देश के पहले लोकसभा चुनाव में 17 करोड़ से अधिक भारतीय मतदाताओं ने भाग लिया और उन्होंने अंग्रेजों के इस अनुमान को गलत साबित कर दिया कि भारतीय समाज लोकतंत्र का दायित्व नहीं निभा पाएगा। आज हम आपको आजाद भारत के पहले संसदीय चुनाव से जुड़ी कुछ रोचक बाते बताते हैं।
कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले धन की कमी का जिक्र किया था क्योंकि पिछले वर्षों के आयकर रिटर्न के विवादों को लेकर आयकर विभाग ने पार्टी के कुछ बैंक खातों पर रोक लगा दी थी। लेकिन कांग्रेस ने लोकसभा और चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में दिल खोलकर खर्च किया है।
अमेरिका की यात्रा कर रहे राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम में कहा कि वे लोकसभा चुमाव 2024 को स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखते हैं। वह इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखते हैं।
हैदराबाद में और औरंगाबाद में असदुद्दीन ओवैसी मजमा लगाकर क्या समझा रहे हैं और अमेरिका के टेक्सास में राहुल गांधी क्या बता रहे हैं? इस रिपोर्ट के पहले फ्रेम से लेकर आखिरी फ्रेम तक बहुत ग़ौर से देखिए.
क्या देश के मुसलमानों को एक बार फिर डराने और भड़काने की कोशिश हो रही है...आज ये सवाल इसलिए क्योंकि बीते 24 घंटे में हैदराबाद से लेकर संभाजीनगर और दिल्ली से लेकर लखनऊ तक वक्फ बिल के बहाने मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है...सड़कों पर आने का ऐलान हो रहा है...
अब बात महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की.....जिनके नए बयान के बाद महाराष्ट्र में NDA का टेंशन बढ़ना तय है...अजित पवार ने कहा है कि समाज परिवार तोड़ने को पसंद नहीं करता है....उन्हें इसका अहसास है और वो अपनी गलती मान चुके हैं...अजित पवार ने ये बयान गढ़ चिरौली में रैली के दौरान दिया.....
प्रशांत किशोर ने कहा कि 'अबकी बार, 400 पार' का नारा भले ही बीजेपी ने दिया, लेकिन इसे भुनाया विपक्ष ने। इसके अलावा योगी समर्थकों का डर भी बीजेपी के लिए नुकसानदेह साबित हुआ।
यूपी में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच जबरदस्त घमासान छिड़ा हुआ है...योगी और अखिलेश के बीच जुबानी जंग चल रही है..लाल टोपी के मुद्दे पर वार-पलटवार जारी है...
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में हुए खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को सौंप दिया है। पार्टी की ओर से यह जानकारी दी गई है कि किस उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए खर्च के तौर पर पार्टी की ओर से कितने पैसे दिए गए।
बदलापुर में बच्चियों के यौन शोषण के मामले में शिंदे सरकार का रवैया अपराधियों को बचाने वाला रहा..मुख्यमंत्री का जिला होने के बावजूद जिस तरह इस मामले में लापरवाही बरती गई.
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कल्याण के लिए भी समितियां गठित की गई हैं। ओबीसी कल्याण समिति के अध्यक्ष भाजपा के गणेश सिंह होंगे, जबकि उनके पार्टी सहयोगी फग्गन सिंह कुलस्ते एससी और एसटी कल्याण समिति के अध्यक्ष होंगे।
लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी सेना में भर्ती किए गए भारतीयों को लेकर बयान दिया है। जयशंकर के मुताबिक रूस की सेना में 91 भारतीय नागरिक शामिल हुए थे, इनमें से आठ नागरिकों की मौत हो चुकी है।
वक्फ बिल पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने JPC का गठन किया है। इस JPC में 31 सांसद रहेंगे। JPC में लोकसभा के 21 सांसद और राज्यसभा के 10 सांसद रहेंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करेंगी। इस विधेयक में बैंक खाताधारकों को अपने बैंक खाते के लिए अधिकतम 4 नॉमिनी बनाने का विकल्प दिया जाएगा।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिल को जेपीसी में भेजा गया है, वहां क्या होगा, क्या मालूम। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि वक्फ अमेंडमेंट बिल, 2024 मुल्क को बांटने के लिए लाया गया है, जोड़ने के लिए नहीं, आप मुसलमानों के दुश्मन हैं, यह बिल इस बात का सबूत है। उन्होंने लोकसभा में अपने भाषण की एक क्लिप भी सोशल मीडिया पर शेयर की।
लोकसभा में गुरुवार को भारतीय वायुयान विधेयक पर चर्चा की गई। इस दौरान राजधानी दिल्ली में सड़कों पर वाहनों के भारी दबाव का मुद्दा भी उठा। भाजपा सांसद ने दिल्ली में हवाई टैक्सी चलाने की मांग की है।
गुरुवार को लोकसभा में वक्फ बिल पेश हुआ जिस पर काफी हंगामा हुआ। हालांकि, भाजपा की सहयोगी जेडीयू इस बिल के समर्थन में दिखी। जेडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा है कि ये बिल कहीं से भी मुस्लिम विरोधी नहीं है।
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पेश कर दिया गया है। इस बिल का कांग्रेस, सपा समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने जोरदार विरोध किया है।
वक्फ बोर्ड कानून में संसोधन का कई पार्टियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इस कानून में 40 संसोधन किए जा सकते हैं। अन्य विपक्षी दलों के साथ सपा भी इस संसोधन का विरोध कर सकती है।
विपक्षी दलों ने बु सरकार से आग्रह किया कि वक्फ (संशोधन) बिल को लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इस पर गौर करने के लिए इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
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