चार साल का यह पैकेज कुल आठ अरब अमेरिकी डॉलर का बैठता है। इन दो अरब में से एडीबी अपनी ‘रियायती खिड़की’ के तहत दो प्रतिशत की निश्चित दर पर करीब एक अरब डॉलर देगा।
देश के कई बैंक म्यूचुअल फंड के बदले 10 से 15 प्रतिशत की ब्याज दरों पर लोन मुहैया कराते हैं। बताते चलें कि अगर आपके पास इक्विटी म्यूचुअल फंड है तो आप उसकी वैल्यू का 50 प्रतिशत मार्जिन गिरवी रखना पड़ेगा।
क्रेडिट स्कोर की मदद से ही बैंक ये पता लगाते हैं कि किसी ग्राहक को लोन देने में कितना रिस्क है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर कुछ ज्यादा ही खराब है तो बैंक आपको लोन देने से सीधा मना कर सकता है।
NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां और फिनटेक कंपनियां जरूरतमंद लोगों को पर्सनल लोन मुहैया कराती हैं। लेकिन अगर आप किसी फिनटेक कंपनी के मोबाइल ऐप से पर्सनल लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो यहां आपको बहुत सावधान रहना होगा।
आपने 8.20 प्रतिशत की ब्याज दर पर 30 साल के लिए होम लोन लिया है और आपकी EMI 22,000 रुपये बन रही है। तो फिक्स्ड रेट होम लोन में पूरे 30 साल तक आपको 8.20 फीसदी की ब्याज दर से ही लोन चुकाना होगा और आपको पूरे 30 साल तक हर महीने 22,000 रुपये की ही EMI देनी होगी।
घर में नए कमरे बनवाना, बाथरूम की संख्या बढ़ाना या फर्नीचर के काम में मोटा खर्च आता है। इतना ही नहीं, पर्सनल लोन सबसे महंगा लोन होता है। जिसके लिए आपको 13 से 15 प्रतिशत तक का ब्याज चुकाना पड़ता है।
पंजाब नेशनल बैंक 8.75 से 10.60 प्रतिशत तक की ब्याज दरों पर कार लोन दे रहा है। पीएनबी कार लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 1000 रुपये से 15,000 रुपये तक ले रहा है। पीएनबी से कार लोन लेने पर आपको हर महीने 10,319 से 10,772 रुपये तक की ईएमआई चुकानी होगी।
ताजा बढ़ोतरी के बाद भारतीय स्टेट बैंक ग्राहकों से 3 साल के लिए 9.10 प्रतिशत और दो साल के लिए 9.05 प्रतिशत ब्याज वसूलेगा। इसके अलावा एक महीने, तीन महीने और छह महीने की अवधि के लिए ब्याज दरें 8.45 से लेकर 8.85 प्रतिशत तक की रेंज में रहेगा।
पहले चरण में 6,098.93 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 11,50,193 किसानों को लाभ मिला, जबकि दूसरे चरण में 6,190.01 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 6,40,823 किसानों को मदद मिली।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दरें नियंत्रणमुक्त हैं और अकसर बैंक फंड्स आकर्षित करने के लिए डिपॉजिट रेट्स में बढ़ोतरी करते हैं। शक्तिकांत दास ने कहा, ''बैंक ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।''
केनरा बैंक के मुताबिक, तीन वर्षीय एमसीएलआर 5 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 9.40 प्रतिशत होगी, जबकि दो वर्षीय एमसीएलआर 9.30 प्रतिशत होगी।
2021-22 में झारखंड सरकार ने 50,000 रुपये तक के फसल ऋण माफ करने की घोषणा की। सरकार ने 4.73 लाख से अधिक किसानों के 50,000 रुपये तक के ऋण माफ किए हैं और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये से अधिक दिए हैं।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 31 हजार करोड़ रुपये की ऋण माफी योजना तीन चरणों में लागू की जाएगी और अगस्त तक यह पूरी होगी।
पर्सनल लोन एक तरह से असुरक्षित लोन होते हैं। ऐसे में बैंक सही मूल्यांकन के बाद ही इसे ऑफर करते हैं। हर बैंक या संस्थान के अपने मानदंड होते हैं, और जो उन्हें पूरा कर सकते हैं उन्हें पर्सनल लोन दिया जाता है।
अगर आप अपने होम लोन को किसी दूसरे बैंक को ट्रांसफर करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको प्रोसेसिंग फीस, एप्लीकेशन चार्ज, एडमिनिस्ट्रेशन फीस, रिव्यू फीस, और बहुत कुछ सहित विभिन्न शुल्कों का सामना करना पड़ सकता है।
रेवंत रेड्डी ने कहा, ''मंत्रिमंडल ने 12 दिसंबर, 2018 से नौ दिसंबर, 2023 तक पांच साल की अवधि के लिए राज्य के किसानों द्वारा लिए गए दो लाख रुपये के कर्ज को माफ करने का फैसला किया है।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्रता शर्तों सहित ऋण माफी का विवरण जल्द ही एक सरकारी आदेश (जीओ) में घोषित किया जाएगा।
सलाहकार फर्म ने कहा कि कुल लोन बाजार में 2024-2026 के बीच भारतीय रियल एस्टेट में 14,00,000 करोड़ रुपये (170 अरब डॉलर) के वित्तपोषण के अवसर की संभावना है।
क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में वृद्धि आरबीआई की कार्रवाई से पहले के 30 प्रतिशत से घटकर अब 23 प्रतिशत हो गई है, जबकि एनबीएफसी को बैंक ऋण देने की वृद्धि पहले के 29 प्रतिशत से घटकर अब 18 प्रतिशत हो गई है।
वित्त वर्ष 2023-24 में दिए गए लोन की संख्या 35 प्रतिशत बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो गई। पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल ऋणदाताओं के कुछ व्यवहार पर चिंता जताई है और उनके संचालन के लिए दिशानिर्देश का ड्राफ्ट भी तैयार किया है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी और शुक्रवार को समाप्त होगी। इसमें देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति, मानसून की स्थिति, वैश्विक कारकों आदि के आधार पर नीतिगत दरों पर फैसले लिए जाएंगे।
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