महात्मा गांधी की प्रतिमा का कुछ युवकों द्वारा अनादर करने का मामला सामने आया है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसके बाद चार नाबालिग लड़कों की पहचान कर उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया है।
कंगना रनौत ने आज के दिन पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद किया है। कंगना रनौत ने उनकी जयंती पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा कि देश के पिता नहीं बल्कि देश के लाल होते हैं। कंगना रनौत ने लाल बहादुर शास्त्री की तारीफ भी की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से एक हजार साल बाद भी जब 21वीं सदी के भारत का अध्ययन होगा, तो उसमें स्वच्छ भारत अभियान को जरूर याद किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन इस सदी में दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सफल जनभागीदारी वाला, जन नेतृत्व वाला जन आंदोलन है।
महात्मा गांधी की जयंती देशभर में मनाई जा रही है। इस खास मौके पर आपको उनके योगदान की झलक दिखाने वाली शानदार फिल्मों से रू-ब-रू कराएंगे। ये रहीं 5 फिल्में जिन्हें देख कर आप गांधीं के विचारों को समझ पाएंगे।
देश में महात्मा गांधी की आज 155वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर आज हम आपको उनके सात ऐसे आंदलनों के बारे में बताएंगे जिनसे अंग्रेजों के हमारे देश से पैर उखड़ गए थे।
30th January Mahatma Gandhi Death Anniversary को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन महात्मा गांधी की Nathuram Godse ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। चलिए आपको बताते हैं इस दिन शहीद दिवस के तौर पर क्यों मनाया जाता है? Martyrs' Day
लाल बहादुर शास्त्री का प्रधानमंत्री बन जाना पहले से तय नहीं था इसे संयोग भी कह सकते हैं। लाल बहादुर शास्त्री उस समय कोई बहुत ज्यादा ताकतवर दावेदार थे, लेकिन अपनी सादगी और गांधीवादी छवि के कारण सभी के दिलों में घर कर गए थे।
महात्मा गांधी का वो आंदोलन जिससे फिरंगी देश को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए थे, क्या आप जानते हैं कि वो कौन सा आंदोलन था। आज हम इस खबर के जरिए इस आंदोलन से आपको अवगत कराएंगे।
2 अक्टूबर को हर साल पूरे विश्व में गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिनों स्कूलों व शैक्षणिक संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि गांधी को महात्मा, बापू और राष्ट्रपिता की संज्ञा किसने दी थी।
2 अक्टूबर 1869 में बापू मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। इस साल महात्मा गांधी की 154वीं जन्म जयंती मनाई जा रही है। इस खास मौके पर एक नजर डालते हैं बापू पर बनी फिल्मों पर।
Gandhi Jayanti 2023: बापू से आप सत्य की राह पर चलना सीखें या न सीखें आपको एक बेहतर इंसान बनने के लिए इन चीजों को जरूर सीखना चाहिए।
नोट पर जो आप गांधी जी की तस्वीर देखते हैं क्या आपने कभी सोचा है कि ये तस्वीर कब और कहां ली गई थी। अगर नहीं तो आज इसके बारे में जान लीजिए।
महात्मा गांधी चाहते थे कि वह जो बोलें, अखबार वाले उसे उसी रूप में छापें। लेकिन दिक्कत यह थी कि गांधी हिंदुस्तानी में बोलते थे, और अंग्रेजी के अखबार उसका अनुवाद करते थे। गांधी की बोली गई बात और अंग्रेजी के अखबारों में प्रकाशित उसके अनुवाद में काफी अंतर होता था।
30 जनवरी, 1948 की शाम को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी और इस तरह आज का दिन इतिहास में सबसे दुखद दिनों में शामिल हो गया।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हिंदू कार्ड खेलने के लिए एक अजीबोगरीब बयान दिया है। भारतीय नोटों पर भगवान गणेश-लक्ष्मी की फोटो लगाने की मांग की। अब इस बयान के बाद राजनीति गर्म हो गई है।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक दुर्गा पूजा पंडाल का आयोजन किया, इस पंडाल में उसने दुर्गा जी के पैरों के पास पड़े रहने वाले असुर की जगह महात्मा गांधी को दिखाया है।
संयुक्त राष्ट्र एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह दुखद है कि दुनिया महात्मा गांधी के मूल्यों पर खरी नहीं उतर रही है। उन्होंने दुनिया के तमाम राष्ट्रों से गांधी के मूल्यों को अपनाकर गरीबी, नस्लवाद और नफरती भाषण जैसी चुनौतियों को हराने का आग्रह किया।
Gandhi Jayanti: पूरे भारत में आज गांधी जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर हर कोई अपने अंदाज में महात्मा गांधी को याद कर रहा है। प्रधानमंत्री ने मोदी ने भी बापू को उनके जयंती पर याद किया। पीएम ने ट्विट करते हुए लिखा कि "राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।
Naturopathy Benefits: महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि जब सभी इलाज नाकाम हो जाते हैं तब योग और नेचुरोपैथी ही इंसान की जान बचा सकती है। महात्मा गांधी ने भी स्वस्थ रहने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा को ही आजमाया था।
Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता करमचन्द गान्धी सनातन धर्म की पंसारी जाति से सम्बन्ध रखते थे और ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत पोरबंदर के दीवान थे।
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