एम नागेश्वर राव जो CBIvsCBI मामले के दौरान अंतरिम प्रमुख थे उनको CBI से हटा दिया गया है। नागेश्वर राव को अब डीजी फायर सर्विस बना दिया गया है जो पहले आलोक वर्मा को दिया गया था।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंगलवार को कहा कि नागेश्वर राव ने स्पष्ट तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की है।
एम नागेश्वर राव ने सोमवार को स्वीकार किया कि सीबीआई का अंतरिम प्रमुख रहते हुए जांच एजेंसी के पूर्व संयुक्त निदेशक ए के शर्मा का तबादला करके उन्होंने ‘गलती’ की और उन्होंने उच्चतम न्यायालय से इसके लिये माफी मांगते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी।
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई से जुड़े कई मामलों की सुनवाई या तो हो चुकी है या फिर जारी है। इनमें आलोक वर्मा, राकेश अस्थाना के मामले शामिल हैं। गौरतलब है कि इससे पहले नागेश्वर राव से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई भी खुद को अलग कर चुके हैं।
सीबीआई के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने भारी फेरबदल करते हुए 20 अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इन अधिकारियों में 2जी घोटाला मामले की जांच करने वाले अधिकारी विवेक प्रियदर्शी भी शामिल हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक के रूप में एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई से सोमवार को खुद को अलग कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजते हुए कहा है कि सीवीसी आलोक वर्मा के खिलाफ दो हफ्तों में जांच पूरी करे। कोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज के सुपरविजन में इस मामले की जांच होगी।
मंगलवार देर रात कैबिनेट की नियुक्ति समिति की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इस बैठक में सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर के तौर पर नागेश्वर राव की नियुक्ति का फैसला लिया गया
नागेश्वर राव के खिलाफ कई गंभीर आरोप: प्रशांत भूषण
CBI में भूचाल की इनसाइड स्टोरी Exclusive
छुट्टी पर भेजे गए आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना
छुट्टी पर भेजे गए आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना, छापेमारी के बाद सीबीआई दफ्तर सील, नागेश्वर राव बने अंतरिम निदेशक
संपादक की पसंद