वर्धा में राष्ट्रीय 'पीएम विश्वकर्मा कार्यक्रम प्रदर्शनी' के दौरान पीएम मोदी शिल्पकार से पूछते हैं कि आपसे मुझे क्या खरीदना चाहिए। इसके बाद कारीगर पीएम मोदी को भगवान जगन्नाथ की कलाकृति खरीदने के लिए कहता है। पीएम मोदी के मूर्ति खरीदने और डिजिटल भुगतान करने का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है।
भाजपा नेता संबित पात्रा ने भगवान जगन्नाथ से जुड़े बयान के लिए माफी मांगी है। संबित पात्रा ने कहा कि मुझसे अनजानें में यह गलती हुई है।
Utpanna Ekadashi 2022: उत्पन्ना एकादशी व्रत मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जगन्नाथ मंदिर जाने वाली सड़क के दोनों ओर कतारबद्ध खड़े होकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिवादन किया। ओडिशा के मयूरंभज जिले से ताल्लुक रखने वाली और आदिवासी समुदाय से आने वाली मुर्मू ने मंदिर के सिंहद्वार के सामने 34 फुट ऊंचे अरुण स्तंभ को छूआ।
Jagannath Rath Yatra 2022: जुलाई का महीना कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है. इस महीने के साथ ही विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा, गुरु पूर्णिमा, सावन सोमवार व्रत और हरियाली तीज जैसे व्रत और त्यौहार भी शुरू हो जाएंगे।
पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा इस बार 01 जुलाई, शुक्रवार से शुरू होगी। भगवान जगन्नाथ श्रीहरि भगवान विष्णु के मुख्य अवतारों में से एक हैं।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में तीन सप्ताह तक चली चंदन यात्रा संपन्न हुई।
ओडिशा के 24 जिलों में भगवान जगन्नाथ के नाम पर 60,426 एकड़ जमीन पंजीकृत है। इसके अलावा 395 एकड़ जमीन पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार में है।
सुप्रीम कोर्ट से रथयात्रा को अनुमति मिलने पर भारतीय जनता पार्टी ने राहत की सांस ली है। हिंदुत्व की राजनीति की वजह से भाजपा इस मुद्दे को अपनी प्रतिष्ठा से भी जोड़कर देख रही थी।
ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों को बधाई दी है।
भगवान जगन्नाथ के पास कुल 626.44 करोड़ रुपए की नगदी है, जिसमें से 592 करोड़ रुपए को येस बैंक में जमा रखा गया है।
तीर्थ नगरी पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज शुरू हो गई है। रथयात्रा बृहस्पतिवार को पवित्र शहर पुरी से शुरू हुई। भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु पुरी पहुंचे है।
बारहवीं सदी के जगन्नाथ मंदिर का कोषागार 34 साल के अंतराल के बाद एक बार फिर निरीक्षण के लिए खोला गया
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