आर. सेल्वम ने कहा कि लेदर के कपड़े, सामान और जूते जैसे सेक्टरों में एक्सपोर्ट के बड़े मौके हैं। हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से रूस में पेमेंट संबंधी समस्याएं हैं, लेकिन रुपये में कारोबार करने वाले एक्सपोर्टर माल भेज सकते हैं। लेदर, लेदर के सामानों और जूते का निर्यात 2022-23 में 4.48
भारत में जूतों के लिए एक नया कानून आने वाला है। सरकार जुलाई से फुटवियर से संबंधित नए नियम लागू करने जा रही है। इससे आम लोगों को घटिया क्वालिटी के जूतों से निजात मिलेगी।
अधिकारी ने बताया कि व्यय वित्त समिति ने पहले ही मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे पहले आईएफएलएडीपी को 2,600 करोड़ रुपये के खर्च के साथ तीन वित्त वर्षों 2017-18 से 2019-20 के लिए मंजूरी दी गई थी।
कानपुर प्रशासन ने शहर की 91 चमड़े की टेनरियों को 'तत्काल बंद' करने का आदेश दिया है, जो गंगा नदी में अपना कचरा बहा रही हैं।
केंद्र सरकर ने चमड़ा व फुटवियर क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए 2,600 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज को आज मंजूरी दे दी है।
नोटबंदी की वजह से लेदर उद्योग पर सख्त मार पड़ रही है। लेदर की चीजों के उत्पादन में 60% की गिरावट आने की वजह से करीब 75 फीसदी कामगार बेरोजगार हो गए हैं।
सरकार आगामी बजट में चमड़ा और जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर के लिए टैक्स छूट देने पर विचार कर रही है। इससे मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात निर्यात को बढ़ावा मिल सके।
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