भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक और पार्टी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत एक बार फिर से बिगड़ गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी को दिल्ली एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
LK Advani's birthday & BJP Leaders:देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे लाल कृष्ण आडवाणी को मंगलवार जन्मदिन की बधाई देने के लिए तांता लगा रहा। पीएम मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह ने उनके दीर्घायु होने की कामना की है।
पीएम मोदी पिछले साल 2020 में भी लाल कृष्ण आडवाणी के जन्मदिन पर उनके घर पहुंचे थे और केक कट किया था। तब उन्होंने ट्वीट करके कहा था, "मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए आडवाणी जी का सहयोग और मार्गदर्शन अमूल्य है। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अपार है।"
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव की दृष्टि से यह बैठक राज्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस बैठक में अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा होगी।
मोदी के अनुसार मंच पर से आडवाणी सहित अन्य नेताओं ने रोकने का काफी प्रयास किया, मगर भीड़ उन्मादी थी और किसी को सुनने के लिए तैयार नहीं थी। पूरी घटना से आडवाणी सहित वहां उपस्थित तमाम नेता काफी दुखी थे।
लखनऊ की विशेष CBI अदालत ने बाबरी विध्वंस मामले में फैसला सुनाया और लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अब मुरली मनोहर जोशी ने कोर्ट के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जोशी ने कहा कि वह अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन एक ऐतिहासिक पल था।
बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि जिन अधिवक्ताओं ने शुरुआत से ही हर स्तर पर मामले के तथ्यों को सही तरीके से न्यायलय के सामने रखा, उनके परिश्रम और लोगों की गवाही से यह फैसला आया है। जोशी ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन अहम वक्त था। अब राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है, जय जय सिया राम, सबको सन्मति दे भगवान।
सीबीआई की विशेष अदालत 1992 में मुगलकालीन बाबरी मस्ज्दि ढहाए जाने के मामले पर बहुप्रतिक्षित फैसला बुधवार को सुनाएगी। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित 32 आरोपी हैं।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह का लंबी बीमारी के बाद 82 साल की उम्र में रविवार को निधन हो गया। उनके निधन पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने गहरा शोक जाहिर किया।
अपने शोक संदेश में लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा है कि लंबे समय तक मेरे करीबी और सहयोगी रहे प्रणब मुखर्जी के निधन से मुझे गहरा शोक हुआ है।
अयोध्या में 5 अगस्त को भूमिपूजन कार्यक्रम की तैयारी जोर-शोर से चल रही है जिसके लिए अब अयोध्या को पीले रंग में रंग दिया गया है। भूमिपूजन का कार्यक्रम उसी गर्भगृह पर रखा गया है, जहां 1949 से रामलला विराजमान थे।
भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले की सुनवायी कर रही सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष शुक्रवार को अपने बयान दर्ज कराए।
सीबीआई की विशेष अदालत ने बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के सीआरपीसी की धारा—313 के तहत बयान दर्ज कराने की तारीख 24 जुलाई तय की है।
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने एनआईसी निदेशक को निर्देश दिया कि वह बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सहित नौ आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए उनके आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था करें ।
सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को मामले के आरोपियों पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी व उमा भारती से कहा कि बयान दर्ज कराने के लिए अदालत के बुलाने पर उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ेगा।
वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी फिल्मकार विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 'शिकारा : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित' देखकर भावुक हो गए।
राम जन्मभूमि आंदोलन के शिल्पकार एवं भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने शनिवार को कहा कि वह पूरे दिल से अयोध्या मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के आए फैसले का स्वागत करते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को शपथ दिलाएंगे जिसका गवाह बनेंगे करीब 8 हज़ार मेहमान लेकिन पिछले तीन दशकों से भारतीय चुनावी इतिहास में अपनी पार्टी, राज्य और संसदीय क्षेत्र की आवाज बनने वाले कुछ प्रमुख चेहरे इस बार संसद में नजर नहीं आएंगे।
लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को बधाई दी है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात में सांप्रदायिक दंगों के बाद यह तय कर दिया था कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस्तीफा देना चाहिए
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