Adhikmas 2023: मलमास के दौरान पूजा पाठ करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। इस महीने में भगवान पुरुषोत्तम की उपासना करने वाले को हर प्रकार के सुख-साधनों की प्राप्ति होती है।
Adhikmas 2023: इस महीने में भगवान पुरुषोत्तम की उपासना करने वाले को हर प्रकार के सुख-साधनों की प्राप्ति होती है। मलमास के दौरान इन कामों की मनाही होती है।
Adhikmaas 2023: मलमास के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य करना वर्जित माना गया है। इस दौरान बस भगवान की पूजा फलदायी मानी जाती है। वहीं मलमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। आइए जानते हैं मलमास के बारे में।
Malmas 2023: इस साल सावन में मलमास या अधिकमास लग रहा है। हिंदू धर्म में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। मलमास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं लेकिन इस माह में पूजा पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए आश्विन मास के दौरान विभिन्न राशि वालों को शुभ फलों की प्राप्ति के लिये क्या उपाय करने चाहिए |
महर्षि वाल्मीकि ने पुरुषोत्तम मास के व्रत नियमादि के सम्बन्ध में कहा है कि इस मास में किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
हिंदू धर्म में मलमास माह को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे अधिकमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है।
14 मार्च से एक महीने के लिये खरमास की शुरुआत हो रही है | आप जानते होंगे कि साल में दो बार खरमास लगता है |
ज्योतिषों के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशिपरिवर्तित करता है तो इसका हर इंसान के जीवन में बुरा या फिर अच्छा जरुर पड़ता है। लाभ हानि ग्रहों के चाल-स्थिति पर निर्भर करती है। ग्रहों की इन्ही दशा को एक मलमास है। जिसे खरमास के नाम से भी जाना जाता है। इस मास में कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है।
खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार आदि वर्जित होते हैं, जबकि इस दौरान सूर्य देव की उपासना करना बड़ा ही फलदायी माना गया है। अतः अगले 30 दिनों के दौरान आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
16 दिसंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और रविवार का दिन है। इस दिन सुबह 09 बजकर 10 मिनट पर सूर्यदेव मूल नक्षत्र में और धनु राशि में प्रवेश करेंगे। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार कैसा रहेगा आपकी राशि पर असर।
इस बार अधिक मास में बहुत ही अच्छे संयोग बन रहे है। 1-2 नहीं बल्कि 9 संयोग ऐसे बन रहे है। जिसमें 6 सर्वार्थसिद्ध योग, 1 अमृतसिद्ध योग और 2 रवियोग बन रहा है। ज्योतिषों के अनुसार इसे बहुत ही खास माना गया है क्योंकि ये एक पक्ष काल में बन रहे है। इस शुभ योगों में दान-पुण्य करना बहुत ही शुभ होता है।
पद्मिनी एकादशी में बहुत ही खास संयोग है। ऐसा संयोग 3 साल बाद पड़ा है। यह पूरी तरह से भगवान विष्णु में समर्पित है। जो भी इस दिन व्रत रखते है उन्हें अपार लाभ प्राप्त होता है। धन और स्वास्थ्य का आर्शीवाद मिलता है और शत्रुओं का नाश होता है। भगवान विष्णु ने पद्मिनी को पुत्र का वरदान दिया था। इसके साथ संतान की भी प्राप्ति होती है।
अधिक मास: शास्त्रों में इस पुरुषोत्तम मास का बड़ा ही महत्व बताया गया है। इस मास में भगवान पुरुषोत्तम की उपासना करने वाले को हर प्रकार के सुख-साधनों की प्राप्ति होगी। यह पुरुषोत्तम मास 16 मई से शुरू होकर 13 जून तक रहेगा। जानिए कौन से काम करने की होती है मनाही।
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