ये बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बुलाई गई है। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्य सचिव विजय देव, नीति आयोग के सदस्य वी.के. पॉल, राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं एवं गृह विभागों के सचिव तथा विशेषज्ञ शामिल होंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज की मीटिंग में प्रवासी मजदूरों के खाते में 5000 रुपये देने के बारे में अधिकारियों को रिपोर्ट देनी थी लेकिन प्रवासी मजदूरों के मामले पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई भी है। इसलिए शायद मीटिंग को टाल दिया गया है।
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के उपाय और मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसके मद्देनजर ही उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में आज 11 बजे दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की मीटिंग होने वाली है।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने यह आदेश दिया है कि दिल्ली के सभी अस्पताल अपने-अपने एंट्री गेट पर LED लगाकर बेड उपलब्धता की सूचना प्रसारित करें।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर एलजी अनिल बैजल के द्वारा उनका फैसला पलटे जाने पर नाराजगी जाहिर की है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में कानून-व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए सोमवार की देर रात उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास के बाहर डेरा डाला।
लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने आज शाहीनबाग में पिछले एक महीने से ज्यादा समय से सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनसे धरना खत्म करने की अपील की।
दिल्ली का असली बॉस कौन है, इस विवाद पर जस्टिस सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर अलग-अलग राय आई है। यानी ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार किसे है, इसे लेकर दोनों जजों की राय अलग-अलग है
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर बातचीत और तौर - तरीके पर चर्चा के लिए दिल्ली के सभी आरडब्ल्यूए (रेसीडेन्ट वेल्फेयर एसोसिएशन) और बाजार एसोसिएशनों के साथ बातचीत करेगी।’’ कल एक ट्वीट में मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए अनिवार्य मंजूरी के प्रावधान से घूसखोरी में बढ़ोतरी होगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दो इंजीनियरों को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। केजरीवाल ने यह कदम नालों की गाद सही तरीके से साफ न करवाए जाने पर उठाया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एक इंजीनियर और एक जूनियर इंजीनियर को पीडब्ल्यूडी ने निलंबित कर दिया है।
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर चली रस्साकशी का मामला दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचा था। उच्च न्यायालय ने चार अगस्त , 2016 को अपने फैसले में कहा था कि उपराज्यपाल ही दिल्ली के प्रशासनिक मुखिया है।
जेटली ने कहा कि दिल्ली निर्विवाद तौर पर एक केन्द्र शासित प्रदेश है। लिहाजा यहां का अधिकार अलग और स्पष्ट है। यहां पर केन्द्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन, केन्द्र सरकार के कार्यलयों, राष्ट्रपति भवन, विदेश के सारे दूतावास हैं। विदेश के प्रमुखों के लगातार यहां दौरे होते रहते हैं। इसलिए, यहां की पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और लैंड केन्द्र के नियंत्रण में है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के कुछ घंटों के बाद ही दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक बुलाई और इसी बैठक में ये तय कर लिया गया कि अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का काम दिल्ली सरकार देखेगी। कैबिनेट के इस फैसले के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बकायदा मीडिया से बात की और इस बारे में पारित आदेश की जानकारी दी।
उपराज्यपाल किरण बेदी के साथ विवादों को लेकर लंबे समय से चर्चा में बने नारायणसामी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि फैसला इस केंद्र शासित प्रदेश पर भी ‘‘पूरी तरह लागू’’ होता है...
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च अदालत ने आज अपने फ़ैसले में मौजूदा संवैधानिक प्रावधानों के हवाले से कहा कि दिल्ली में उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करने को बाध्य है। सिर्फ़ भूमि, क़ानून व्यवस्था और वित्त मामलों में दिल्ली सरकार के बजाय केंद्र सरकार के पास प्रभावी अधिकार है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में यह भी कहा कि उप राज्यपाल अवरोधक के तौर पर कार्य नहीं कर सकते। केजरीवाल ने फैसले के कुछ मिनटों के बाद ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली के लोगों की एक बड़ी जीत...लोकतंत्र के लिए एक बड़ी जीत...’’
दिल्ली की स्थिति बाकी केंद्र शासित राज्यों और पूर्ण राज्यों से अलग है, इसलिए सभी साथ काम करें। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संविधान का पालन सभी की ड्यूटी है, संविधान के मुताबिक ही प्रशासनिक फैसले लेना सामूहिक ड्यूटी है।
दिल्ली के सीएम और एलजी के अधिकारों पर चल रही सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों ने एक तरह से शर्तों के साथ दिल्ली का बॉस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माना है।
फैसले को चुनौती देने के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने पिछले साल 2 नवंबर से सुनवाई शुरू की थी। महज 15 सुनवाई में पूरे मामले को सुनने के बाद 6 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रखा गया था।
दिल्ली के सीएम और एलजी के अधिकारों पर चल रही सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों ने एक तरह से शर्तों के साथ दिल्ली का बॉस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माना है। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जनमत के साथ अगर सरकार का गठन हुआ है, तो उसका अपना महत्व है। तीन जजों ने कहा कि एलजी को दिल्ली सरकार की सलाह से काम करना चाहिए।
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