मालदीव के विदेश मंत्री ने लिखा, “मैं वर्ष 2024 और 2025 के दौरान मालदीव को भारत से आवश्यक वस्तुओं का आयात करने में सक्षम बनाने के लिए कोटा के नवीनीकरण के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत सरकार को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।”
भारत और मालदीव के बीच चल रहे विवाद के बीच इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है। भारत अब मालदीव से अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाएगा, जबकि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए 15 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया था। मगर अब भारत-मालदीव में सैनिकों को बदलने पर सहमति बनी है।
मालदीव की राजनीति खूनखराबे पर उतर आई है। पहले संसद में लात घूंसे चले, अब अब प्रॉसिक्यूटर जनरल हुसैन शमीम पर दिनदहाड़े प्राणघातक हमला किया गया है। इनकी नियुक्ति् भारत समर्थक सालेह सरकार ने की थी।
मालदीव की सरकार ने भारत से अपने सैनिकों और हेलिकॉप्टर को वापस बुलाने को कहा है।
मालदीव में राजनीतिक संकट के बीच देश के राष्ट्रपति पद के लिए सितंबर में चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने यह घोषणा की...
भारत की ओर से मालदीव में आपातकाल की अवधि बढ़ाने पर चिंता जताने के बीच मालदीव ने यह बयान दिया है...
यामीन के इससे पूर्व के वार्ता के प्रस्ताव को लेकर नाशीद की मालदीवियन डेमोकेट्रिक पार्टी ने गुटेरेस को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में मध्यस्थता करने का आग्रह किया था...
भारत ने मालदीव की संसद द्वारा आपातकाल की अवधि और 30 दिन बढ़ाने पर बुधवार को गहरी निराशा जाहिर की।
मालदीव का राजनीतिक संकट दिन ब दिन गहराता जा रहा है। बुधवार को मालदीव की सेना ने संसद भवन को अपने कब्जे में ले लिया और सांसदों को संसद भवन से बाहर फेंक दिया।
मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने ब्रिटेन में निर्वासित जीवन बिता रहे देश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और 8 राजनीतिज्ञों पर से आतंकवाद के आरोप हटाने के बाद इन्हें रिहा करने के आदेश दिए थे...
आखिर इस छोटे से देश में ऐसी क्या बात है जो भारत और चीन के बीच एक तरह से ‘वर्चस्व की जंग’ छिड़ गई है। आइए, आपको बताते हैं...
अपने देश में जारी राजनीतिक संकट के बारे में जानकारी देने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब को अपने विशेष दूत भेजे थे...
मालदीव का मामला धीरे-धीरे भारत और चीन दोनों के लिए 'नाक का सवाल'बनता जा रहा है...
यामीन ने कहा है कि वह तीन 'मित्र राष्ट्रों' चीन, पाकिस्तान व सऊदी अरब को अपने दूत भेज रहे हैं...
मालदीव ने यह भी बताया कि क्यों उसने चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब को विशेष दूत भेजे पर भारत को नहीं...
मालदीव के चीफ जस्टिस के वकील ने गुरुवार को कहा कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तारी से पहले जान से मारने की धमकी मिली थी...
जहां पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भारत के दखल की मांग कर रहे हैं वहीं चीन का जोर इसे मालदीव का आंतरिक मामला करार देते हुए अन्य देशों को दूर रखने पर है...
विदेशी धरती पर आजादी के बाद भारत का यह पहला सैन्य अभियान था जिसे ऑपरेशन कैक्टस नाम दिया गया और इसकी अगुवाई पैराशूट ब्रिगेड के ब्रिगेडियर फारुख बुलसारा कर रहे थे।
सूत्रों ने कहा कि दक्षिण भारत के एक प्रमुख एयरबेस पर सैनिकों की गतिविधियां देखी जा रही हैं। भारतीय नौसेना मालदीव के चारों ओर के समुद्री लेनों में गश्त करती है, क्योंकि दोनों देशों के बीच नौसैनिक सहयोग अच्छे हैं।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंगलवार को अपने देश में उत्पन्न संकट को समाप्त करने के लिए भारत सरकार से सैन्य हस्पक्षेप का आग्रह किया।
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