महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छूटने के बाद पहली बार कई विवादों से पर्दा उठाया।
प्रधानमंत्री पुणे में हो रहे पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री की अगवानी करने के बाद ठाकरे मुम्बई रवाना हो गये।
एकनाथ खडसे ने कहा कि “पार्टी के कुछ नेताओं ने हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे और उनकी बेटी रोहिणी खडसे को हराने की कोशिश की।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। भाजपा प्रत्याशी किशन कथोरे के सुबह नामांकन वापस लेने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष दिलीप वालसे पाटिल ने यह एलान किया।
सोनिय गांधी ने उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस काफी असाधारण परिस्थितियों में एक साथ आए हैं, ऐसे समय में जब देश को भाजपा से अभूतपूर्व खतरों का सामना करना पड़ रहा है। मुझे खेद है कि मैं समारोह (शपथ-ग्रहण) में उपस्थित नहीं हो पाऊगीं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने राज्य सभा सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिख कर जगह बदलने पर आपत्ति की। राउत ने कहा कि शिवसेना ने एनडीए से निकलने का औपचारिक ऐलान नहीं किया था। इसके बावजूद उनकी जगह बदल दी गई।
सोनिया से मुलाकात के बाद पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार गठन के बारे में चर्चा नहीं की। हमने सिर्फ राज्य में राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की।’’
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हम यह खोजने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी एक साथ आ सकते हैं। शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं के बीच कल एक बैठक है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार को लेकर अभीतक कुछ भी साफ नहीं हो पाया है। रविवार को महाराष्ट्र में अगली सरकार के मुद्दे पर एनसीपी की कोर कमेटीकी बैठक हुई।
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधायकों को संबोधित किया और भरोसा दिलाया कि भाजपा के बिना कोई सरकार नही बना सकता।
शिवसेना ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में दूसरी पार्टियों के सरकार गठन की मुश्किलों का भाजपा आनंद उठा रही है।
सूत्रों ने बताया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फोन पर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से बातचीत कर उनकी पार्टी का समर्थन मांगा। हालांकि इसे लेकर सोनिया ने कोई वचन नहीं दिया।
विश्लेषक ने कहा, ‘‘एक राष्ट्रीय पार्टी के साथ समझौता होगा और यह देखना होगा कि वह (कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी को उन्हें समर्थन देने के लिए कैसे समझा पायेंगे। क्या वह उग्र हिंदुत्व के रूख को नरम करेंगे, जिसका सहारा शिवसेना लेती है, या एक समस्या खड़ी होगी, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।’’
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा अगर कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने का विचार बना रही है तो उसे फिर अगले 5 सालों तक शिवसेना को परेशान नहीं करना चाहिए। तभी लोग कांग्रेस पर विश्वास कर सकेंगे।
सूत्रों का दावा है कि शिवसेना शाम 6 बजे के बाद समर्थन पत्र लेकर सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए शिवसेना राजभवन जा सकती है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शिवसेना को समर्थन देगी या नहीं इसका अंतिम फैसला कांग्रेस पार्टी के फैसले के बाद होगा
सूत्रों के मुताबिक 40 विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान से कह दिया है कि वह राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के हक में हैं।
मलिक ने रविवार की शाम संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिवसेना को पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से निकलना होगा क्योंकि (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में) इसका एक कैबिनेट मंत्री है। जब तक शिवसेना राजग नहीं छोड़ेगी तब तक हम घटनाक्रम पर नजर रखेंगे और इंतजार करेंगे।’’
महाराष्ट्र में सियासी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शिवसेना विधायकों के साथ बैठक में उद्धव ठाकरे ने एक बार वहीं रुख दिखाया।
राज्य में 21 अक्टूबर को हुए चुनावों के नतीजे आने के एक पखवाड़े बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, “वैकल्पिक व्यवस्था कुछ भी हो सकती है, वो नयी सरकार हो सकती है या राष्ट्रपति शासन लगना भी हो सकती है।”
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