जनवरी में मालदीव गया चीन का अनुसंधान जहाज माले से बीजिंग के लिए रवाना हो गया है। अनुसंधान का दावा करने वाला यह चीनी जहाज जासूसी के लिए बदनाम है। भारत और मालदीव के रिश्ते खराब होने के बाद करीब 15 दिनों के लिए यह जासूसी जहाज माले गया था। अब स्वदेश वापसी कर चुका है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से कहा था कि वे अपने सशस्त्र सैनिकों को वापस भारत बुला लें। यही नहीं, उन्होंने अपना चुनाव भी 'इंडिया आउट' नारे पर ही लड़ा था। अब भारतीय सैनिकों की मालदीव से वापसी हो रही है।
जियांग यांग होंग 03 का मालदीव आगमन राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू की जनवरी की चीन यात्रा के बाद हुआ है, जिसमें बीजिंग ने संबंधों को बढ़ाने के लिए मालदीव को "मुफ्त सहायता" में 920 मिलियन युआन ($128 मिलियन) की पेशकश की है। मालदीव ने कहा है कि जहाज उसके जल क्षेत्र में शोध नहीं करेगा, केवल कर्मियों के रोटेशन और आपूर्ति देखेगा।
चीन के दम पर भारत से पंगा लेने वाले मालदीव को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने बड़ी चेतावनी दी है। चीन से कर्ज लेने वाले मालदीव को IMF की कड़ी चेतावनी देते हुए लोन संकट के प्रति आगाह किया है।
कई दक्षिण एशियाई देश पहले से ही चीन से भारी उधार लेने के परिणामों से जूझ रहे हैं। पाकिस्तान और श्रीलंका अरबों डॉलर के कर्ज में दबे हैं, जिसने दोनों देशों में आर्थिक संकट को और बढ़ा दिया है।
भारत से पंगा लेना मालदीव को भारी पड़ा है। चीन के कर्ज में डूबे मालदीव के राष्ट्रपति ने कर्ज का रोना जनता के सामने रोया है। साथ ही कहा कि भारी कर्ज के कारण हम विकास के काम करने में असमर्थ हैं।
संसद के बजट सत्र में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लद्दाख और मालदीव का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सुरक्षा चिंताओं पर एक शब्द भी नहीं कहा गया।
मालदीव की संसद में राष्ट्रपत मोहम्मद मोइज्जू ने भाषण दिया। इसमें इस्लामिक मुल्क होने की बात कहते हुए मालदीव में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी पर निशाना साधा। जानिए भारतीय सैनिकों की मौजूदगी को लेकर उन्होंने क्या बात कही?
भारत और मालदीव के बीच चल रहे विवाद के बीच इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है। भारत अब मालदीव से अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाएगा, जबकि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए 15 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया था। मगर अब भारत-मालदीव में सैनिकों को बदलने पर सहमति बनी है।
मालदीव के राष्ट्रपति मो. मुइज्जू लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं। महाभियोजक पर हमले के बाद विपक्ष उनपर और अधिक हमलावर हो गया है। हालांकि अब 2 आरोपियों को इस मामले में रिमांड पर भेजा गया है। भारत विरोधी फैसला लेने के लिए मालदीव में सरकार और विपक्ष के बीच घमासान मच गया है।
पाकिस्तान कंगाली के गर्त में जा रहा है। इकोनॉमी भगवाान भरोस चल रही है। महंगाई से पाकिस्तान की जनता त्रस्त है। ऐसे में कटोरा लेकर पैसे की भीख मांगने वाले ऐसे पाकिस्तान ने मालदीव का विकास में मदद का भरोसा दिया है।
मालदीव की राजनीति खूनखराबे पर उतर आई है। पहले संसद में लात घूंसे चले, अब अब प्रॉसिक्यूटर जनरल हुसैन शमीम पर दिनदहाड़े प्राणघातक हमला किया गया है। इनकी नियुक्ति् भारत समर्थक सालेह सरकार ने की थी।
भारत का विरोध करना मालदीव के राष्ट्रपति को महंगा पड़ रहा है। मालदीव में ही विपक्ष मोइज्जू का विरोध कर रहा है। मालदीव जम्हूरी पार्टी (जेपी) के नेता कासिम इब्राहिम ने कहा है कि मोइज्जू को पीएम मोदी और भारत से माफी मांगना चाहिए।
पीएम मोदी का विरोध मालदीव को महंगा पड़ गया है। मालदीव के टूरिज्म को काफी धक्का लगा है। भारतीय टूरिस्ट की संख्या मालदीव में कम हो गई है। पीएम मोदी की मालदीव के मंत्रियों द्वारा आलोचना के बाद भारतीयों ने मालदीव का बायकॉट किया था।
मोहम्मद मोइज्जू ने भारत से पंगा लिया तो अपने घर में ही घिर गए। उनकी पार्टी के सांसदों को तो विपक्षी पार्टी के सांसदों ने लात घूसों से पटक पटककर मारा। इसी बीच जानकारी है कि मोइज्जू की कुर्सी खतरे में है।
भारत से बगावत ठानने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह की पार्टी मुइज्जू का चीन से प्रेम करने के लिए घेराव कर रही है। साथ ही भारत से रिश्ते खराब करने पर उनकी आलोचना कर रही है। एक मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के सांसदों में पटक कर मारपीट हो गई।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने अपने बयान में ‘सदियों की दोस्ती, आपसी सम्मान और बंधुत्व की गहरी भावना से पोषित मालदीव-भारत संबंधों’ की बात की।
प्रमुख विपक्षी दलों ने मोइज्जू का विरोध करते हुए उनके भारत विरोधी रुख पर चिंता जताई। साथ ही भारत को अपना पुराना सहयोगी बताया।
चीन के नए गुलाम मालदीव ने एक बार फिर भारत के खिलाफ कदम उठाया है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने चीनी जासूसी जहाज को अपने देश में रुकने की अनुमति दे दी है।
युगांडा में आयोजित दो दिनी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर युगांडा पहुंचे। यहां उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। मालदीव से तनातनी के बीच यह चर्चा काफी अहम रही।
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