यूं तो भारत में भगवान शिव के लगभग सैकड़ों मंदिर हैं जहां पर किसी न किसी रूप में शिव जी विराजमान हैं। लेकिन आज हम आपको शिव जी के कुछ ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता भी है कि इन मंदिरों में जाने से महादेव भक्तों की मुराद पूरी करते हैं।
Thailand News: जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘बैंकॉक के देवस्थान में आज (बृहस्पतिवार को) सुबह प्रार्थना की। फ्रा महाराजागुरु विधि का आशीर्वाद लिया। यह हमारी साझी धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं को रेखांकित करता है।’’
आज करिए उड़ीसा के प्राचीन शिव मंदिर के दर्शन। ये मंदिर ओडिसा के टिटलागढ़ में स्थित है। इस मंदिर को अति प्रचीन बताया जाता है। यहां गुफा रूपी मंदिर में भोले नाथ का पवित्र शिवलिंग स्थापित है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बना यह मंदिर कई बार प्राकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो चुका है। उन्नीसवीं सदी में बने इस मंदिर के पास ही यमुना का उदगम स्थल है।
तारादेवी शक्ति पीठ पश्चिम बंगाल के नलहाटी नामक स्थान पर बना हुआ है। नवरात्रि में देवी तारा की पूजा और साधना करना फलदायी होता है। इस मंदिर में वामाखेपा नामक एक साधक ने देवी तारा की साधना करके उनसे सिद्धियां हासिल की थी।
बिहार राज्य की फल्गु नदी के किनारे मगध क्षेत्र में स्थित ये सबसे प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां अपने पुरखों का पिंडदान करने देश-विदेश से लोग आते हैं । विष्णु पुराण और वायु पुराण में इसे मोक्ष की भूमि कहा गया है ।
सिद्धटेक में भीमा नदी के तट पर बसा सिद्धिविनायक मंदिर अष्टविनायकों में से एक है। यहां पर भगवान गणेश की प्रतिमा की सूंढ मुंबई के सिद्धिविनायक की तरह दायीं ओर मुढ़ी हुई है। इसी कारण इन्हें भी सिद्धिविनायक कहा जाता है।
ये मंदिर मथुरा के वृंदावन में स्थित है। यह मन्दिर श्री रसिकदासजी के शिष्य श्री गोविन्ददासजी द्वारा निर्मित है। इस मंदिर में श्री गोरे दाऊ जी के श्री विग्रह विराजमान है।
श्री लंका, जहां स्थापित है रामायण काल से संबंधित अशोक वाटिका। श्रीलंका के एलिया नामक स्थान पर ये पुरातन अशोकवाटिका है और यहां बना है प्राचीन सीता मंदिर के दर्शन। हालांकि मंदिर का नाम सीता मंदिर है लेकिन यहां पर भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ ही हनुमान जी भी विराजमान हैं।
औंगारी सूर्य मंदिर के नालंदा में औंगारी नामक स्थान पर बना हुआ है। माना जाता है कि इस ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण ईसापूर्व तीसरी शताब्दी में करवाया गया था। एक प्रसिद्ध तालाब के तट पर बना ये मंदिर बिहार की संस्कृति और कला का परिचायक है।
आज राजस्थान के बीकानेर में स्थित प्राचीन नागणेचा मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में भी जानिए।
राजस्थान में स्थापित है पहली शताब्दी का एक पवित्र मंदिर मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर। राजस्थान में बांसवाड़ा से लगभग 16 किलोमीटर दूर तलवाड़ा गांव में ये मंदिर स्थापित है.। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति मां पार्वती मां लक्ष्मी औऱ मां सरस्वती तीनों देवियों का एकीकृत रूप हैं।
आज हम आपको कराने जा रहे हैं एक ऐसे गणेश मंदिर के दर्शन जिसके बारे में मान्यता है कि यहां गणेश जी की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित है। ये गणेश मंदिर है महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित है। विश्वप्रशिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास बने इस मंदिर में स्थापित गणपतिजी की प्रतिमा विश्वभर में स्थापित विशाल मूर्तियों में से एक मानी जाती है। खास बात ये है कि विघ्नहर्ता के ये मूर्ति सीमेंट की नहीं बल्कि ईंट, चूना, बालू गुड़ और मेथी दानों की बनी है।
ये मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित है। सन 1735 में इस मंदिर का निर्माण रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। कहते हैं कि सबसे पहले एक ब्राह्मण को इस स्थान पर जमीन के नीचे गणपति भगवान की मूर्ति होने का स्वप्न आया था। जानिए पूरी कहानी।
भगवान गणेश को समर्पित बोहरा गणेश मंदिर राजस्थान के उदयपुर में स्थापित है।
आज के तीर्थ में गुजरात के पावागढ़ शक्तिपीठ के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश ने इसकी मान्यताओं के बारे में भी जानकारी दी है।
ये मंदिर महाराष्ट्र के रत्नागिरी में स्थित है जो 400 साल पुरातन बताया जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ति स्वयंभू है।
कन्याकुमारी से 4 कोस पूर्व में शुचीन्द्रम नामक स्थान पर महावीर हनुमान की लगभग 13-14 हाथ ऊंची कनक भूघटाकार-सिंहासनासीन मूर्ति स्थापित है, जो संपूर्ण भारतवर्ष में अद्वितीय है। यहीं पास में ही गंधमाधन पर्वत है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक अक्षय वट वृक्ष स्थित है, जिसके बारे में मान्यता है कि इसी वृक्ष के नीचे भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान देकर पूरे संसार को जीवन जीने की कला सिखाई थी।
आज करिए मेहंदीपुर बालाजी के पवित्र दर्शन।
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