बिहार चुनाव में सियासत का अजब खेल दिख रहा है। सियासत के रंग में राजनीतिक दल कहीं आपस में गहरे दोस्त हैं, लेकिन बिहार के इस चुनावी मैदान में आमने-सामने खड़े हो कर ताल ठोंक रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सब सत्ता के नजदीक पहुंचने का खेल है।
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने स्पष्ट कहा है कि उन्हें नीतीश का नेतृत्व स्वीकार नहीं है, हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहने की बात कही थी। जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए भाजपा सहित एनडीए के सभी घटक दलों के कार्यकर्ता पूरी मेहनत कर रहे हैं।
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) बाहर हो गई है। लोजपा जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तारीफ में कसीदे गढ़ रही है, वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर आलोचना कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) और बीजेपी के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है।
बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के मामले को सुलझाने में लगे NDA के घटक दलों JDU और LJP में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अभी भी नहीं थम रहा है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा ) को ऑफर की गई सीटों को लेकर बैचेनी के बीच पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान द्वारा शनिवार को पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है, जिसमें यह तय होगा कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी राजग के साथ मिलकर चुनाव लड़े या अकेले लड़े।
भाजपा के शीर्ष नेताओं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ बैठक कर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजग के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के मामले को सुलझाने का प्रयास किया।
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दो दिन बाद नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी, लेकिन राज्य के दो प्रमुख गठबंधनों राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन में अभी भी सीटों को लेकर रार ठनी हुई है।
बिहार का विधानसभा चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण समझा जाता है, इसके परिणाम सिर्फ राज्य की राजनीति तक ही सीमित नहीं रहते बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी इनका बड़ा असर होता है। ऐसे में अब सभी की नजर है कि इस बार बिहार विधानसभा में कौन सा गठबंधन बाजी मारेगा?
बिहार में इस साल होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर अब राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता अपने नए साथी की तलाश में जहां अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर नफा-नुकसान में जुट गए हैं, वहीं राज्य में नए समीकरण को भी बल मिल रहा है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख चिराग पासवान के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के सुर में सुर में मिलाने के बाद बिहार में कयासों का बाजार गर्म हो गया।
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ए.के. वाजपेयी ने IANS से कहा कि नीतीश सरकार की कमियों पर सवाल उठाने को नाराजगी से जोड़कर देखना उचित नहीं है।
बिहार की तीनों बड़ी पार्टियां (JD(U), RJD और LJP) इस चुनाव में AAP की आंधी में कहीं ठहरती नहीं दिखाई दीं। कई सीटों पर तो RJD को एक हजार वोट नसीब नहीं हुए।
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पटना में आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर राजग के घटक दलों के बीच सीट समझौते के बारे में पूछे जाने पर रामविलास ने कहा कि लोजपा, भाजपा एवं जदयू के बीच ''सिमेंटिग फोर्स''है।
पासवान ने कहा, ‘‘मुझे व्यक्तिगत रूप से आज बैठक में शिवसेना की कमी महसूस हुई क्योंकि यह पार्टी राजग के सबसे पुराने सदस्यों में से एक थी। यह चिंता की बात है कि पहले तेलुगू देशम पार्टी ने गठबंधन छोड़ा और इसके बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने ऐसा किया।’’
झारखंड में चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले ही क्षेत्रीय दलों के साथ बीजेपी की तकरार शुरु हो गई है। महाराष्ट्र में पहले हीं शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है और अब झारखंड में आजसु और लोक जनशक्ति पार्टी ने साथ छोड़ दिया।
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख और सांसद चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी झारखंड विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने के लिए तैयार है।
बिहार की राजनीतिक में धाक जमाने वाले दलों को झारखंड के विधानसभा चुनाव में खोई प्रतिष्ठा वापस पाना चुनौती बना हुआ है।
चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मंगलवार को दिल्ली में हुई लोजपा की हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चिरागपासवानी के नाम पर मुहर लगी है
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