चिकित्सकों का कहना है कि धूम्रपान फेफड़े के कैंसर की मुख्य वजह मानी जाती थी, लेकिन हाल के दिनों में यह बात भी सामने आई है कि फेफड़े के कैंसर के बढ़ते मामलों में प्रदूषित हवा की भूमिका भी बढ़ रही है।
दिल्ली के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने चार साल की एक बच्ची के एक गुर्दे से कैंसर वाला ट्यूमर निकालकर उसे जीवनदान दिया।
क्या आपको यह बात पता है कि आपकी सिगरेट की एक कश आपके शरीर में कितना प्रभाव डालती है? नहीं पता तो चलिए हम आपको बताते है कि सिगरेट की एक कश लेने से आपके शरीर में कितने रासायनिक परिवर्तन होते है।
यदि आप ई-सिगरेट को सुरक्षित मानते हैं तो अपनी धारणा बदल डालिए क्योंकि एक नए अध्ययन में पता चला है कि इसमें वही विषाक्त रासायनिक पदार्थ होते हैं जो तम्बाकू के धुएं में पाए जाते हैं। इससे फेफड़ों का जीवाणु रोधी रक्षा तंत्र बाधित होता है।
चाय की पत्तियों से प्राप्त नैनोपार्टिकल्स फेफड़ों की कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते है और उनमें से 80 प्रतिशत तक को नष्ट कर सकते है। भारतीय और ब्रिटिश वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक अध्ययन में यह पाया है।
सर्वाइकल कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा 16 से 30 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में होता है। महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाला एचपीवी (ह्यूमन पेपीलोमा वायरस) जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन गंभीर रूप लेने पर आगे जाकर सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। जानिए लक्षण और कैसे करें रोकथाम के बारें में
लंग्स कैंसर मुख्यता 55 से 80 साल की उम्र में होता है। इसके अलावा जो 15-16 साल से लगातार स्मोकिंग कर रहा है, तो उसे भी लंग्स कैंसर होने के चांसेस ज्यादा होते है। जानिए इसका और कारण साथ ही जानें लक्षण।
हाल में ही एक रिसर्च हुई इसके अनुसार कुछ चीजे खाने से पेट के कैंसर का खतरनाक कभी नहीं हो सकता है। जो कि चौकाने वाला रिसर्च है। जानिए इस रिसर्च में क्या आया सामने...
आमतौर पर इसके शुरुआती लक्षणों को आप तभी जान सकते है। जिन लोगों की उम्र 55 से 80 साल के बीच होती है। उन्हें लंग्स कैंसर होने की संभावना सबसे अधिक होती है। अगर आप खुद पर ज्यादा ध्यान दें। जानिए इसके शुरुआती लक्षण।
ज्यादातर लोगों का मानना है कि लंग कैंसर स्मोकिंग की वजह से होता है। लेकिन जो लोग स्मोकिंग नहीं करते हैं उन्हें भी यह कैंसर हो सकता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
एक शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि जो लोग धूम्रपान छोड़ देते हैं और टमाटर और फलों का ज्यादा सेवन करते हैं, उनमें 10 साल की अवधि में फेफड़ों की कार्यप्रणाली में गिरावट कम होती है।
लगातार खांसी होने पर तुरन्त किसी विशेषज्ञ को दिखाए, क्योकि यह किसी गंभीर बीमारी या कैंसर होने के लक्षण हो सकते है। जानिए और संकेत, लक्षण और बचने के उपाय के बारें में...
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