देश में दशहरे की धूम मची है। एक तरफ दशहरे पर महिषासुर मर्दिनी देवी दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा तो दूसरी तरफ असत्य पर सत्य की जीत के रूप में जगह जगह रावण दहन होगा।
सावन महीने की शिवरात्रि 6 अगस्त को है। इस दिन पूजा करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
श्रावण मास के दूसरे सोमवार के दिन भगवान शिव की कृपा से विशेष फलों की प्राप्ति के लिये आज कौन-से विशेष उपाय करने चाहिए जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
सावन सोमवार को व्रत करने से पहले पूजा सामग्री की लिस्ट एक बार फिर चेक कर लें कहीं कोई सामान अधूरा न रह जाए...
शास्त्रों में सावन को लेकर कई नियम बनाए गए है। जिन्हें मानना आवश्यक माना जाता है। ये नियम मनुष्य के आचरण के साथ-साथ खानपान को लेकर बताए गए है। जानिए सावन माह में किन कामों को करने की मनाही है।
मास शिवरात्रि व्रत भगवान शिव के लिये निमित्त है और यह हर माह के कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्रत के बाद किया जाता है।
आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए पूर्णिमा के साथ बिल्व त्रिरात्रि में कैसे भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाकर करें अपनी हर मनोकामना पूर्ण।
प्रत्येक प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है, लेकिन शनि प्रदोष होने से आज के दिन शनिदेव की विशेष रूप से उपासना की जायेगी |
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार महाशिवरात्रि के मौके पर शिव का सबसे कल्याणकारी मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए, लेकिन शिव के मंत्र से पहले दुर्गा कवच पढ़ना चाहिए।
महाशिवरात्रि के मौके पर जानिए उन बॉलीवुड गानों के बारे में, जिन्हें सुनकर आप शिव की अलौकिक अनूभूति में खो जाएंगे।
बेलपत्र को संस्कृत में 'बिल्वपत्र' कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता जाता है बेलपत्र और जल से भगवान शंकर का मस्तिष्क शीतल रहता है। पूजा में इनका प्रयोग करने से वे बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं।
बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष को बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि बुध प्रदोष का व्रत करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कौन-कौन से उपाय करना होगा शुभ।
कहते हैं महाशिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बेल के पत्तों से शिव जी की पूजा करता है और रात के समय जागकर भगवान के मंत्रों का जप करता है, उसे भगवान शिव आनन्द और मोक्ष प्रदान करते हैं |
शास्त्रों के अनुसार माना जाता हैं कि महाशिवरात्रि के खास मौके पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से हर प्रकार के दोषों से छुटकारा मिल जाता है। जानिए शुभ मुहूर्त, समाग्री और जलाभिषेक करने का तरीका।
शिवपुराण में बताया गया है कि कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जिन्हें गलती से शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
मास शिवरात्रि का व्रत करके और कुछ खास उपाय करके आपको भी लाभ उठाना चाहिए । आज अपनी परेशानियों का हल निकालने के लिये, जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
शास्त्रों में मंगलवार और शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष का अत्यधिक महत्व होता है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार इस बार त्रयोदशी तिथि के साथ मंगलवार का दिन भी है और मंगल का एक नाम भौम है। अतः इस दिन को भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
हर साल फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को अत्यंत ही प्रिय महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पारण, पूजा विधि और व्रत कथा।
शनिवार के दिन त्रयोदशी तिथि पड़ती है, तो वह प्रदोष, शनि प्रदोष कहलाता है। अतः आज शनि प्रदोष व्रत है और शनि प्रदोष के दिन भगवान शंकर के साथ ही शनिदेव की पूजा का बड़ा ही महत्व है।
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