Makar Sankranti 2019: मकर संक्रांति पर रवि योग, साध्य योग और सर्वार्थ सिद्ध योग है। इस बार 15 जनवरी को पड़ रही है। जानें मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त और पुण्यकाल
सूर्य जब मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है।
करोड़ों रुपये के चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में जेल में बंद होने के कारण इस बार राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के आवास पर मकर संक्रांति के अवसर पर...
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर जोंटी रोड्स को भारत से खासा लगाव है। इस बात का अंदाजा इसी चीज से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी इंडिया रखा है।
पूरे देश में मकर संक्रांति की धूम मची है। और इस खास अवसर पर आपको बताते हैं किस तरह से पूजा करना आपके लिए फायदेमंद होगा। ये साल का पहला त्योहार है जिसकी शुरुआत अच्छे ढंग से होनी चाहिए। तो चलिए आपको बताते है आज की शुरुआत आप किस खास अंदाज में करेंगे तो
भारत के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं के साथ ही पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के श्रद्धालुओं ने भी मकर सक्रांति के मौके पर गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम स्थल पर स्नान किया।
Makar Sankranti 2018 Snan Shubh Muhurat, Time, Puja Vidhi: पूरे देश में मकर संक्रांति की धूम मची है। हर कोई अपने तरीके से इस त्योहार को सेलीब्रेट करना चाहता है।
हिंदू धर्म के मुताबिक पर्व और त्योहार चंद्र पंचाग यानी चंद्रमा की गति पर निर्धारित करती है। मकर संक्रांति हमेशा को लेकर हमेशा से एक अपवाद की तरह रहा है। आपको बता दें कि मकर संक्रांति पर्व का निर्धारण सूर्य की गति के अनुसार रहा है। इसी कारण से संक्रां
देश के अलग अलग हिस्सों के अलावा नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से करीब 20 लाख श्रद्धालु मकर संक्राति के मौके पर बंगाल की खाड़ी स्थित गंगा नदी के संगम में पुण्य स्नान के लिए एकत्रित हुए हैं।
पूरे भारत में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन का अपने आप में एक खास महत्व है। घर के बड़े बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक सभी लोग मकर संक्रांति के दिन प्रात: काल उठकर स्नान करते हैं और उसके पूजा पाठ करने के बाद तिल, चावल का सेवन करते है।
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वैसे तो पूरे साल में 12 बार संक्रांति होती है। दरअसल सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना संक्रांति कहलाता है। लेकिन इन 12 संक्रांतियों में से सबसे महत्वपूर्ण होती है मकर संक्रांति। जिसे पूरे देश में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।
लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह मकर संक्रान्ति के एक दिन पहले मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति की पूर्वसंध्या पर इस त्यौहार का उल्लास रहता है। रात्रि में खुले स्थान में परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं।
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