सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने 13 फरवरी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ दस्तावेज जमा कराए हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने इंडिया टीवी को बताया कि एलआईसी के ब्रांड वैल्यू को देखते हुए आम और नए निवेशकों में इस आईपीओ का क्रेज बहुत ज्यादा है।
LIC आईपीओ में पॉलिसीहोल्डर्स को 10 फीसदी शेयर सस्ते दाम पर अलॉट करने का प्रस्ताव है।
यदि आप भी पॉलिसी धारक हैं तो एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास दो चीजें होनी चाहिए
एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि निर्गम का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित रखा जा सकता है।
मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि एलआईसी के जुलाई-सितंबर 2021 के वित्तीय आंकड़े को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी की देखभाल करने वाले विभाग दीपम ने एलआईसी के मूल्यांकन का कार्य मिलिमैन एडवाइजर्स को सौंपा है।
एलआईसी ने बताया कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के दिशानिर्देशों के अनुरूप उसने एनपीए के लिए 34,934.97 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान भी किए हुए हैं।
DIPAM सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा है कि आईपीओ के लिए एलआईसी ने पूरी तैयारी कर ली है
यह सेवा उच्च बैंडविड्थ, विश्वसनीयता और सुरक्षा प्रदान करती है। यह आवाजाही के दौरान वाणिज्यिक और सरकारी स्तर के ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करती है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही का सितंबर महीना जीवन बीमा उद्योग के लिए सबसे अच्छा साबित हुआ।
सरकार की कोशिश है कि एलआईसी को इसी साल लिस्ट किया जाये। सूत्रों के मुताबित डीआरएचपी नवंबर में दाखिल कर दिया जाएगा, जिसके बाद चौथी तिमाही में इश्यू आ सकता है।
सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आगामी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के लिए सिरिल अमरचंद मंगलदास को कानूनी सलाहकार के रूप में चुना है।
भारत पेट्रोलियम और एलआईसी की सूचीबद्धता भी होनी है। मुझे भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक एलआईसी सूचीबद्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास हे कि इतिहास की दृष्टि से यह निजीकरण के लिए काफी महत्वपूर्ण साल होगा।’’
ऐसा माना जा रहा है एलआईसी के आईपीओ का आकार भारतीय बाजार में आए अभी तक के सभी आईपीओ से कई गुना अधिक होगा।
इस गठजोड़ के जरिये आईपीपीबी देशभर में विशेषरूप से बैंकिंग सुविधाओं से वंचित या कम सेवाओं वाले क्षेत्रों के विविध ग्राहकों की बैंकिंग और वित्तीय जरूरतों को पूरा करेगा।
सरकार ने 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक बीमा क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग के तहत 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम भारतीय जीवन बीमा निगम पर लागू नहीं होते हैं।
बीमा निगम सावधिक आश्वासन और ऊंचे जोखिम की योजनाओं को छोड़कर अन्य पॉलिसी के मामले में विलंब शुल्क में रियायत की पेशकश कर रही है। यह कुल भुगतान किये गये प्रीमियम पर निर्भर करेगा।
चालू वित्त वर्ष में अबतक सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों में मामूली हिस्सेदारी बिक्री और एक्सिस बैंक में एसयूययूटीआई हिस्सेदारी की बिक्री के जरिये 8,368 करोड़ रुपये की राशि जुटा चुकी है।
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