलग महत्व है। यहां गणेश जी समुद्र की ओर मुख किए हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के पास देहरा नामक स्थान पर कालीनाथ महाकालेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। यहां मंदिर व्यास नदी के तट पर बना हुआ है। धार्मिक आस्था का केंद्र बने इस मंदिर में भगवान शिव पिंडी के रूप में स्थापित है।
तमिलनाडु के तंजौर में स्थित यह शिव मंदिर बृहदेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह प्रसिद्ध मंदिर ग्यारहवीं सदी के आरंभ में बनाया गया था। यह विश्व का एकलौता मंदिर है जिसे ग्रेनाइट की चट्टानों को काटकर वास्तु के हिसाब से बनाया गया है।
आज करिए उदयपुर के ईडाणा देवी मंदिर के दर्शन। ये मंदिर उदयपुर से 80 किलोमीटर दूर अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है। ये मंदिर 600 साल पुराना है।
पनाचिक्कड़ सरस्वती मंदिर केरल में माता सरस्वती का यह एकमात्र मंदिर है, जिसे दक्षिणा मूकाम्बिका के नाम से भी जाना जाता है। एरनाकुलम जिले में स्थित है।
कोरोना काल में घर बैठे बरसाना के राधा रानी मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश ने इस मंदिर की खासियत के बारे में भी जानकारी दी है।
आचार्य इंदु प्रकाश ने बताया कि केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर का क्या महत्व है। कोरोना काल में घर बैठे करिए इस मंदिर के दर्शन...
कर्नाटक में उडुपी में कई मठ और मंदिर स्थापित है। इन्हीं में से एक है श्री कृष्ण मठ। इस मंदिर में जप, तप और भाव के लिए महत्वपूर्ण स्थान है।
यह गणेश मंदिर राजस्थान के जोधपुर के रातानाडा में स्थित है। कहा जाता है कि एक शिक्षक ने पहाड़ी पर एक गणेश जी की प्रतिमा देकी। बाद में इसी स्थान में मंदिर का निर्माण कराया।
बेदी ने बताया कि बच्ची इस साल 28 जुलाई को उनके परिवार का हिस्सा बनी थी।
चंडीगढ़ के मनीमाजरा के पास मनसा देवी का पुराना मंदिर स्थित है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने आने वाले लोगों को माता बल और बुद्धि प्रदान करती है। प्रत्योक नवरात्र के दौरान यहां पर मेला लगता है।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित ये मंदिर काली मां का सबसे सिद्ध स्थान माना जाता है। कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्त को देवी की आंतरिक शक्ति का आभास होता है।
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