अगर आपको मलेरिया हैं तो हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्वीन के बदले आप इन आर्युवैदिक दवाओं को सेवन करें। इनसे आप जल्दी ठीक हो सकते हैं।
यह कंपनी अमेरिका की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनियों में से एक है। कंपनी ने बताया कि ये दवाइयां एमनील के मौजूदा खुदरा और थोक ग्राहकों के जरिये देशभर में उपलब्ध होंगी।
द लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में मच्छर काटने से होने वाली घातक बीमारी मलेरिया के कुल मामलों में भारत का चौथा स्थान रहा।
एक नए शोध में बताया गया है कि मलेरिया संक्रमण के कारण हृदयघात (हार्ट फेल) होने की 30 फीसदी से अधिक संभावना है।
World Mosquito Day 2019: मच्छरों के काटने से कई जानलेवा बीमारियां हो जाती हैं। जानें इन रोगों के बारे में और कैसे करें मच्छरों से बचाव।
दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 80 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं जो डेंगू से प्रभावित लोगों की संख्या से दोगुना से अधिक हैं। नगर निगम द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
बारिश अपने साथ-साथ कई बीमारियों को भी साथ लेकर आती है। ऐसे में आपको अपनी हेल्थ का खास ख्याल रखना चाहिए।
World Malaria Day 2019: हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य होता है कि इस घातक बीमारी से लोगों को जागरुक करना। जानें मलेरिया के लक्षण, कारण और बचाव के बारें में।
अफ्रीकी देश मलावा में मंगलवार के दिन दुनिया का पहला मलेरिया वैक्सीन लॉंच हो गया। यह पांच महीने से लेकर 2 साल के बच्चों तक के लिए हैं। इस बात की जानकारी WHO ने ट्वीट के द्वारा दी।
Health Year Ender 2018: कई ऐसी खतरनाक महामारी आईं जिससे भारत ही नहीं पूरी दुनिया परेशान रहीं। जहां एक ओर डिप्थीरिया से पीड़ित बच्चों को सिरम न मिल पाने के कारण 20 गिनों के अंदर 17 बच्चों की मौंत हो गई थी। जानें ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारें में जिन्होंने साल 2018 में लोगों को खूब रुलाया।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ ही बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, खीरी, बहराइच और सीतापुर में तेजी से फैल रहे मलेरिया एवं बुखार को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। जानें मलेरिया के लक्षण और कैसे करें बचाव।
विश्व मच्छर दिवस:आपको बता दें इस दिन पेशेवर चिकित्सक सर रोनाल्ड रास ने वर्ष 1896 में यह खोज की थी कि इंसान में मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के लिए रेस्पोंसिबल मादा मच्छर है। जानिए मच्छर के कटने से कौन-कौन सी जानलेवा बीमरियां फैलती है।
ध्ययन में पाया गया कि मलेरिया से पीड़ित मरीजों के रक्त में स्थित प्लेटलेट में मलेरिया के परजीवी को नष्ट करने की क्षमता होती है। मलेरिया के प्रमुख परजीवी प्लाज्मोडियम फालसिपैरम, पी. मलेरिये और पी. क्नोलेसी हैं जिनसे मानव की मौत हो जाती है।
शरीर से निकलने वाली गंध के बदलने से मलेरिया से पीड़ित लोगों की पहचान की जा सकती है और ऐसा मलेरिया के लक्षण ना दिखने के बावजूद भी हो सकता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आयी। जानिए कैसे...
मलेरिया से होने वाली मौतों के मामले में भारत का विश्व में चौथा स्थान है। छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यों में मलेरिया के अधिक मामलों की सूचना मिली है। भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक इस बीमारी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
हर साल की तरह आज यानि 25 अप्रैल को मलेरिया दिवस के रूप मे मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्या उद्देश्य है लोगों को इस बीमारी को लेकर जागरूक बनाना। आपको बता दें कि विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना मई 2007 में 60वें विश्व स्वास्थ्य सभा के दैरान की गई थी।
रोबोट वैज्ञानिक ईव की अगुआई में हुए शोध के मुताबिक, टूथपेस्ट में पाया जाने वाला ट्राइक्लोजन नामक तत्व मलेरिया परजीवी विशेषकर डीएचएफआर नामक एक एंजाइम पर हमला कर उसकी वृद्धि को रोकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलेरिया परजीवी के इस खतरनाक प्रारूप को मौजूदा मलेरिया रोधी दवाओं से खत्म नहीं किया जा सकता...
लेरिया के सबसे घातक रूप प्लाजमोडियम फाल्सीपरम मलेरिया से लोगों को बचाने के लिए उपलब्ध एकमात्र टीके में सुधार किया जा सकता है।
झारखंड के दो मेडिकल अस्पतालों में इस साल अब तक 800 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई और इसमें से ज्यादातर मौतें इंसेफलाइटिस की वजह से हुई हैं। इस साल अब तक राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में 660 बच्चों की मौत और जमशेदपुर के महात्मा गांधी मे
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