दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शनिवार को फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रवर्तक और फार्मा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और रेलीगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी को आरएफएल में धन के कथित दुरूपयोग से जुड़े धनशोधन मामले में 7 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
रेलीगेयर समूह को 3,000 करोड़ रुपए की चपत लगाने के मुख्य किरदार मलविंदर मोहन सिंह (एमएमएस) और शिविंदर मोहन सिंह (एसएमएस) बंधु थे।
सिंह बंधुओं ने साजिश के तहत सुनिल गोधवानी के साथ मिलकर रेलीगेयर फिनवेस्ट पर नियंत्रण रखते हुए फर्जी कंपनियों और एमएमएस और एसएमएस से संबंधित कंपनियों को असुरक्षित, ऊंचे मूल्य के ऋण दिए।
रेलीगेयर फ्रॉड मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने दिल्ली में एक कोर्ट को बताया कि देनदारियों को चुकता करने के लिए 1,260 करोड़ रुपए की राशि मलविंदर सिंह की कंपनी आरएचसी होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित की गई।
ईओडब्ल्यू की डीसीपी वर्षा शर्मा ने बताया कि पुलिस ने शिविंदर सिंह, सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना को गुरुवार को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को आईपीसी की धारा 409 और 420 के तहत गिरफ्तार किया गया है।
फार्मा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रोमोटर शिविंदर मोहन सिंह को गिरफ्तार किया गया है
दोनों भाइयों के खिलाफ कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों और उसके बाद उनके कारोबार के पतन के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि अब दाईची सैंक्यो को भुगतान करने को लेकर सिंह बंधुओं के खिलाफ अवमानना की सुनवाई की जाएगी।
फोर्टिस हेल्थकेयर ने सेबी से मामले में सुनवाई का भी अनुरोध किया है।
फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मलविंदर मोहन सिंह ने अपने छोटे भाई शिविंदर मोहन सिंह पर मारपीट करने का आरोप लगाया
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह को अपने बड़े भाई मालविंदर सिंह के खिलाफ दायर अपनी याचिका वापस लेने को मंजूरी दे दी।
शिविंदर ने इस बारे में NCLT में आवेदन किया है
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने गुरूवार को आरएचसी होल्डिंग्स में कुप्रबंध के आरोप में शिविंदर सिंह की याचिका पर मालविंदर मोहन सिंह, रेलिगेयर के पूर्व प्रमुख सुनील गोधवानी और अन्य को गुरुवार को नोटिस जारी किए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह को अदालती आदेश के उल्लंघन के लिए 35 लाख सिंगापुरी डॉलर जमा कराने का निर्देश दिया है।
शिविंदर सिंह ने एक वक्तव्य में कहा कि उन्होंने मालविंदर और सुनील गोधवानी के खिलाफ NCLT में मामला दायर किया है
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