महागठबंधन के घटक दलों के बीच दरभंगा और मधुबनी सीटों को लेकर पेच अभी फंसा हुआ है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को भरोसा जताया कि लोग ‘महा मिलावट गठबंधन’ के बजाय एक स्थायी सरकार को चुनकर आगामी आम चुनावों में सही फैसला करेंगे।
राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर सीट बंटवारे को लेकर आठ जनवरी को हुई महागठबंधन की बैठक में भी वामपंथी दलों को आमंत्रित नहीं किया गया था।
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि अगर मनमुताबिक सीटें नहीं मिली तो वो सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ सकती है। ऐसे हालात में आज दिल्ली में एक अहम मीटिंग हो रही है जिसमें बिहार में महागठबंधन के दलों के बीच सीटों का बंटवारा तय हो सकता है।
आंकड़ों को लेकर भले ही अभी कयास लगाए जा रहे हों लेकिन एक बात साफ है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जो करिश्मा किया था उसे 2019 के चुनाव में दोहरा पाना मुश्किल नजर आ रहा है।
बिहार एक बार फिर सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में ठन गई है। आरजेडी ने कांग्रेस से अपना रूख साफ करने के लिए कहा है
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की बदायूं सीट से अपना-अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है।
देश में लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन में कांग्रेस को साथ लाने की एक और कोशिश सोमवार को की गई। यूपी में महागठबंधन ने कांग्रेस को 2 से बढ़ाकर 9 सीटें ऑफर की है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अनंत सिंह या उनकी पत्नी के लिए मुंगेर सीट चाहती है, जबकि राजद मुकेश सहनी को दरभंगा से तथा वृशिण पटेल को मुंगेर से चुनाव लड़ाना चाहती है।
सिन्हा ने बुधवार को कहा कि सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर विपक्षी दलों के फैसले के बाद ही राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित महागठबंधन पर अंतिम निर्णय हो सकता है।
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पाई है, जबकि अगले कुछ महीनों के बाद लोकसभा चुनाव हैं।
जेटली ने ट्वीट कर कहा कि सीएजी रिपोर्ट से सच्चाई की जीत हुई और महागठबंधन का झूठ बेनकाब हुआ है। जेटली ने पूछा कि लगातार झूठ बोलने वालों को लोकतंत्र कैसे दंडित करेगा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जनता का जबर्दस्त समर्थन होने का दावा करते हुए मंगलवार को कहा कि विपक्षी दलों का प्रस्तावित ‘‘महागठबंधन’’ राज्य स्तर के नेताओं का गठबंधन है जिसके लिए लोकसभा चुनाव में ‘‘कोई संभावना नहीं है।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाने की चल रही कोशिशों पर तंज कसते हुए शुक्रवार को जनता से इस ‘महामिलावट’ के प्रति सावधान रहने को कहा।
आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए विपक्ष की पार्टियों ने जिस महागठबंधन का गठन किया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उस महागठबंधन को महामिलावट बताया
क्या वाकई में प्रियंका गांधी की की राजनीति में एंट्री से कांग्रेस को लाभ होगा? इसी सवाल का जवाब जानने के लिए India TV ने CNX के साथ मिलकर एक पोल किया है। पोल के नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज बिहार की राजधानी पटना में रैली करने जा रहे हैं। करीब तीन दशकों के बाद कांग्रेस पटना में रैली करने जा रही है।
इस गठबंधन में पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के अलावा जीतन राम मांझी का हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी शामिल है। माना जाता है वामपंथी दल भी इस महागठबंधन में शामिल होंगे, हालांकि अब तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
ऐसा पहली बार है जब चुनाव में नीति और नीयत की बात नहीं हो रही। बात हो रही है तो सिर्फ मोदी की। ऐसा लग रहा है जैसे मोदी प्रधानमंत्री नहीं राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे हैं जिसमें पार्टी नहीं चेहरा मायने रखता है। तभी तो मोदी महागठबंधन की नीयत पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा, “भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी कार्रवाई ने कुछ लोगों को नाराज किया क्योंकि मैंने उन्हें सार्वजनिक धन लूटने के रोक दिया। उन्होंने ही ‘महागठबंधन’ बनाया है।”
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