एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की गुगली से महाराष्ट्र में सरकार का पेंच फंस गया है। सरकार गठन पर शरद पवार का बयान सुनकर शिवसेना की हालत खराब हो गई है। शिवसेना को अब समझ में नहीं आ रहा कि करे तो क्या करे।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर छाई धुंध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक बयान ने हर तरफ खलबली मचा दी है। खासकर वो लोग ज्यादा चौकन्ने हो गए हैं जो महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए दिन रात तिकड़म लगा रहे हैं।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर अभी भी स्थिति साफ नहीं हुई है बल्कि एनसीपी चीफ शरद पवार के बयानों ने सस्पेंस को और बढ़ा दिया है। पवार के इस दांव से शिवसेना सकते में है।
मलिक ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर निशाना साधा। फड़णवीस ने अपनी हालिया टिप्पणी में कहा था कि गैर भाजपा सरकार छह महीने से ज्यादा नहीं चलेगी।
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनाने की ओर आगे बढ़े रही हैं। हालांकि, अभी इनके बीच बातचीत फाइनल नहीं हुई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि 17 नवंबर को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी मिलकर इसपर चर्चा करेंगे।
सरकार गठन को लेकर उठापटक के बीच आज देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे के 21 दिन बाद ऐसा पहली बार हुआ जब लोगों को महसूस हो रहा है कि महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है। पहली बार शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की ज्वाइंट मीटिंग हुई और तीनों दलों के नेता मुंबई में एकसाथ बैठे।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी उठापटक के बीच मुंबई में बृहन मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के ठेकेदारों के ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापे पड़े हैं।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे के 21 दिन बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब लोगों को महसूस हो रहा है कि महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है। पहली बार शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की ज्वाइंट मीटिंग हुई।
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद जारी है। एक तरफ जहां शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेताओं के साथ मैराथन मीटिंग की वहीं दूसरी ओर कांग्रेस-एनसीपी नेताओं के बीच भी समन्वय बैठक हुई जिसमें सरकार बनाने को लेकर कॉमिन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हुई।
महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार गठन को लेकर कांग्रेस अब एक्शन में आ गई है। आज एनसीपी नेताओं के साथ कांग्रेस के नेता बैठक करनेवाले हैं।
कांग्रेस-एनसीपी के रूख के कारण शिवसेना सकते में है। शिवसेना के सूत्र अब ये कह रहे हैं कि अगर एनसीपी-कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो पाया तो शिवसेना फिर से चुनाव में जाने को तैयार है।
सरकार बनाने में हुई देरी की कवायद के लिए एनसीपी-कांग्रेस ने पूरा ठीकरा शिवसेना पर ही फोड़ दिया है। शिवसेना और बीजेपी के रिश्ते खराब होने के बाद से एनसीपी-कांग्रेस नई रणनीति बनाने में जुटी है लेकिन ये रणनीति कितना कारगर साबित होगी, फिलहाल ये कहना बेहद मुश्किल है।
महाराष्ट्र में कुर्सी की लड़ाई थमते नजर नहीं आ रही है। राज्यपाल की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है जिसके खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। शिवसेना का आरोप है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए उसे राज्यपाल ने उचित समय नहीं दिया।
आज एनसीपी विधायकों की अहम बैठक है जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर गतिरोध जारी है। एक तरफ एनसीपी-शिवसेना अबतक सरकार गठन का दावा नहीं कर सकी है तो दूसरी ओर बीजेपी ने भी अबतक बहुमत का जुगाड़ नहीं किया है जिसके बाद नौबत राष्ट्रपति शासन तक पहुंच गई।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत से मिलने के लिए लीलावती अस्पताल पहुंचे। संजय राउत की एंजियोप्लास्टी हुई है इसलिए शरद पवार उनका हाल जानने के लिए अस्पताल गए।
महाराष्ट्र में अब एनसीपी-कांग्रेस में खटपट शुरू हो गई है। नई सरकार पर मुंबई में शरद पवार से महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं की मीटिंग की खबर पर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले का बड़ा बयान सामने आया है।
महाराष्ट्र में सरकार का पेंच बरकरार है। सरकार गठन में सबसे बड़े प्लेयर बनकर उभरे शरद पवार ने सरकार को लेकर चुप्पी साध ली है और उनकी पार्टी किसे समर्थन देगी इस सवाल का जवाब नहीं दिया।
पहले खबर आई थी कि कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने के लिए मूड बना चुकी है लेकिन इसी बीच सोनिया गांधी ने एक फोन कॉल किया और सबकुछ बदल गया।
संपादक की पसंद