भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शनिवार को कहा कि देश सही आर्थिक नीतियां नहीं अपना रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ बहुत अच्छे कार्यक्रम जैसे कि 'मेक इन इंडिया' शुरू किए हैं लेकिन देश वृहद आर्थिक नीतियों के मोर्चे पर पिछड़ रहा है।
कंपनी का दावा है कि भारत में पहली बार उन्होंने स्वदेशी तकनीक से स्नाइपर राइफल का मॉडल तैयार करके उसे बनाया है। गौरतलब है कि प्राइवेट कंपनियों के लिए रक्षा क्षेत्र के रास्ते मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही खोले गए थे।
कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी ने कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों को वाहनों के इलेक्ट्रॉनिक्स तथा कुछ अन्य मुख्य कल-पुर्जे का देश में ही विनिर्माण शुरू करने का सुझाव दिया। मारुति सुजुकी ने कहा कि इससे इन कल-पुर्जों का आयात कम करने में मदद मिलेगी। इससे न सिर्फ मारुति को मदद मिलेगी बल्कि सरकार की मेक इन इंडिया मुहिम को भी समर्थन मिलेगा।
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि अंतर-मंत्रालयी समिति ने 65 शहरों में परिचालन के लिये 5,645 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी है।
दक्षिण कोरिया की प्रमुख कार निर्माता कंपनी किया मोटर्स (KIA Motors) आठ अगस्त को 'भारत में निर्मित' (Made In India) अपनी पहली कार देश के बाजार में पेश करेगी।
भारत के वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की महत्वाकांक्षा की अपेक्षा देश का मोबाइल विनिर्माण काफी पीछे है। इसलिए अब देश को इस दिशा में 'बड़ा सोचने' की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सोमवार को कहा कि देश में निर्मित 65 प्रतिशत मोबाइल फोन अकेले नोएडा में ही बन रहे हैं। शर्मा ने कहा, ‘‘देश में बनने वाले 65 प्रतिशत मोबाइल फोन का निर्माण उत्तर प्रदेश के नोएडा में होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (27 जनवरी) केरल पहुंचे, जहां उन्होंने एकीकृत भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के रिफाइनरी विस्तार परिसर का अनावरण किया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत 6 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG’s) को स्मार्टफोन मुहैया कराने की घोषणा की है।
राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा 'मेक इन इंडिया' वाले देश को तोड़ रहे
श में मोबाइल मैन्युफैक्चर्र्स की संस्था इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रोनिक्स एसोसिएशन (ICEA) की तरफ से जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बड़ी सफलता मिली है, भारत में कम लागत का फायदा उठाए हुए अमेरिकी कार कंपनी फोर्ड यहां कार बनाकर उसका निर्यात अपने देश अमेरिका को कर रही है जिस वजह से भारतीय कार एक्सपोर्ट बाजार के लिए अमेरिका अब तीसरा बड़ा बाजार बन गया है।
बतौर रक्षामंत्री मेरे कार्यकाल के दौरान बहुत-सी चीजें हुई थीं। तेजस लड़ाकू विमान मेरे प्रयासों के कारण तैयार हो पाया। उसमें कुछ नहीं हो रहा था। यह परियोजना रुकी पड़ी थी।
मोदी ने कहा कि मोबाइल फोन बनाने वाले कारखानों की संख्या बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र में चार लाख रोजगार पैदा हुये हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के बड़े कारखानों में निवेश दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ भारत के आर्थिक और वाणिज्यक रिश्तों की बुनियाद के...
मोदी ने कहा कि मोबाइल फोन बनाने वाले कारखानों की संख्या बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र में चार लाख रोजगार पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के बड़े कारखानों में निवेश दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ भारत के आर्थिक और वाणिज्यिक रिश्तों की बुनियाद के पत्थर हैं।
मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों से उनके द्वारा खरीदे जाने वाले सामान में घरेलू सामग्री (कंटेंट) नियमों को अधिसूचित करने को कहा है। इसके अलावा मंत्रालयों को सलाह दी गई है कि वे इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम का अध्ययन करे।
लक्जरी कार बनाने वाली जर्मनी की कंपनी मर्सडीज बेंज का भारत में कुल उत्पादन एक लाख कार के आंकड़े को छू गया है। पुणे के पास चाकन स्थित संयंत्र से रविवार को ई - क्लास कार के बाहर आने के साथ ही कंपनी ने इस आंकड़े को पार कर लिया। उल्लेखनीय है कि कंपनी ने 24 साल पहले भारत में अपना उत्पादन शुरु किया था।
पीएम ब्रिटेन के राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में सिर्फ मोदी लिमोजिन कार में सफर करेंगे बाकी सब देशों के नेता स्पेशन बस में सफर करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को सफलता मिलती दिखी है, मोबाइल उत्पादन के मामले में भारत अब दूसरे नंबर पर पहुंच गया है, मोदीराज में मोबाइल उत्पादन 3 गुना से ज्यादा बढ़ गया है
मेक इन इंडिया अकेले चलने या संरक्षणवादी कदम नहीं है, बल्कि यह वैश्विक मूल्य श्रृंखला में शामिल होने का तरीका है। एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने आज यह बात कही।
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