महाराष्ट्र में बीते तीन दिनों में जबरदस्त सियासी उतार-चढ़ाव दिखे। इन तीन दिनों में बीजेपी सत्ता पर काबिज भी हुई और सत्ता से बेदखल भी हो गई। इन तीन दिनों में जो चेहरा सबसे ज्यदा चर्चा में रहा वो अजित पवार का है।
महाराष्ट्र में रातोंरात बड़ा उलटफेर के बाद अचानक मुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस की सरकार को बचाने के लिए भाजपा हरसंभव कोशिशों में जुटी है। एक तरफ कानूनी दांव-पेच पर पार्टी विचार करने में जुटी है, दूसरी तरफ नितिन गडकरी, पीयूष गोयल जैसे केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की टीम को विधायकों से संपर्क के लिए मोर्चे पर लगाया गया है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर तीखा वार किया है। सामना में भगत सिंह कोश्यारी पर सीधा सवाल खड़ा किया गया है कि आखिर उन्होंने किस आधार पर देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई।
सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि फडणवीस सरकार को 27 नवंबर को ओपन बैलेट से फ्लोर टेस्ट देना होगा। इसकी वीडियोग्राफी भी होगी। फ्लोर टेस्ट प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही होगा।
मुंबई में NCP, कांग्रेस और शिवसेना के पक्ष वाले सभी विधायकों के इकट्ठा होने के मौके पर कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने बहुमत होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि “हमारे पास 162 विधायक है, इसीलिए हमें सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।”
महाराष्ट्र सरकार की मीटिंग में उपमुख्यमंत्री अजित पवार नहीं पहुंचे। उनके लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी के बराबर में कुर्सी डाली गई, जो खाली नजर आई।
महाराष्ट्र मुद्दे पर लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस सदस्यों ने भारी हंगामा किया। इस बीच पार्टी के दो सदस्यों हिबी इडेन एवं टी एन प्रतापन की मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की भी हो गई।
महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के बीच भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस के मुख्यमंत्री और NCP नेता अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के मद्देनजर शरद पवार ने कहा कि भाजपा का समर्थन करने वाले पार्टी विधायकों को पता होना चाहिए कि उनके इस कदम पर दल बदल विरोधी कानून लागू होगा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक ने शुक्रवार को दावा किया था कि उनके पार्टी प्रमुख ने 'आधुनिक युग के चाणक्य' अमित शाह को मात दे दी, लेकिन शनिवार की सुबह उनके लिए झकझोर देने वाली थी।
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने को जनादेश के साथ विश्वासघात करार देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा लोकतंत्र की सुपारी ले चुकी है।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार और उनकी बेटी व लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहिए।
हाराष्ट्र में शनिवार तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बाद बीजेपी-एनसीपी सरकार ने प्रभार संभाला। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति शासन को समाप्त करने की घोषणा की।
महाराष्ट्र की राजनीति में रातोंरात आए भूचाल में बीजेपी ने एनसीपी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। इस पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान सामने आया है।
शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने चुनाव जीता था और शिवसेना पीछे हट गई। महाराष्ट्र को स्थिर शासन की जरूरत थी। इसलिए हम साथ आए हैं। हम राज्य को एक स्थिर सरकार देंगे।
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार की सहमति से ही बीजेपी एनसीपी का गठबंधन मुकम्ममल हुआ है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच लगातार हो रही बैठकों के बीच बीजेपी ने ऐसी चाल चली कि सब देखते रह गए।
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महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच लगातार बैठक हो रही है लेकिन इसके बाद भी कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं हो पाई है इसलिए आज फिर बैठक होगी।
महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ चुकी राकांपा ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी प्रमुख शरद पवार ने भारतीय राजनीति के तथाकथित चाणक्य को अंतत: मात दे दी।
चुनावी नतीजों के करीब 30 दिन बाद महाराष्ट्र में आखिरकार सरकार का फाइनल फॉर्मूला सामने आ गया है। शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी की साझा सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर सकते हैं।
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