एलआईसी आईपीओ को मार्च के पहले हफ्ते में नियामकीय मंजूरी के बाद खुलने की उम्मीद थी। हालांकि, अब आईपीओ लॉन्च शेड्यूल में बदलाव हो सकता है।
एलआईसी के अध्यक्ष एम आर कुमार ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के बीमाधारक उसके आईपीओ में छूट के हकदार होंगे। उन्होंने मीडिया के साथ एक बातचीत में कहा, ‘‘पीएमजेजेबीवाई उसका हिस्सा है और उनके (बीमाधारकों) लिए आईपीओ में आरक्षण होगा।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी पहले ही अपने मार्जिन को सात प्रतिशत अंक बेहतर करते हुए 9.9 प्रतिशत पर पहुंचा चुकी है। सरकार ने एलआईसी के अधिशेष एवं लाभ वितरण नियमों में बदलाव कर इसके मार्जिन में बढ़ोतरी का रास्ता आसान बनाया है।
एलआईसी की ओर से लाया जा रहा है आईपीओ का साइज अब तक भारतीय बाजार के लिए सबसे बड़ा होने की उम्मीद है।
मार्च, 2021 तक बिना दावे वाला कोष 18,495 करोड़ रुपये और मार्च, 2020 के अंत तक 16,052.65 करोड़ रुपये था।
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने 13 फरवरी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ दस्तावेज जमा कराए हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने इंडिया टीवी को बताया कि एलआईसी के ब्रांड वैल्यू को देखते हुए आम और नए निवेशकों में इस आईपीओ का क्रेज बहुत ज्यादा है।
LIC आईपीओ में पॉलिसीहोल्डर्स को 10 फीसदी शेयर सस्ते दाम पर अलॉट करने का प्रस्ताव है।
यदि आप भी पॉलिसी धारक हैं तो एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास दो चीजें होनी चाहिए
एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि निर्गम का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित रखा जा सकता है।
मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि एलआईसी के जुलाई-सितंबर 2021 के वित्तीय आंकड़े को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी की देखभाल करने वाले विभाग दीपम ने एलआईसी के मूल्यांकन का कार्य मिलिमैन एडवाइजर्स को सौंपा है।
एलआईसी ने बताया कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के दिशानिर्देशों के अनुरूप उसने एनपीए के लिए 34,934.97 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान भी किए हुए हैं।
DIPAM सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा है कि आईपीओ के लिए एलआईसी ने पूरी तैयारी कर ली है
यह सेवा उच्च बैंडविड्थ, विश्वसनीयता और सुरक्षा प्रदान करती है। यह आवाजाही के दौरान वाणिज्यिक और सरकारी स्तर के ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करती है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही का सितंबर महीना जीवन बीमा उद्योग के लिए सबसे अच्छा साबित हुआ।
सरकार की कोशिश है कि एलआईसी को इसी साल लिस्ट किया जाये। सूत्रों के मुताबित डीआरएचपी नवंबर में दाखिल कर दिया जाएगा, जिसके बाद चौथी तिमाही में इश्यू आ सकता है।
सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आगामी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के लिए सिरिल अमरचंद मंगलदास को कानूनी सलाहकार के रूप में चुना है।
भारत पेट्रोलियम और एलआईसी की सूचीबद्धता भी होनी है। मुझे भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक एलआईसी सूचीबद्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास हे कि इतिहास की दृष्टि से यह निजीकरण के लिए काफी महत्वपूर्ण साल होगा।’’
ऐसा माना जा रहा है एलआईसी के आईपीओ का आकार भारतीय बाजार में आए अभी तक के सभी आईपीओ से कई गुना अधिक होगा।
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