झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन से अलग होने की घोषणा कर दी।
बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे के बाद सीपीआई-एमएल ने अपने खाते की 19 सीटों पर कैंडिडेट्स के नाम की घोषणा कर दी है।
इससे पहले मुकेश सहनी ने तेजस्वी पर ताबड़तोड़ कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के विचारों से प्रभावित होकर हमने उनसे समझौता किया था और महागठबंधन में शामिल हुए थे।
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए 28 अक्टूबर को मतदान शुरू होना है, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों में सीटों को लेकर तालमेल अभी तक नहीं बन पाया है।
बिहार के इस चुनावी दौर में सियासी माहौल लगातार बदल रहा है। शुक्रवार सुबह तक जहां सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) आमने-सामने नजर आ रहे थे, वहीं फिलहाल बताया जा रहा है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे के मामले को सुलझा लिया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सीटों के तालमेल को अंतिम रूप में देने में हो रही देरी से कांग्रेस के भीतर बेचैनी बढ़ रही है और ऐसे में पार्टी के भीतर ‘वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चे’ को लेकर भी एक राय उभरकर सामने आई है।
मिली जानकारी के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLSP सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किए जाने से नाराज है। इसके अलावा RLSP ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में उपेंद्र कुशवाहा का नाम सामने रखा है, जिससे RJD को इनकार है।
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ गई है। इधर, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के महागठबंधन में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनी है, लेकिन महागठबंधन के 'थिंकटैंक' गठबंधन के कुनबे को बढ़ाने में जुटे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गई हैं। इस दौड़ में कांग्रेस भी पीछे नहीं। कांग्रेस इस महीने कई विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल रैली करने की तैयारी में है।
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे सहित कई मुद्दों पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी का दावा है कि उन्हें राहुल गांधी से आश्वासन मिला है कि महागठबंधन में बेहतर 'समन्वय' की जरूरत के बारे में उनकी चिंताओं को दूर किया जाएगा।
झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ मिलकर 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की।
मांझी ने महागठबंधन में किसी भी तरह की अनबन से इनकार किया है। उन्होंने कहा, ''महागठबंधन अटूट है। विपक्षी दलों के नेता और जो गठबंधन में शामिल नहीं है, वे भी एक दूसरे से मिलते रहते हैं। लिहाजा इसे लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं है।''
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेताओं और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी के बीच जिस तरह की बयानबाजी हो रही है, उससे यह तय माना जा रहा है कि मांझी विधानसभा चुनाव के पूर्व फिर पलटी मारेंगे।
कांग्रेस के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के वक्त राजद ने कांग्रेस को नौ सीटों के अतिरिक्त राज्यसभा की भी एक सीट का आश्वासन दिया था। वक्त आया है तो मांगा जा रहा है। कांग्रेस के पास दो प्रमुख दावेदार हैं। शक्ति सिंह गोहिल और शत्रुघ्न सिन्हा। इन्हीं दोनों को आगे कर कांग्रेस की कोशिश राजद से एक सीट लेने की है।
बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) लागू नहीं किए जाने संबंधी प्रस्ताव के सर्वसम्मति से पास होने के बाद महागठबंधन में शामिल विपक्षी दलों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर 'मन डोलने' लगा है।
सूत्रों के मुताबिक शरद यादव शनिवार को रांची जाकर लालू प्रसाद से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि बैठक के बाद शरद यादव ने कुछ भी कहने से किनारा कर लिया है।
बिहार में विधानसभा चुनाव अभी भले ही दूर है परंतु अभी से ही सभी दलों ने सीटों को लेकर दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया है।
केंद्रीय विद्यालय की परियोजनाओं के लिए बिहार सरकार से मंजूरी की मांग कर रहे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को महागठबंधन साझेदारों के हस्तक्षेप के बाद अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया।
हम ने अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा में भी अकेले चुनाव लड़ने की बात कही है। पार्टी अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने आरोप लगाया है, मेरे बार-बार कहने के बावजूद ग्रैंड अलायंस (महागठबंधन) में को-अर्डिनेशन कमेटी का गठन नहीं किया जा सका...
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