आपके मन में यह सवाल घूम रहा है कि इस आईपीओ में पैसा लगाएं या नहीं तो हम आपके सभी सवालों के जवाब शेयर मार्केट के शीर्ष विशेषज्ञों से लेकर दे रहे हैं।
एलआईसी ने अपने पॉलिसीधारकों को उनके मोबाइल फोन पर भेजे गए संदेश में आईपीओ से जुड़ी जानकारी दी है।
आईपीओ को लेकर जीवन बीमा के पॉलिसी होल्डर भी उत्साहित हैं क्योंकि उनके लिए अलग से छूट की घोषणा की गई हैं। रिटेल निवेशकों को भी डिस्काउंट दिया गया है।
आईपीओ के तहत सरकार कंपनी में अपने 22,13,74,920 शेयरों की बिक्री कर रही है और इसके लिए मूल्य दायरा 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।
वर्ष 1956 में एलआईसी के गठन के समय सरकार ने पांच करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया था।
कोई भी पॉलिसीधारक आरक्षित श्रेणी में दो लाख रुपये तक का निवेश कर सकता है, खुदरा श्रेणी में भी दो लाख रुपये तक का निवेश किया सकता है।
दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा देश की मूल्यवान कंपनी LIC का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) सभी भारतीयों को संपत्ति बढ़ाने का एक मौका दे रहा है।
उम्मीद के अनुरूप खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों को प्रति शेयर 45 रुपये की छूट मिलेगी। वहीं, जीवन बीमा के पॉलिसी होल्डर्स को प्रति शेयर 60 रुपये की छूट मिलेगी।
सरकार एलआईसी में 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है। इश्यू का आकार 21,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है
सूत्रों के अनुसार, जीवन बीमा के पॉलिसी होल्डर को आईपीओ प्राइस बैंड पर 10% की छूट मिल सकती है। साथ ही रिटेल निवेशकों को भी आईपीओ में छूट देने का फैसला हो सकता है।
कीमत की घोषणा एक या दो दिन में कर दी जाएगी। इश्यू का आकार अनुमानित ₹21,000 करोड़ बताया जा रहा है।
बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए सरकार को निर्गम का आकार 3.5 प्रतिशत पर लाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
एलआईसी में पांच फीसदी हिस्सेदारी या 31.6 करोड़ शेयर की बिक्री पहले मार्च में होने वाली थी लेकिन भूराजनीतिक तनाव के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था।
सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) नियमों में संशोधन किया है। इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलआईसी में 20 प्रतिशत तक एफडीआई का रास्ता खुल गया है।
सरकार के पास सेबी के पास जमा कराए गए दस्तावेज के तहत 12 मई तक आईपीओ लाने का समय है। अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।
भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रीमियम में चूक की तारीख 5 साल से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘दिसंबर के नतीजों के साथ एलआईसी के अद्यतन दस्तावेज (डीआरएचपी) दाखिल कर दिए गए हैं।’’ नवीनतम जानकारी के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एलआईसी को 235 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ।
अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।
भारतीय जीवन बीमा निगम में सरकार 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। इसके तहत 31 करोड़ से ज्यादा शेयर आईपीओ के जरिये आएंगे।
सरकार इसी महीने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 60,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था।
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