चीन के एक समाचार पोर्टल पर आज जानकारी दी गई कि मालदीव में बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच चीन के पांच नौसेना पोत पूर्वी हिंद महासागर में गए।
एक प्रमुख संसदीय समिति ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गय्यूम के आपातकाल को बढ़ाने के आग्रह को स्वीकार कर लिया।
मालदीव में उपजे राजनीतिक संकट को दूर करने के लिए हिंद महासागरीय देश के विपक्षी दलों के गठबंधन ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से एक अपील की है...
Amid crisis, Maldives military throws MPs out of parliament
मालदीव का राजनीतिक संकट दिन ब दिन गहराता जा रहा है। बुधवार को मालदीव की सेना ने संसद भवन को अपने कब्जे में ले लिया और सांसदों को संसद भवन से बाहर फेंक दिया।
चीनी के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भारत मालदीव में सैन्य कार्रवाई करता है तो चीन भारत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।
मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने ब्रिटेन में निर्वासित जीवन बिता रहे देश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और 8 राजनीतिज्ञों पर से आतंकवाद के आरोप हटाने के बाद इन्हें रिहा करने के आदेश दिए थे...
आखिर इस छोटे से देश में ऐसी क्या बात है जो भारत और चीन के बीच एक तरह से ‘वर्चस्व की जंग’ छिड़ गई है। आइए, आपको बताते हैं...
अपने देश में जारी राजनीतिक संकट के बारे में जानकारी देने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब को अपने विशेष दूत भेजे थे...
मालदीव का मामला धीरे-धीरे भारत और चीन दोनों के लिए 'नाक का सवाल'बनता जा रहा है...
दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान का उल्लेख करते हुए हिंसाग्रस्त देशों में सुरक्षा और स्थिरता की बहाली के प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों की दशा से निपटने को लेकर भी चर्चा की।
यामीन ने कहा है कि वह तीन 'मित्र राष्ट्रों' चीन, पाकिस्तान व सऊदी अरब को अपने दूत भेज रहे हैं...
मालदीव ने यह भी बताया कि क्यों उसने चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब को विशेष दूत भेजे पर भारत को नहीं...
मालदीव के चीफ जस्टिस के वकील ने गुरुवार को कहा कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तारी से पहले जान से मारने की धमकी मिली थी...
जहां पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भारत के दखल की मांग कर रहे हैं वहीं चीन का जोर इसे मालदीव का आंतरिक मामला करार देते हुए अन्य देशों को दूर रखने पर है...
विदेशी धरती पर आजादी के बाद भारत का यह पहला सैन्य अभियान था जिसे ऑपरेशन कैक्टस नाम दिया गया और इसकी अगुवाई पैराशूट ब्रिगेड के ब्रिगेडियर फारुख बुलसारा कर रहे थे।
1988 में संकट के समय भारत ने अपना प्रभुत्व नहीं जमाया था, बल्कि मुक्तिदाता की भूमिका निभाई थी।
चीन ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत को मालदीव में हस्तक्षेप को लेकर चेताया है और कहा है कि देश के राजनीतिक संकट में बाहरी 'हस्तक्षेप' से स्थिति और जटिल होगी।
सूत्रों ने कहा कि दक्षिण भारत के एक प्रमुख एयरबेस पर सैनिकों की गतिविधियां देखी जा रही हैं। भारतीय नौसेना मालदीव के चारों ओर के समुद्री लेनों में गश्त करती है, क्योंकि दोनों देशों के बीच नौसैनिक सहयोग अच्छे हैं।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंगलवार को अपने देश में उत्पन्न संकट को समाप्त करने के लिए भारत सरकार से सैन्य हस्पक्षेप का आग्रह किया।
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