महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोराट, प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अहमद पटेल और वेणुगोपाल सोनिया गांधी के घर बैठक में शामिल हुए।
कांग्रेस सूत्रों ने सरकार गठन को लेकर कहा कि गैर भाजपा सरकार के दिसम्बर के पहके सप्ताह तक बन जाने की संभावना है। अगर शिव सेना कोई साम्प्रदायिक एजेंडा अपनाएगी तो कांग्रेस सरकार से बाहर आ जायेगी ।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर अबतक कुछ भी पूरी तरह साफ नहीं हो पाया है। इस बीच रामदास अठावले ने संजय राउत को सरकार गठन को लेकर एक फॉर्म्युला सुझाया है।
केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी आज मुंबई पहुंचे लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि वह महाराष्ट्र में शिवसेना और उनकी पार्टी के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में पार्टी बदलने के लिए विधायकों को 25 करोड़ रुपये से लेकर 50 करोड़ रुपये तक देने की पेशकश की जा रही है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं होने के बीच राकांपा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भाजपा राज्य को राष्ट्रपति शासन की दिशा में ले जा रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस कल यानी 9 नवंबर को राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने की तैयारी में हैं जिसके बाद राज्यपाल उन्हें केयर टेकर सीएम बने रहने को कह सकते हैं।
संजय राउत ने बीजेपी पर बड़ा हमला किया। संजय राउत ने कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है लेकिन महाराष्ट्र दिल्ली के आगे नहीं झुकेगा।
महाराष्ट्र में नयी सरकार के गठन को लेकर इंतजार और लंबा हो गया है। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर यानी शनिवार को समाप्त हो रहा है। इसके बाद राज्यपाल को संवैधानिक पहलुओं पर विचार करना पड़ेगा लेकिन उसके पहले अब पार्टियों का ये डर सता रहा है कि उनके विधायकों को कहीं बीजेपी तोड़ ना दे।
ठाकरे की अध्यक्षता में उनके बांद्रा स्थित आवास मातोश्री में हुई पार्टी के सभी विधायकों की बैठक में विधायकों ने दोहराया कि पदों एवं जिम्मेदारियों की समान साझेदारी के फार्मूले को लागू किया जाएगा जिसपर लोकसभा चुनावों से पहले सहमति बनी थी।
संजय राउत ने कहा कि सरकार गठन को लेकर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है।
महाराष्ट्र में चुनावों के नतीजे के एक पखवाड़े के बाद और भाजपा व शिवसेना के बीच शब्दों की तकरार के बाद इन दोनों दलों की सरकार बनने के करीब है। लेकिन, रोचक यह है कि हो सकता है कि सत्ता की खींचतान में संघ अपने चहेते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कुर्बानी दे दे।
महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव नतीजे आए 14 दिन हो गए हैं और विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में अब सिर्फ 48 घंटे का वक्त बचा है लेकिन बीजेपी और शिवसेना में जारी खींचतान को लेकर वहां अब तक सरकार नहीं बन पाई है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को भाजपा और शिवसेना से कहा कि वह महाराष्ट्र में जल्द से जल्द सरकार का गठन करें। साथ ही अपने रुख पर अडिग रहते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर काम करेगी।
महाराष्ट्र में अगले 72 घंटे राज्य की सियासत के साथ ही देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के लिए अहम हैं। ऐसे में नई सरकार के गठन की उल्टी गिनती भी शुरू हो चुकी है।
महाराष्ट्र में अचानक से सरगर्मियां बढ़ गई हैं। आज बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर बातचीत की शुरुआत हो सकती है। हालांकि दोनों अपने अपने रुख पर कायम हैं लेकिन आपस में बातचीत के संकेत भी देने लगे हैं।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से ही होगा। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति बदल रही है और न्याय की खातिर लड़ाई में उनकी पार्टी की ही जीत होगी।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है। सोमवार को अमित शाह-देवेंद्र फडणवीस और सोनिया गांधी-शरद पवार की मुलाकात हुई लेकिन इसके बाद भी सरकार बनाने को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई।
एनसीपी प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता नवाब मलिक का बड़ा बयान सामने आया है। एनसीपी ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना मिलकर सरकार बनाएं। अगर बीजेपी सरकार नहीं बना पाई तो विकल्प पर विचार किया जाएगा।
महाराष्ट्र में नई सरकार कब बनेगी, ये सवाल पिछले एक सप्ताह से बना हुआ है। बीजेपी और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद और फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्मूले पर खींचतान के बीच मुंबई में शिवसेना विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे भी शामिल रहे।
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