अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन में अफगानिस्तान के दो नागरिकों की मौत हो गई और प्राधिकारी उनके शव बरामद करने के प्रयास कर रहे हैं।
बहुगुणानगर में मकानों की दीवारों पर पड़ी मोटी दरारें देखकर डीएम दंग रह गए। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या वे इन्हीं मकानों में रह रहे हैं। इस पर लोगों ने डीएम को रुंधे गले से अपनी व्यथा बताई और भू-धंसाव से सुरक्षा के इंतजाम करने की गुहार लगाई।
न्यूजीलैंड में चक्रवाती तूफान गैब्रिएल तबाही मचा सकता है। मंगलवार को पूरे देश में इमरजेंसी घोषित की गई है। चक्रवाती तूफान के कारण व्यापक बाढ़ और भूस्खलन का अलर्ट जारी किया गया है।
डोडा के एसएसपी अब्दुल कयूम ने कहा, अब तक 19 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। चट्टानों को ढीले होने के कारण भूस्खलन हुआ। कयूम ने कहा कि भूवैज्ञानिकों और इंजीनियरों की एक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है।
उत्तराखंड सरकार का का दावा है कि बीते 72 घंटों में किसी मकान में नई दरार देखने को नहीं मिली है, लोगों को घबराने की जरुरत नहीं हैं। लेकिन तथास्तु होटल की दीवारों में आई दरारें सरकार की चिंता जरूर बढ़ा सकती है।
जम्मू कश्मीर में लैंड स्लाइड में फंसे 172 मजदूरों को भारतीय सेना ने बचा लिया। दरअसल,संकट की सूचना मिलते ही आर्मी कैंप गुंड से एक बचाव दल को तुरंत लाया गया, जिसने बर्फ से ढके मार्ग पर बातचीत की और उसी रात साइट पर पहुंच गया। जिससे फंसे हुए श्रमिकों को बचाया जा सका।
उत्तराखंड में जोशीमठ जैसी और भी आपदाएं आ रही हैं। पौड़ी, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग का भी यही हश्र हो सकता है। इन जिलों के स्थानीय लोगों को जोशीमठ जैसे संकट का खौफ है।
रुद्रप्रयाग के मरोड़ा गांव के नीचे भी टनल का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन टनल निर्माण के चलते मरोड़ा गांव के घरों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी हैं। कई घर तो दरार पड़ने के बाद जमींदोज हो चुके हैं और कई होने की कगार पर हैं।
क्या जोशीमठ की आपदा मानव निर्मित है? ये सवाल इसलिए अहम है क्योंकि बार-बार चेतावनी के बावजूद प्रशासन ने कोई पहल नहीं की. साल 1976 में ही जोशीमठ को लेकर सरकार को MC Mishra ने चेतावनी दी थी.
Uttarakhand के जोशीमठ में लगातार हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं। प्रशासन पहले ही प्रभावित मकानों वाले इलाक़े को डेंजर जोन घोषित कर चुका है। अब दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम शुरु हो रहा है।
जोशीमठ के लोगों का दर्द है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। घरों और सड़कों पर पड़ी दरारें की चौड़ाई लगातार बढ़ रही है। डेंजर जोन से लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है।
जोशीमठ में जमीन धंसने के चलते असुरक्षित हो चुके भवनों को गिराने का अभियान आज मंगलवार से शुरू किया जा रहा है। आज जोशीमठ के दो होटल्स 'होटल मलारी' और 'माउंट व्यू' को हटाया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित लोगों के स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, गौचर और अन्य स्थानों पर वैकल्पिक जगहों की पहचान की जानी चाहिए।
उत्तराखंड के जोशीमठ में ज़मीन फट रही है... सड़क, मकान, होटल सब जगह दरारें पड़ गई हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी हालात पर खुद नज़र बनाए हुए हैं। आज शाम को सीएम जोशीमठ के ताजा हालात पर हाई लेवल मीटिंग करने जा रहे हैं। #joshimathlandslide #superfast200 #top200
जोशीमठ की आबादी 25 से 30 हजार के करीब है। पहाड़ों पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है लेकिन लोग घरों से बाहर रहने को मजबूर हैं क्योंकि उनका घर फट रहा है। तकरीबन 3000 से ज्यादा जिंदगी इस वक्त खतरे में हैं।
जोशीमठ में घरों के अंदर दीवारों पर बड़े बड़े क्रैक आ गए हैं, रास्ते टूट गए हैं। इन्हीं रास्तों के बीच से नाले निकल रहे हैं। उन जगहों से पानी निकल रहा है जहां वर्षों से लोगों ने पानी नहीं देखा था। शहर के 500 से ज्यादा घर जमीन धंसने की वजह से प्रभावित हो गए हैं।
जोशीमठ में 500 घरों में दरारें पड़ गई हैं, लोग डरे हुए हैं। हाल ये है कि 10 से ज्यादा लोग अपने घर छोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब राज्य सरकार ने शहर को भू-धंसाव से बचाने के इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं।
Malaysia Landslide: अधिकारियों ने बताया कि कुआलालम्पुर से करीब 50 किलोमीटर दूर मध्य सेलांगोर के बतांग काली में एक ‘कैंपसाइट’ पर भूस्खलन हुआ, जहां 94 लोग मौजूद थे।
बताया जाता है कि कुआलालंपुर के बाहरी इलाके में एक पर्यटक शिविर स्थल (कैंपसाइट) में यह हादसा हुआ। 21 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
18 killed in Landslide in Malaysia: मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के बाहरी इलाके में एक पर्यटक शिविर स्थल क्षेत्र में बृहस्पतिवार देर रात हुए भूस्खलन में 18 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि 15 अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
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