सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा जिसे देखने के बाद आप भी भावुक हो सकते हैं। वीडियो में बच्चे भजन पर जमकर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं।
मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि के दिन मां सीता और भगवान राम का विवाह हुआ था। हिंदू धर्म में यह पर्व अति श्रेष्ठ और लाखों भक्तों की आस्था से जुड़ा हुआ है। राम विवाह के उपरांत माता कैकयी ने सीता जी को पूरा स्वर्ण से बना महल मुंह दिखाई की रस्म में भेंट किया था। जो आज भी अयोध्या नगरी में विद्धमान है।
आज विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर करुणा के सागर प्रभु श्री राम और मां जानकी का विवाह हुआ था। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी पड़ती है और इस दिन मां सीता और प्रभु राम का विवाह उत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव मिथिला नगरी जनकपुर और अयोध्या धाम में भव्यता से मनाया जाता है।
Vivah Panchami 2023: इस साल 17 दिसंबर को भगवान राम और माता सीता का विवाह उत्सव मनाया जाएगा। विवाह पंचमी के दिन कुछ विशेष उपायों को करने से जीवन की कई परेशानियों का समाधान मिलता है।
Vivah Panchami 2023 Upay: अगर आप अपने पसंद का साथी चाहते हैं तो इस विवाह पंचमी के दिन इन उपायों को जरूर करें। इन उपायों की मदद से आपको मनपसंद जीवनसाथी की शीघ्र प्राप्ति होगी।
आज शनिवार का दिन है और इस दिन शनि देव के साथ ही साथ शमी के पौधे की भी पूजा का विधान है। माना जाता है कि इस पेड़ की पूजा भगवान राम ने रावण से युद्ध करने से पहले कि थी। वहीं शनि देव का भी यह सबसे प्रिय पौधा है। आइए जानते हैं इसके क्या प्रमुख लाभ हैं।
अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम मंदिर का उद्घाटन ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय बनने वाला है। इसके लिए अमेरिका समेत कई अन्य देशों ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। दुनिया के जितने देशों में भारतीय बसे हैं, वहां-वहां बड़े आयोजन की रूपरेखा बनाई जा रही है। भारत सरकार इन आयोजनों को सफल और ऐतिहासिक बनाने में पूरी मदद कर रही।
पूरे देश में 22 जनवरी के दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियां बड़े ही जोरों-शोरों पर है। इसी कड़ी में अब महाराष्ट्र के सभी धार्मिक स्थलों ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिस दिन अयोध्या में भगवान राम की प्राणप्रतिष्ठा होगी, उसी दिन महाराष्ट्र के हर मंदिर को भी दीपकों से रौशन किया जाएगा।
Vivah Panchami 2023 Significance: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का विशेष महत्व है। कहते हैं कि इसी दिन भगवान राम और माता सीता विवाह के बंधन में बंधें थे।
Ramayan Mythology Story: अशोक वाटिका में माता सीता के हाथों में एक घास का तिनका रहता था, जिसे देख कर रावण डरता था। आखिर इसके पीछे की क्या वजह थी आइए जानते हैं।
Dussehra 2023 Date: हर साल दशहरा का पर्व नवरात्रि के अंतिम दिन मनाई जाती है। दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार दशहरा पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। तो आइए जानते हैं दशहरा की सही डेट, मुहूर्त और महत्व।
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर से अजीबोगरीब बयान दे दिया है। चंद्रशेखर ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद मर्यादा पुरुषोत्तम थे।
2024 Lok Sabha Election: सीताराम कहिए प्रधानमंत्री बनिए. यही फॉर्मूला लॉन्च हुआ है. लगातार दो दिन से हो रहा है. यह फॉर्मूला स्पेशेफिक दो राज्यों के लिए बनाया गया है. यूपी प्लस बिहार. 80 सीट प्लस 40 सीट. कुल 120 सीटों का इक्वेशन है.
मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक उमंग सिघार ने अजीबोगरीब बयान दिया है, जिससे सियासी बवाल होना तय है। उन्होंने भगवान राम की मदद करने वाले और हनुमान को आदिवासी बता दिया है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आज कर्नाटक के मांड्या में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि कर्नाटक से यूपी का संबंध पुराना है। योगी ने कहा कि भगवान राम यूपी से थे तो हनुमान की जन्मस्थली कर्नाटक है।
राम भक्तों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है जनवरी 2024 में राम मंदिर में भगवान रामलला अपने मूल गर्भगृह में विराजमान होंगे। कर्नाटक से लाई गई शिला पर मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज मूर्ति को तैयार करेंगे।
2 दिन के इस मानस सम्मेलन में रामचरित मानस पर मानस मर्मज्ञ द्वारा 'रामचरित मानस आज के युग में महत्व' पर चर्चा होगी । गौरतलब है 2 महीने पहले रामचरित मानस पर तमाम बड़े नेताओं द्वारा विवादित टिप्पणियों के बाद बाबा की नाराजगी सामने आई थी।
पैंथर्स पार्टी द्वारा उधमपुर में आयोजित एक रैली में अब्दुल्ला ने कहा कि कृपया इस धारणा को अपने दिमाग से निकाल दें कि राम सिर्फ हिंदुओं के भगवान हैं।
Ram Navami Special Story: भगवान राम को लेकर लोगों की आस्था भारत ही नहीं नेपाल में भी बहुत अटूट है। यहां राम जी को भगवान नहीं बल्कि दामाद के रूप में पूजा और माना जाता है। तो आइए जानते हैं यहां स्थित धनुषा धाम के बारे में।
Ram Navami 2023: मान्यताओं के मुताबिक, प्रभु राम ने सीता स्वंयवर के समय जब शिव धनुष को तोड़ा था तब वह तीन हिस्सों में टूट गया था। इसी धनुष का एक हिस्सा नेपाल के इस हिस्से में जा गिरा था। आज भी इस जगह पर उस धनुष के हिस्से की पूजा की जाती है।
संपादक की पसंद