कर्नाटक में उडुपी में कई मठ और मंदिर स्थापित है। इन्हीं में से एक है श्री कृष्ण मठ। इस मंदिर में जप, तप और भाव के लिए महत्वपूर्ण स्थान है।
यह गणेश मंदिर राजस्थान के जोधपुर के रातानाडा में स्थित है। कहा जाता है कि एक शिक्षक ने पहाड़ी पर एक गणेश जी की प्रतिमा देकी। बाद में इसी स्थान में मंदिर का निर्माण कराया।
चंडीगढ़ के मनीमाजरा के पास मनसा देवी का पुराना मंदिर स्थित है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने आने वाले लोगों को माता बल और बुद्धि प्रदान करती है। प्रत्योक नवरात्र के दौरान यहां पर मेला लगता है।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित ये मंदिर काली मां का सबसे सिद्ध स्थान माना जाता है। कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्त को देवी की आंतरिक शक्ति का आभास होता है।
नैना देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहां पर मां सती के नेत्र गिरे थे। जानिए इस मंदिर के बारे में और रोचक बातें
यह मंदिर जम्मू शहर में स्थित है। यह राम मंदिर आकर्षण वास्तु कला का नमूना है। इस मंदिर को 1835 में महाराज गुलाब सिंह ने बनवाया था। जानिए इस मंदिर के बारे में और खास बातें।
गुजरात में बनासकांठा जिले में अंबा जी का मंदिर स्थित है। अंबा-भवानी मंदिर शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। माना जाता है कि यहां पर माता सती का हद्य गिरा था।
कोरोना काल में घर बैठे अयोध्या में स्थित कनक भवन मंदिर के दर्शन करिए और आचार्य इंदु प्रकाश से इसकी खासियत के बारे में भी जानिए।
यह मंदिर गुजरात के सारंगपुर में स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता हैं इनके दर्शन करने मात्र से शनि देव की कृपा बनी रहती हैं। मान्यता है कि इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यदि किसी भी भक्त की कुंडली में शनि दोष हो तो कष्टभंजन हनुमान के दर्शन और पूजा-अर्चना करने से इसका प्रभाव खत्म हो जाता है।
यह मंदिर लखनऊ के गोमती नदी के किनारके स्थित है। इस मंदिर का निर्माण हनुमान जी के परमभक्त नीमकरोली बाबा ने किया था।
स्वामी नेल्लायप्पर मंदिर तमिलनाडु में स्थित है। जहां पर भगवान शिव विराजित है।
यह मंदिर गुजरात में एक ऊंची पहाडी में स्थित है। जो वडोदरा से करीब 50 मंदिर दूर है। इस मंदिर में मां काली विराजित है। मान्यता है कि यहां पर माता सती का वक्ष कटकर गिरा था।
गोदावरी के घाटों में पितरों का श्राद्ध करने का विशेष लाभ प्राप्त होता है। इस मंदिर में नंदी महाराज भगवान शिव के नजदीक ही बैठे है।
काशी में स्थित मणिकर्णिका घाट में अंतिम संस्कार हमेशा होते रहते है। इस घाट में अंतिम संस्कार करने से आवगमन से मुक्ति मिल जाती है। इस घाट में श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इन घाट को लेकर मान्यता है कि माता पार्वती से भगवान शि
बिहार के गया में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा जाता है त्रेतायुग में माता सीता ने अपने सुसर का पिंडदान किया था। इसी कारण यह दूर-दूर ले लोग यहां पिंडदान करने आते हैं।
पितृ पक्ष के शुरुआत हो चुकी है। इस खास मौके पर भारी संख्या में लोग अपने प्रियजनों का श्राद्ध करने के लिए हरिद्वार आते हैं। इसके साथ ही हरि के पौड़ी में स्नान करके सभी जन्मों के पापों से मुक्ति पाते हैं। देश-दुनिया के लोग यहां पर आकर अपने पितरों का श्
आज करिए गुजरात से 30 किलोमीटर दूर गोंडल में विराजमान मां भुवनेश्वरी देवी मंदिर के दर्शन। कहते हैं कि रोज शाम जब यहां पर आरती होती है तो मां के ऊपर लगा छत्र अपने आप हिलने लगता है। यही भुवनेश्वर महादेव का भी दर्शन कर सकते हैं।
आज हम आपको कराने जा रहे हैं पुणे के चिंतामणि गणपति के मंदिर के दर्शन। इस मंदिर को लेकर दो कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार गणेश जी ने इसी स्थान पर कापिल्य ऋषि से चिंतामणि स्वीकार की थी।
आज आपको कराएंगे माता महालक्ष्मी के कोल्हापुर स्थापित मंदिर के दर्शन। ये बहुत ही प्राचीन मंदिर है। कहा जाता है कि इसका निर्माण चालुक्य शासक कर्णदेव ने कराया था।
कोलकाता में स्थित कालीघाट मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है। आचार्य इंदु प्रकाश से इस मंदिर की खासियत के बारे में जानिए और कोरोना काल में घर बैठे दर्शन करिए।
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