आज करिए उदयपुर के ईडाणा देवी मंदिर के दर्शन। ये मंदिर उदयपुर से 80 किलोमीटर दूर अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है। ये मंदिर 600 साल पुराना है।
अब मंडी परिसर के अंदर व्यापार करने पर वर्तमान में लागू 2.5 प्रतिशत के स्थान पर कुल 1.5 प्रतिशत कर ही देय होगा।
पनाचिक्कड़ सरस्वती मंदिर केरल में माता सरस्वती का यह एकमात्र मंदिर है, जिसे दक्षिणा मूकाम्बिका के नाम से भी जाना जाता है। एरनाकुलम जिले में स्थित है।
कोरोना काल में घर बैठे बरसाना के राधा रानी मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश ने इस मंदिर की खासियत के बारे में भी जानकारी दी है।
आचार्य इंदु प्रकाश ने बताया कि केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर का क्या महत्व है। कोरोना काल में घर बैठे करिए इस मंदिर के दर्शन...
कर्नाटक में उडुपी में कई मठ और मंदिर स्थापित है। इन्हीं में से एक है श्री कृष्ण मठ। इस मंदिर में जप, तप और भाव के लिए महत्वपूर्ण स्थान है।
यह गणेश मंदिर राजस्थान के जोधपुर के रातानाडा में स्थित है। कहा जाता है कि एक शिक्षक ने पहाड़ी पर एक गणेश जी की प्रतिमा देकी। बाद में इसी स्थान में मंदिर का निर्माण कराया।
बेदी ने बताया कि बच्ची इस साल 28 जुलाई को उनके परिवार का हिस्सा बनी थी।
चंडीगढ़ के मनीमाजरा के पास मनसा देवी का पुराना मंदिर स्थित है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने आने वाले लोगों को माता बल और बुद्धि प्रदान करती है। प्रत्योक नवरात्र के दौरान यहां पर मेला लगता है।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित ये मंदिर काली मां का सबसे सिद्ध स्थान माना जाता है। कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्त को देवी की आंतरिक शक्ति का आभास होता है।
नैना देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहां पर मां सती के नेत्र गिरे थे। जानिए इस मंदिर के बारे में और रोचक बातें
यह मंदिर जम्मू शहर में स्थित है। यह राम मंदिर आकर्षण वास्तु कला का नमूना है। इस मंदिर को 1835 में महाराज गुलाब सिंह ने बनवाया था। जानिए इस मंदिर के बारे में और खास बातें।
गुजरात में बनासकांठा जिले में अंबा जी का मंदिर स्थित है। अंबा-भवानी मंदिर शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। माना जाता है कि यहां पर माता सती का हद्य गिरा था।
कोरोना काल में घर बैठे अयोध्या में स्थित कनक भवन मंदिर के दर्शन करिए और आचार्य इंदु प्रकाश से इसकी खासियत के बारे में भी जानिए।
यह मंदिर गुजरात के सारंगपुर में स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता हैं इनके दर्शन करने मात्र से शनि देव की कृपा बनी रहती हैं। मान्यता है कि इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यदि किसी भी भक्त की कुंडली में शनि दोष हो तो कष्टभंजन हनुमान के दर्शन और पूजा-अर्चना करने से इसका प्रभाव खत्म हो जाता है।
यह मंदिर लखनऊ के गोमती नदी के किनारके स्थित है। इस मंदिर का निर्माण हनुमान जी के परमभक्त नीमकरोली बाबा ने किया था।
स्वामी नेल्लायप्पर मंदिर तमिलनाडु में स्थित है। जहां पर भगवान शिव विराजित है।
यह मंदिर गुजरात में एक ऊंची पहाडी में स्थित है। जो वडोदरा से करीब 50 मंदिर दूर है। इस मंदिर में मां काली विराजित है। मान्यता है कि यहां पर माता सती का वक्ष कटकर गिरा था।
गोदावरी के घाटों में पितरों का श्राद्ध करने का विशेष लाभ प्राप्त होता है। इस मंदिर में नंदी महाराज भगवान शिव के नजदीक ही बैठे है।
काशी में स्थित मणिकर्णिका घाट में अंतिम संस्कार हमेशा होते रहते है। इस घाट में अंतिम संस्कार करने से आवगमन से मुक्ति मिल जाती है। इस घाट में श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इन घाट को लेकर मान्यता है कि माता पार्वती से भगवान शि
संपादक की पसंद