महाशिवरात्रि का पर्व अमृतसिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र में मनाया जा रहा है। शिव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की खासा भीड़ देखने को मिल रही है। शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि के लिए विशेष व्यवस्था भी की गई है। देखें भक्तगण कैसे करें रहे है शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा।
करते हुए उनके सबसे आशान मंत्र- 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करना चाहिए। इसके अलावा शिव चालीसा का पाठ एक बार जरुर करना चाहिए। जानें पूरी शिव चालीसा।
महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2019) का पर्व इस बार 4 मार्च को मनाया जा रहा है। इस दिन शिव भक्त भगवान शकंर या भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर जाकर दूध से अभिषेक करते हैं, पूरे दिन भूखे रहकर उपवास करते हैं। जिससे बगवान शिव की पूजा पूरे मन से हो।
महाशिवरात्रि पर सोमवार को कुम्भ मेले में 50-60 लाख श्रद्धालुओं के गंगा और संगम में स्नान करने के संभावना है। महाशिवरात्रि का स्नान कुम्भ मेले का अंतिम स्नान है और इसके साथ मेला संपन्न हो जाएगा।
महाशिवरात्रि के दिन व्रतधारियों को इन दिनों में कई चीजें होती है। जिसका सेवन करना वर्जित माना जाता है। जानें किन चीजों का सेवन करना हानिकारक साबित हो सकता है।
मार्च 2019 की शुरुआत हो चुकी है। इसके साथ ही मार्च माह के कई खास व्रत-त्योहार का सिलसिला शुरु हो जाएगा। मार्च के पहले सप्ताह की महाशिवरात्रि पड़ रही है। यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। जानें पूरी व्रत-त्योहारों की लिस्ट।
मान्यता हैं कि पौराणिक काल में भगवान शिव जब सती की अग्नि-समाधि से काफी दुखी हुए थे तो उनके आंसू दो जगह गिरे थे। एक से कटासराज सरोवर का निर्माण हुआ तो दूसरे से पुष्कर का।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन माता पार्वती तथा भगवान शिव का विवाह हुआ था। अगर आप यह सर्च कर रहे है कि आखिर किस दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। जानिए आखिर किस दिन पड़ रही है...
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