18वीं लोकसभा के नए अध्यक्ष पर NDA के उम्मीदवार के निर्विरोध चुने जाने की संभावना नहीं बन रही है। इस प्रतिष्ठित पद के लिए अब विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है।
देश की 18वीं लोकसभा में ओम बिरला को एनडीए की ओर से लोकसभा स्पीकर का उम्मीदवार बनाया गया है। सरकार के सहयोगी दलों ने बीजेपी नेता के नाम पर अपना समर्थन जताया है।
लोेकसभा स्पीकर के नाम को लेकर एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने बीजेपी का समर्थन पहले ही कर दिया था। 18वीं लोकसभा में एनडीए से ओम बिरला ही 'लोकसभा स्पीकर' के उम्मीदवार होंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद अब नई सरकार का गठन हो चुका है और संसद का सत्र भी शुरू हो चुका है। इस बीच अब मंगलवार को लोकसभा के स्पीकर पद के लिए नामांकन भरा जाएगा।
कांग्रेस का कहना है कि जिस सदन में सरकार पहले राहुल गांधी को ही नहीं संभाल पा रही थी, अब उसी सदन में प्रियंका गांधी भी आ रही हैं। इंडिया गठबंधन के बड़े-बड़े प्रबल नेता, प्रखर वक्ता सब आने वाले हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोकसभा का स्पीकर बीजेपी का होगा जबकि डिप्टी स्पीकर का पद एनडीए के घटक दलों के पास जा सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आवास पर आज मंगलवार को एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में एनडीए के घटक दलों के नेता शामिल हुए।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा जो तीन जुलाई तक चलेगा। लोकसभा सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक 26 जून को स्पीकर पद का चुनाव होगा। कितना अहम होता है स्पीकर का पद, क्या होते हैं अधिकार? जानें इस खास रिपोर्ट में-
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद संसद का नया सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है। ये सत्र तीन जुलाई तक चलेगा। इस बीच लोकसभा के स्पीकर के चुनाव की तारीख भी सामने आ गई है।
लोकसभा के स्पीकर पद के लिए जहां NDA ने बीजेपी के सांसद और पूर्व स्पीकर ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया है वहीं विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ने कांग्रेस के सांसद कोडिकुन्नील सुरेश पर दांव खेला है।
सरकार बनाने के लिए बीजेपी आवश्यक बहुमत से पीछे रह गई है, इसलिए प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए टीडीपी और जेडीयू का समर्थन महत्वपूर्ण हो गया है। ऐसे में आदित्य ठाकरे ने इन दोनों पार्टियों को एक बड़ी सलाह दी है।
कोटा से लोकसभा सदस्य भाजपा के ओम बिरला को 2019 में लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। 2024 में बिरला ने कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल को हराकर कोटा संसदीय सीट बरकरार रखी। इसके साथ ही वह 20 वर्षों में निचले सदन के लिए दोबारा निर्वाचित होने वाले पहले पीठासीन अधिकारी बन गए।
संसद में हुई सुरक्षा चूक मामले में विपक्षी दलों का हंगामा लगातार जारी है। भारी हंगामे के बड़ी संख्या में विपक्षी दलों के सांसदों को निलंबित किया गया है। इसे लेकर सांसदों ने काफी नाराजगी व्यक्त की है।
13 को संसद की सुरक्षा में सेंधमारी देखने को मिली थी। इस मामले पर अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों को खत लिखा है। उन्होंने इस पत्र में 13 दिसंबर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की।
महिला आरक्षण बिल पर मतदान के वक्त विनायक राउत, ओमराजे निंबालकर, संजय जाधव और राजन विचारे सदन में मौजूद नहीं थे। आरोप है कि मतदान के वक्त संजय जाधव और ओमराजे निंबालकर लॉबी में घूम रहे थे लेकिन सदन में नहीं आए।
Unparliamentry Words: सरकार ने भ्रष्ट, तानाशाह, एशेम्ड, एब्यूज़्ड, बिट्रेड और हिप्पोक्रेसी जैसे कई शब्दों को अनपार्लियामेंट्री घोषित कर दिया है। ये वह शब्द हैं जिनके संसद में इस्तेमाल पर मनाही है और इसे लेकर कार्रवाई भी हो सकती है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल 19 से 21 अप्रैल के बीच वियतनाम के तीन दिवसीय दौरे पर रहेगा। वियतनाम की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, बिरला नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वुओंगदिन्ह ह्यू और वियतनाम के राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक से मुलाकात करेंगे।
कांग्रेस द्वारा संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार किए जाने पर ओम बिरला ने कहा, ‘‘जनप्रतिनिधि होने के नाते यह हमारा दायित्व है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में मर्यादित और गरिमापूर्ण आचरण करें। संसद की मर्यादाओं और उच्च गरिमापूर्ण परम्पराओं को कायम रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस तरह के बहिष्कार से मन व्यथित होता है।’’
संसद के मानसून सत्र में हंगामे के दौरान विपक्षी सदस्यों के आचरण की कड़ी निंदा करते हुए राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने बुधवार को सभापति से आग्रह किया कि वह इसके लिए एक समिति का गठन करें और दोषी सदस्यों के खिलाफ ‘‘कड़ी से कड़ी कार्रवाई ’’ करें। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से पहले गोयल ने पूरे सत्र के दौरान विपक्षी दलों द्वारा किए गए हंगामे और इस दौरान कागज फाड़कर आसन की ओर फेंकने सहित अन्य विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दल सत्र की शुरुआत से ही संसद ना चलने देने की ठानकर आए थे।
कोरोना वायरस महामारी के बीच संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस दौरान कोविड संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन नहीं हुआ है उन्हें आरटी-पीसीआर जांच करवाने को कहा जाएगा।
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