सावन का दूसरा सोमवार 6 अगस्त को है, इस दिन बेहद शुभ संयोग बनने जा रहा है। इस संयोग में पूजा करने से भगवान हर मनोकामना पूरी करते हैं। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से राशिनुसार क्या करें उपाय।
श्रावण मास के सोमवार के दिन पार्थिव पूजन करना आपके लिये बड़ा ही फलदायी साबित होगा। पार्थिव पूजन से यहां मतलब- मिट्टी का शिवलिंग बनाकर, उसकी विधि-पूर्वक पूजा करके और पूजा के बाद उसे विसर्जित कर देने से है। जानिए पूरी पूजा विधि...
हमारे धर्मशास्त्रों में ऐसे निर्देश दिए गए हैं, जिससे धर्म का पालन करते हुए पूरी तरह प्रकृति की रक्षा भी हो सके। यही वजह है कि देवी-देवताओं को अर्पित किए जाने वाले फूल और पत्र को तोड़ने से जुड़े कुछ नियम बनाए गए हैं। साथ ही जानें कि भगवान शिव को कैसे अर्पित करें।
भगवान शिव का सावन मास प्रिय माने जाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं है जो प्रचलित है। जानिए इनके बारें में।
कई बार होता है कि हमें अकाल मृत्यु का भय सताने लगता है। कई बार ये इतना बढ़ जाता है कि हम घर से बाहर निकलने से भी कतराने लगते है। अगर आपके साथ ही कुछ ऐसा हो रहा है तो भगवान शिव के इस मंत्र का जाप करें। आपको हर डर से निजात मिल जाएगा।
कहा जाता है कि भोलेनाथ की पूजा करने से वही नही बल्कि सारे भगवान ख़ुश हो जाते हैं। शिव पुराण के अनुसार शिव जी के भक्तों को शिवलिंग पर कभी भी नीचे दी गयी वस्तुएं नहीं चढ़ानी चाहिए।
हरा रंग हमारे सौभाग्य से जुड़ा माना जाता है। आपने देखा होगा कि इस माह अधिक मात्रा में महिलाएं हरी रंग की चूड़ियां या कपड़े पहनती है। इसके पीछे भी कारण है। जानिए क्या?
शिव की तरह कमर पर बाघ की खाल जैसा कपड़ा लपेटे और गेरुआ पोशाक पहने तेज प्रताप ने शिवभक्तों के साथ मंदिर में पूजा की। इस दौरान वह शंख भी बजाते नजर आए। पूजा के बाद वह अपने समर्थकों के साथ बाबाधाम के लिए रवाना हो गए।
इस पवित्र माह में ऐसे कई काम है जो नहीं करना चाहिए। जिससे की भगवान शिव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की कृपा आपके ऊपर बनी रहें। इसलिए सावन के पवित्र महीने में ये काम बिल्कुल न करें। जिसके कारण आपके ऊपर शिव की कृपा बनी रहें। जानिए कौन से कान नहीं करने चाहिए, साथ ही इसका कारण।
Sawan 2018: सावन बहुत ही शुभ है। इसलिए भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा करें। इस खास मौके में अपने सगे, संबंधियों को भी सावन की शुभकामनाएं दें। आज हम आपको कुछ ऐसे मैसेज बता रहे हैं। जिन्हें भेजकर आप सावन की शुभकामनाएं दे सकते है। पढ़े सावन के कुछ खास मैसेज।
महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है, लेकिन इस मंत्र के जप में कुछ सावधानियां बरतना चाहिए जिससे कि इसका संपूर्ण लाभ आपको मिले। जानिए जाप करते समय क्या न करें गलतियां।
ज के दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत किया जाता है और उनकी विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। आज के दिन भगवान शिव की पूजा करके लाभ पाने का विधि विधान से पूजा करनी ताहिए। जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारें में।
सावन में भगवान और भक्त के बीच की दूरी कम होती है। शिवजी बहुत भोले माने जाते हैं, उनका नामभर लेने से वह प्रसन्न हो जाते हैं। सावन में आप भगवान शिव को केवल बेलपत्र से ही नहीं इन 8 पत्तों से भी प्रसन्न कर सकते हैं। जानिए किन चीजों से करें भगवान शिव को प्रसन्न
रावण मास के सोमवार के दिन जो व्यक्ति विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करता है और व्रत करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। जानिए राशिनुसार भगवान शिव के किन मंत्रों का करें जाप।
श्रावण मास आज के दिन, यानी 28 जुलाई से शुरू होकर 26 अगस्त तक रहेगा। श्रावण मास को शिव भक्ति के लिये जाना जाता है। इस दौरान चारों तरफ भोले बाबा के नाम की गूंज सुनाई देती है। इस बार सावन बहुत ही महत्वपर्म होगा। ऐसा संयोग 19 साल बाद पड़ रहा है। क्योंकि इस बार सावन पूरे एक माह के लिए होगा।
भगवान शिव की पूजा आदि करता है और प्रदोष का व्रत रखता है, वह सभी पापकर्मों से मुक्त होकर पुण्य को प्राप्त करता है और उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है। जानिए पूजा विधि और कथा के बारें में।
पांच साल पहले विधानसभा चुनाव के समय चौहान ने आपके समक्ष पत्र लिखकर राज्य की साढ़े सात करोड़ जनता के लिए आपकी अंश मान अर्चना की थी।
ज्योतिषचार्यों के अनुसार अधिकमास 3 साल में एक बार आता है। इस मास में सोम प्रदोष बनना बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन कुछ उपाय कर आसानी से आप भगवान शिव की कृपा सकते है। जानिए आज के दिन कौन से उपाय खोल सकता है आपकी किस्मत के दरवाजे।
अधिक मास में प्रदोष व्रत का होना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ-साथ इस बार प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ रहा है। जिसके कारण इसका महत्व तीन गुना और बढ़ गया है। 11 जून को सोम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। जानिए पूजा विधि और महत्व...
शुक्र प्रदोष व्रत 2018: शुक्रवार को पड़ने वाली प्रदोष व्रत अच्छा भाग्य और दंपत्ति की खुशियों को बनाए रखने के लिए होता है। जानिए पूजा का सही समय और पूजा विधि।
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